प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य सचिव श्री रतन पी.वटल ने 08 अगस्त, 2018 को नई दिल्ली में वैश्विक नवाचार सूचकांक 2018 (Global Innovation Index 2018-GII) को भारत में लांच किया।
➤ भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में वर्ष 2017 के 60वें पायदान से चढ़कर वर्ष 2018 में 57वें पायदान पर पहुंच गया। भारत पिछले दो वर्षों से जीआईआई में अपनी रैंकिंग में निरंतर सुधार कर रहा है।
➤ यह सूचकांक संयुक्त रूप से विश्व बौद्धिक संपदा संगठन, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, इनसीड द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया जिसमें सीआईआई नॉलेज पार्टेनर है।
➤ भारत ने सर्वोच्च प्रदर्शन आईसीटी सेवाओं (सूचना व संचार प्रौद्योगिकी) में किया जिसमें उसे सर्वोच्च रैंकिंग हासिल हुई। श्रम उत्पादकता विकास में भारत को चौथी रैंकिंग हासिल हुई है।
➤ इस सूचकांक को वैश्विक स्तर पर जुलाई 2018 में लॉन्च किया गया।
➤ इस सूचकांक में सर्वोच्च रैंकिंग स्विटजरलैंड को प्राप्त हुयी है। उसके पश्चात नीदरलैंड, स्वीडेन, यूके व सिंगापुर का स्थान है।
➤ श्री रतन पी.वटल ने कहा कि जीआईआई 2018 की रिपोर्ट से एक और उद्देश्य पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे दुनिया की समान अर्थव्यवस्थाओं द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले उदाहरणों से अवगत होने के साथ-साथ यह समझने में मदद मिलती है कि इन देशों में इस तरह के बदलाव आखिरकार कैसे संभव हो पाए हैं।
➤ इस रिपोर्ट में भारतीय अध्याय का लेखन करने वाले परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोदकर ने कहा कि हमें निश्चित रूप से ऐसी रणनीतियां तैयार करनी चाहिए, जिससे हमारे यहां ऊर्जा की किल्लत दूर हो और हम सतत घरेलू ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने भारत की ऊर्जा समस्याओं से निपटने के लिए अभिनव तौर-तरीकों पर गौर करने की जरूरत पर बल दिया।
➤ विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के सहायक महानिदेशक श्री नरेश प्रसाद ने कहा कि जीआईआई ने विभिन्न राष्ट्रों को अपने नवाचार संबंधी प्रदर्शन की तुलना अन्य देशों से करने में समर्थ बना दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि विपो भारत के साथ मिलकर काम करना पसंद करेगा, ताकि उसके नवाचार परितंत्र का निर्माण हो सके। उन्होंने नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर काम करने के लिए सीआईआई की सराहना की।
वर्ष 2018 में विभिन्न देशों की रैंकिंग इस प्रकार हैः
स्विट्जरलैंड
नीदरलैंड
स्वीडन
यूनाईटेड किंगडम
सिंगापुर
संयुक्त राज्य अमरीका
फिनलैंड
डेनमार्क
जर्मनी
आयरलैंड