भारत स्टोरेज टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड (BEST) द्वारा संचालित विश्व का पहला थर्मल बैटरी संयंत्र आंध्र प्रदेश स्थित अमरावती में आरंभ किया गया।
इस संयंत्र का उद्देश्य नवीन ऊर्जा भंडारण व्यवस्थाओं का निर्माण करना है, जिसमें वाणिज्यिक अनुप्रयोग होने की उम्मीद है। इसका एक अन्य उद्देश्य कम कार्बन उत्सर्जन करना तथा हर मौसम में काम करने की क्षमता इसकी विशेषताएं हैं।
विशेषताएं
- यह संयंत्र मई 2019 से काम करना आरंभ कर देगा। भारत स्टोरेज टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड संयंत्र के लिए 1000 मेगावाट की बैटरी तैयार करने का सोच कर रहा है।
- वर्ष 2025 तक संयंत्र की क्षमता 10 गीगावाट होने का अनुमान है।
- थर्मल बैटरी ऊर्जा उत्पादन के वैकल्पिक स्रोतों पर आधारित है, और इसकी उपस्थिति से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है।
- यह संयंत्र विद्युत ग्रिड, परिवहन और दूरसंचार सेवाओं के लिए ऊर्जा समाधान प्रदान करने में सक्षम है।
थर्मल बैटरी तकनीक का कार्य
थर्मल बैटरी ऊर्जा संचालित करने के लिए थर्मल ऊर्जा का उपयोग करती है। इस बैटरी में ऊर्जा हस्तांतरण ताप को स्टोर करने में मदद करता है तथा यह ताप बैटरी के दूसरे हिस्से तक यात्रा करती है। इस हस्तांतरण के लिए थर्मल बैटरी के दो हिस्से हैं कूल ज़ोन तथा हॉट जोन।
इन दोनों भागों में चरण बदली सामग्री यौगिक के रूप में जाने जाते हैं जो भौतिक और रासायनिक प्रतिक्रिया के आधार पर अपनी स्थिति को बदल सकता है। जब थर्मल बैटरी के सिंक को ताप मिलता है तो यह भौतिक रूप से या रासायनिक रूप से बदल जाती है, जिससे ऊर्जा भंडार होती है, जबकि स्रोत ठंडा हो जाता है।
कार्यावधि के दौरान सिंक ठंडा हो जाता है इसलिए यह एकत्रित उर्जा को छोड़ता है। जब स्रोत ताप प्राप्त करता है तो सिस्टम किसी भी स्रोत से ताप प्राप्त कर सकता है। उर्जा ट्रांसमिशन के लिए थर्मल बैटरी तक तक कार्य कर सकती है जब तक ताप स्रोत मौजूद है।