भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने 16 अगस्त 2018 को सभी बीमा कंपनियों को मानसिक बीमारियों को बीमा पॉलिसियों के दायरे में लाने का प्रावधान करने का निर्देश दिया है। बीमा कंपनियां अभी सभी हेल्थ इंश्योरेंस में मानसिक बीमारियों को कवर नहीं करती हैं।
कानून की धारा 21(4) में कहा गया है कि सभी बीमा कंपनियों को मेडिकल बीमा के तहत मानसिक रोग के इलाज का भी प्रावधान करना होगा। यह अन्य बीमारियों के लिए उपलब्ध सुविधा के अनुरूप ही होगा। यह अधिनियम 29 मई 2018 को लागू हुआ था।
सभी बीमा कंपनियों को मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा कानून, 2017 के इस प्रावधान का अनुपालन तत्काल प्रभाव से करना होगा। मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा कानून-2017 के तहत मानसिक रोग से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को अन्य प्रकार की बीमारियों से प्रभावित व्यक्ति के समान ही माना जाएगा।
हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?
हेल्थ इंश्योरेंस एक तरह की बीमा सेवा है, जिसमें मेडिकल और सर्जिकल खर्च का भुगतान किया जाता है।मुख्यत: यह पॉलिसी बीमा धारक को दुर्घटना या किसी रोग के समय अस्पताल, एम्बुलेंस, नर्सिंग केयर, सर्जरी, डॉक्टर से सलाह आदि के खर्च में मदद करती है। इन सब लाभ के लिए बीमा कंपनी से एक तय प्रीमियम देकर एक बीमा पॉलिसी लेनी होती है. इसे ही हेल्थ इंश्योरेंस कहते हैं।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) के बारे में
बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) भारत सरकार का एक प्राधिकरण है। इसका उद्देश्य बीमा की पालसी धारकों के हितों कि रक्षा करना, बीमा उद्योग का क्रमबद्ध विनियमन, संवर्धन तथा संबधित और आकस्मिक मामलों पर कार्य करना है. इसका मुख्यालय हैदराबाद में है। इसकी स्थापना संसद के अधिनियम आईआरडीए अधिनियम, 1999 द्वारा की गई थी।
यह प्राधिकरण विनियमों को जारी कर रही है जिसमें बीमा एजेंटों, विलेयता लाभ, पुन: बीमा, बीमाकर्ताओं का पंजीकरण, ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्र के बीमाकर्ताओं के दायित्व, लेखांकन की प्रक्रियाओं आदि सहित बीमा उद्योग को लगभग सम्पूर्ण भाग शामिल है।
बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) उपभोक्ता के हितों को सुनिश्चित करने के लिए बीमा कंपनियों का निरीक्षण करती है। आईआरडीए मौके के अलावा निरीक्षणों के माध्यम से उनके शोध क्षमता मामलों और वित्तीय रिर्पोटिंग मानदडों की नियमित निगरानी करता है।
आईआरडीए ने बीमा कंपनियों के कार्यालयों का स्थल पर निरीक्षण करने के लिए एक निरीक्षण विभाग की अलग से स्थापना की है। स्थल पर निरीक्षणों के दौरान, आईआरडीए, बीमा कंपनियों के माकिर्ट संचालन, परिचालन के तरीके और अभिशासन के मानदंडों सहित उनके सांविधिक प्रावधानों और विनियामक निर्देशों के अनुपालन की सीमा का निरीक्षण करता है।
पृष्ठभूमि
इरडा ने इससे पहले कहा था कि वह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के दायरे से 'बाहर' की बीमारियों की संख्या को कम करने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है। ऐसा होने से हेल्थ इंश्योरेंस में वे गंभीर बीमारियां भी शामिल हो जाएंगी जिनका इलाज अभी कवर नहीं होता। कुछ कंपनियां कैंसर आदि बीमारियों पर कवर देती हैं लेकिन उनका प्रीमियम इतना अधिक होता है जिसे आम आदमी समर्थ नहीं हो सकता। इरडा के नई व्यवस्था बनाने से कैंसर जैसी तमाम गंभीर बीमारियां कम प्रीमियम में कवर होने लगेंगी।