Monday 20 August 2018

काजीरंगा नेशनल पार्क दो वन्यजीव खंडों में विभाजित


असम स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क को दो भागाें में विभाजित किया गया है। इसमें पहले से मौजूद पूर्वी असम वन्यजीव के अलावा एक नया खंड ‘विश्वनाथ वन्यजीव’ का सृजन किया गया है। इन दोनों खंडों को ब्रह्मपुत्र नदी विभाजित करती है। इसका सृजन गहन वन्यजीव प्रबंधन के लिए किया गया है। इस हेतु असम पर्यावरण एवं वन विभाग ने 14 अगस्त, 2018 को अधिसूचना जारी की है।

➤ उपर्युक्त विभाजन के पश्चात असम का संपूर्ण वन खंड पूर्वोत्तर क्षेत्र में 160 किलोमीटर और विस्तृत हो जाएगा। इस तरह काजीरंगा नेशनल पार्क का कुल क्षेत्रफल 1030 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा। 1 जून, 1905 को जब यह प्रस्तावित रिजर्व फॉरेस्ट ने अपनी यात्र आरंभ की तब इसका क्षेत्रफल महज 232 किलोमीटर था।

विश्वनाथ वन्यजीव नामक नया खंड का मुख्यालय विश्वनाथ चैरियाली होगा। इससे होजाई स्थित मध्य असम वनीकरण खंड को 160 किलोमीटर और दूर ले जाया गया है। इस विस्तारित खंड को नया वन्यजीव खंड नाम दिया गया है।

➤ इससे पूर्व काजीरंगा नेशनल पार्क को पूर्वी असम वन्यजीव खंड द्वारा प्रशासित किया जाता था जिसका मुख्यालय बोकाखात था जो कि ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित था। इस खंड का सृजन 1966 में किया गया था।

➤ विभाजन से पूर्व पूर्वी असम वन्यजीव खंड के पांच रेंज थे; पूर्वी या अग्राटोली, काजीरंगा या कोहोरा, पश्चिमी या बागोरी, बुरापहाड़ या उत्तरी। इसमें उत्तरी को छोड़कर सभी ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित हैं। अब उत्तरी क्षेत्र, जिसका क्षेत्रफल 401 वर्ग किलोमीटर है, को ही विश्वनाथ वन्यजीव खंड नाम दिया गया है। इसके चार रेंज हैं; पूर्वी या गामिरी, मध्य या विश्वनाथ घाट, पश्चिमी या नागशंकर एवं अपराध अन्वेषण रेंज।

➤ इस उद्यान की स्थापना 1908 में मैरी कर्जन की सिफारिश पर की गई थी। 1968 में राज्य सरकार ने काजीरंगा को नेशनल पार्क घोषित किया हालांकि राष्ट्रीय उद्यान के रूप में इसे आधिकारिक दर्जा 1974 में प्राप्त हुआ।

➤ ज्ञातव्य है कि काजींगा नेशनल पार्क को 1985 में विश्व विरासत दर्जा प्रदान किया गया था। यह उद्यान एक सींग वाले गैंडा के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ 2413 गैंडा है।

काजीरंगा नेशनल पार्क

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान मध्‍य असम में 430 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला है। इस उद्यान में भारतीय एक सींग वाले गैंडे (राइनोसेरोस, यूनीकोर्निस) का निवास है। काजीरंगा को वर्ष 1905 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। सर्दियों में यहाँ साइबेरिया से कई मेहमान पक्षी भी आते हैं, हालाँकि इस दलदली भूमि का धीरे-धीरे खत्म होते जाना एक गंभीर समस्या है। काजीरंगा में विभिन्न प्रजातियों के बाज, विभिन्न प्रजातियों की चीलें और तोते आदि भी पाये जाते हैं।