हाल ही में, केंद्र सरकार ने ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड सेवाएं मुहैया कराने के लिए ‘भारतनेट’ परियोजना आरंभ की गई। सरकार द्वारा आरंभ की गयी इस सेवा को अब किफायती शुल्क ढांचे सहित लॉन्च किया जा रहा है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार 5 नवम्बार 2017 तक 1,03,275 ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) कनेक्टिविटी सुनिश्चित की गयी।
भारतनेट योजना के बारे में :-
⇒ संचार मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रखंड (ब्लॉक) और ग्राम पंचायतों के बीच असमान बैंडविथ के लिए वार्षिक शुल्क दरें 10 एमबीपी तक के लिए 700 रुपये प्रति एमबीपीएस और 1 जीबीपीएस के लिए 200 रुपये प्रति एमबीपीएस तय की गई हैं।
⇒ हालांकि, प्रखंड और ग्राम पंचायत के बीच समान बैंडविथ के लिए वार्षिक शुल्क दरें 10 एमबीपीएस तक के लिए 1000 रुपये प्रति एमबीपीएस और 100 एमबीपीएस के लिए 500 रुपये प्रति एमबीपीएस तय की गई हैं। किसी भी मध्यवर्ती बैंडविथ के लिए शुल्क दरों की गणना समानुपातिक आधार पर की जाएगी।
⇒ इसके अलावा, एकल आवेदन के तहत ही 1000 ग्राम पंचायतों (जीपी) से ज्यादा और 25,000 जीपी तक बैंडविड्थ को ले जाने के लिए 5 से लेकर 25 फीसदी तक की छूट (डिस्काउंट) की पेशकश की गई है।
⇒ इसके अतिरिक्त, प्रवेश संबंधी बाधाएं कम करने के लिए प्रखंड एवं ग्राम पंचायत के स्तर पर पोर्ट शुल्क माफ कर दिया गया है। सेवा प्रदाताओं और सरकारी एजेंसियों हेतु गहरे रंग के फाइबर के लिए वार्षिक शुल्क दर 2250 रुपये प्रति फाइबर प्रति किलोमीटर तय की गई है।