Sunday 26 November 2017

कर्नाटक में अंधविश्वास निरोधक विधेयक, 2017


भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51(A) के अनुसार, ‘यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि, वह वैज्ञानिकता और मानवतावाद की भावना को बढ़ावा दे।’ इसी के मद्देनजर कर्नाटक सरकार ने राज्य में प्रचलित अंधविश्वास एवं कुरीतियों के खिलाफ अमानवीय प्रथाओं और काला जादू की रोकथाम और उन्मूलन विधेयक, 2017 (अंधविश्वास विरोधी विधेयक) को हाल ही में पारित किया है। जिसके सकारात्मक परिणाम की उम्मीद की जा रही है। विदित हो कि, ऐसा कानून महाराष्ट्र में बहुत पहले से है और अब कर्नाटक में इसे मजबूती से लागू करने के लिए राज्य सरकार गंभीर है।
  • 27 सितंबर, 2017 को कर्नाटक सरकार ने बहुप्रतिक्षित अमानवीय प्रथाओं और काला जादू की रोकथाम और उन्मूलन विधेयक, 2017 (अंधविश्वास विरोधी विधेयक) को मंजूरी प्रदान की।
  • हालांकि विधेयक में, केश लोचन (बालों को तोड़ने), वास्तु, ज्योतिष, धार्मिक स्थानों पर पूजा, प्रदक्षिणा, यात्रा, कीर्तन, प्रवचन आदि पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
  • इस विधेयक में कुछ गंभीर मामलों में मौत की सजा का भी प्रावधान है।
  • कर्नाटक में उरुली सिवे, मडेस्नान, माता-मंत्र, बाईबिगा प्रथा, सिदी ओखली जैसे कई रिवाज आपराधिक माने गए हैं।
  • विधेयक के मुताबिक, अगर ऐसी दकियानुसी प्रथा से इंसान की जान चली जाती है, तो दोषियों को मौत की सजा दी जा सकती है।
  • विधेयक में अंधविश्वास को फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने का भी प्रावधान है।
  • यदि गांव का ओझा ग्रामीणों को झाड़-फूंक के जाल में फसाएंगा, तो उसके अलावा उस व्यक्ति के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी जो उसका प्रचार-प्रसार कर रहा है।
  • अंधविश्वास विरोधी विधेयक में नर बलि पर पूर्ण प्रतिबंध का प्रस्ताव किया गया है।
  • इस विधेयक में नर बलि के साथ-साथ पशु की गर्दन पर आघात कर उसकी बलि पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
  • इस विधेयक में ‘बाइबिगा प्रथा’ के नाम पर लोहे की रॉड को मुंह के आर-पार करते हुए करतब करने, ‘बनामाथी प्रथा’ के नाम पर पथराव करना, तंत्र-मंत्र से प्रेत या आत्मा बुलाने की मान्यता पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
  • विधेयक में उंगलियों द्वारा सर्जरी करने का दावा तथा किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग बदलने का दावा करने वालों पर कठोर कार्यवाही की बात कही गई है।
  • विधेयक में बेथेल सेव (Betthale Seve) के नाम पर महिलाओं को पूजा के समय नग्न रहने की प्रथा को प्रतिबंधित किया गया है।
  • विधेयक में माता मंत्र, गंदरा डोरा जैसी उपचार व्यवस्था पर भी रोक लगाया गया है, जिसमें किसी व्यक्ति को कुत्ते, सांप या बिच्छु के काटने पर चिकित्सकीय उपचार लेने से रोका जाता है और इसके बदले उसे माता-मंत्र, गंदरा-डोरा जैसे अन्य उपचार दिए जाते हैं।
  • विधेयक में धर्म के नाम पर महिलाओं और लड़कियों के यौन शोषण को रोकने और खत्म करने का प्रावधान किया गया है।
  • अंधविश्वास विरोधी विधेयक में धर्म के नाम पर महिलाओं और बच्चियों को देवदासी बनाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।