Saturday, 18 November 2017

क्या होता है गल्फ डस्ट? दिल्ली समेत उत्तर भारत मे स्मॉग के फैलने में इसकी भूमिका क्या थी?


क्या होता है गल्फ डस्ट?
⇰ गल्फ डस्ट दरअसल खाड़ी देशों में उठने वाले तूफन से पैदा होने वाली धूल को कहा जाता है 
⇰ ''खाड़ी देशों में अक्सर रेत का तूफन आता रहता है, इस बार 29 अक्टूबर से 4 नवंबर तक यह तूफन आया
⇰ इस तूफान की गति काफी तीव्र होती है  इससे लगभग डेढ़ से तीन किलोमीटर ऊपर तक रेत उठती है
⇰ दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में पिछले कई दिनों से छाए स्मॉग के पीछे खाड़ी देशों में उठने वाला तूफन है  इसे 'गल्फ डस्ट' कहा जाता है 
⇰ यह जानकारी भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) और भूविज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली संस्था वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान व अध्य्यन प्रणाली (सफर) ने दी है 
⇰ आईएमडी और सफर के एक अध्य्यन में यह निकलकर आया है कि इराक, कुवैत और सऊदी अरब में अक्टूबर के अंत में आए तेज तूफान की वजह से दिल्ली में स्मॉग जैसे हालात पैदा हुए 
⇰ पुणे स्थित संस्था सफर ने 'बिग स्मॉग' नाम से एक आंकलन रिपोर्ट जारी की है  इसमें बताया गया है कि 8 नवंबर को अत्याधिक स्मॉग के पीछे लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा गल्फ डस्ट का रहा जबकि किसानों के पुआल जलाने से 25 प्रतिशत प्रदूषण फैला है 
⇰ सफर के अध्ययन में दिल्ली में जारी स्मॉग के पीछे 40 प्रतिशत हिस्सा गल्फ डस्ट को बताया गया है जबकि स्मॉग का 60 प्रतिशत हिस्से में खेतों में पुआल जलाना, निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल, वाहनों और फेक्ट्रियों का प्रदूषण आदि शामिल है 

भारत कैसे पहुंच गया यह तूफान?
⇰ हल्की रेत तूफन की वजह से ऊपर उठने लगती है, फिर यह हवा की गति की तरफ ही मुड़ जाती है इस बार ऐसा संयोग बना कि जिस वक्त खाड़ी देशों में रेतीला तूफान आया उस समय हवा की दिशा भारत की तरफ थी इस वजह से रेत के छोटे-छोटे कण भारत पहुंच गए, जिसका सबसे बड़ा शिकार दिल्ली बना इससे पहले भी भारत में गल्फ डस्ट आता था लेकिन उस समय प्रदूषण के बाकी कारक बहुत ज्यादा प्रभावी नहीं होते थे, इसलिए हमें स्मॉग जैसे हालात का सामना नहीं करना पड़ता था 

निष्कर्ष
⇰ खाड़ी के तूफान पर तो हमारा वश नहीं है और ना ही हम हवा के रुख को रोक सकते हैं, लेकिन हमें बाकी के 60 प्रतिशत कारणों को नहीं छोड़ना चाहिए हम बाकी के 60 प्रतिशत कारणों पर तो नियंत्रण जरूर लगा सकते हैं गल्फ डस्ट स्मॉग के पीछे एक बड़ा कारण जरूर है लेकिन बाकी के कारणों पर जनता और सरकार मिलकर नियंत्रण कर सकती है