संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने आज डाक टिकट संग्रह को प्रोत्साहन देने के लिए दीनदयाल स्पर्श योजना का शुभारंभ किया। यह पूरे भारत के स्कूली बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना है। ‘स्पर्श’ योजना के तहत कक्षा VI से IX तक उन बच्चों को वार्षिक तौर पर छात्रवृत्ति दी जाएगी, जिनका शैक्षणिक परिणाम अच्छा है और जिन्होंने डाक टिकट संग्रह को एक रूचि के रूप में चुना है। सभी डाक सर्किलों में आयोजित होने वाली एक प्रतियोगी प्रक्रिया के आधार पर डाक टिकट संग्रह में रूचि रखने वाले छात्रों का चयन किया जाएगा। योजना का शुभारंभ करने के पश्चात मीडिया को जानकारी देते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि योजना के अंतर्गत 920 छात्रवृत्तियां देने का प्रस्ताव है। प्रत्येक डाक सर्किल अधिकतम 40 छात्रों का चयन करेगा। कक्षा VI, VII, VIII, और IX में प्रत्येक से 10 छात्रों का चयन किया जाएगा। छात्रवृत्ति की राशि प्रति माह 500 रूपये (6000 रूपये वार्षिक) है।
छात्रवृत्ति पाने के लिए बच्चे को पंजीकृत स्कूल का छात्र होना चाहिए, स्कूल में डाक टिकट संग्रह क्लब होना चाहिए तथा बच्चे को इस क्लब का सदस्य होना चाहिए। यदि स्कूल में डाक टिकट संग्रह नहीं है, तो जिन छात्रों के डाक टिकट संग्रह के खाते हैं, उन्हें भी योग्य समझा जाएगा। जो स्कूल इस प्रतियोगिता में भाग लेगा उसे विख्यात डाक संग्रहकर्ताओं की सूची में से एक मार्गदर्शक चुनने का अवसर दिया जाएगा। यह मार्गदर्शक स्कूल स्तर पर डाक टिकट क्लब की स्थापना में सहायता प्रदान करेगा और युवा डाक टिकट संग्रहकर्ताओं को मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
दीन दयाल ‘स्पर्श’ योजना, डाक टिकट पर किये गये परियोजना कार्य और प्रश्नोत्तरी पर आधारित होगी। योजना की विस्तृत जानकारी www.postagestamps.gov.in और www.indiapost.gov.in वेबसाइटों पर उपलब्ध है।
डाक टिकट संग्रह रूचि, डाक टिकटों के संग्रह और इसके अध्ययन से जुड़ी है। इसमें संग्रह और शोध भी शामिल है। डाक टिकट संग्रह के अंतर्गत डाक टिकटों को ढूढंना, चिन्ह्ति करना, प्राप्त करना, सूचीबद्ध करना, प्रदर्शन करना, संग्रह करना आदि कार्य शामिल हैं। डाक टिकट संग्रह की रूचि को सभी रूचियों का राजा कहा जाता है।