शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) द्वारा पीस (शांति) मिशन अभ्यास 2018 चेबरकुल, रूस में 24 अगस्त 2018 को औपचारिक तौर पर शुरू हुआ। इस अभ्यास में सभी आठ एससीओ सदस्य देशों की सैनिक टुकड़ियों ने भाग लिया।
इन टुकड़ियों को रूस के सेन्ट्रल मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के चीफ कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एलेक्जेंदर पावलोविच लेपिन ने संबोधित किया। सैनिक टुकड़ियों द्वारा औपचारिक परेड चेबरकुल, रूस में कंबाइंड आर्मस रेंज में हुई।
शांति मिशन अभ्यास 2018
- यह अभ्यास एससीओ देशों की सशस्त्र सेनाओं को बहुराष्ट्रीय और संयुक्त माहौल के शहरी परिदृश्य में आतंकवाद की कार्रवाइयों से निपटने के प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करेगा।
- अभ्यास के दायरे में पेशागत बातचीत, ड्रिलों और अन्य प्रक्रियाओं की आपसी समझ, संयुक्त कमान और नियंत्रण अवसंरचनाओं की स्थापना तथा आतंकवाद के खतरे का सफाया शामिल है।
- इस अभ्यास में सबसे अधिक रूसी सेना के 1700 जवान, चीन के 700 और भारत के 200 जवान शामिल हैं।
- भारतीय दल में 167 जवान थल सेना (4 महिला अफसर) तथा 33 वायुसेना के जवान शामिल थे। इस अभ्यास के पाकिस्तान के 110 सैनिक शामिल थे।
- स्वतंत्रता के बाद यह पहला अवसर था जब भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने संयुक्त सैन्य अभ्यास में साथ भाग लिया।
- एससीओ शांति मिशन एससीओ देशों के बीच रक्षा सहयोग की प्रमुख पहल है और एससीओ रक्षा सहयोग के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक घटना है।
- संयुक्त सैन्य अभ्यास में शहरी क्षेत्र में आतंकवादियों के विरुद्ध ऑपरेशन का अभ्यास किया गया। इसमें सभी देशों में अपनी दक्षता व युद्ध कुशलता का आदान प्रदान किया।
स्मरणीय तथ्य
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शांति मिशन अभ्यास का आयोजन प्रत्येक दो वर्ष बाद किया जाता है। इसके आरंभिक दौर में इस अभ्यास में मध्य एशियाई देश ही हिस्सा लेते थे। जून, 2017 में भारत और पाकिस्तान को भी इस अभ्यास में शामिल किया गया।
शंघाई सहयोग संगठन के बारे में
शंघाई सहयोग संगठन राजनीतिक व सुरक्षा सहयोग संगठन है, इस संगठन के आठ सदस्य देश हैं। शंघाई के पूर्णकालिक सदस्य चीन, रूस, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्ता, किर्गिज़स्तान, भारत और पाकिस्तान हैं। इसका मुख्यालय चीन की राजधानी बीजिंग में स्थित है। सदस्य देशों की जनसँख्या विश्व की कुल जनसँख्या का 40% तथा सदस्य देशों की जीडीपी वैश्विक जीडीपी का 20% हिस्सा है।
एससीओ का उदय 'शंघाई फाइव' नामक संगठन से हुआ है, इसकी स्थापना 1996 में चीन ने की थी। इसमें रूस, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान और ताजीकिस्तान शामिल थे। वर्ष 2001 में उज्बेकिस्तान को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। इसके पश्चात् शंघाई सहयोग संगठन का जन्म हुआ। वर्ष 2005 में अस्ताना शिखर सम्मेलन की घोषणा के बाद यह एक क्षेत्रीय सुरक्षा संगठन के रूप में उभरा।