Thursday, 21 June 2018

योग के प्रोत्‍साहन और विकास में असाधारण योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्‍कार 2018

वर्ष 2018 के लिए योग के प्रोत्‍साहन और विकास में असाधारण योगदान के लिए नासिक के श्री विश्‍वास मांडलिक और योग संस्‍थान, मुम्‍बई को प्रधानमंत्री का पुरस्‍कार (Prime Minister’s Award for outstanding contribution for promotion and development of Yoga for the year 2018.) दिया जाएगा।    21 जून 2016 को चंडीगढ़ में आयोजित दूसरे अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने योग के प्रोत्‍साहन और विकास के लिए पुरस्‍कार गठित करने की घोषणा की थी। आयुष मंत्रालय ने पुरस्‍कारों के लिए दिशा निर्देशों को विकसित किया।    2017 के लिए यह पुरस्‍कार राममणि आयंगर स्‍मारक योग संस्‍थान, पुणे को दिया गया था। पुरस्‍कार विजेताओं को एक ट्रॉफी, प्रमाण पत्र तथा नकद पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जाएगा। नकद पुरस्‍कार राशि 25 लाख रूपये की होगी।     श्री विश्‍वास मांडलिक    श्री विश्‍वास मांडलिक ने प्रमाणिक पतंजलि और हठ योग का गूढ ज्ञान प्राप्‍त किया है। उन्‍होंने अध्‍ययन के जरिए भागवत गीता और उपनिषद का ज्ञान प्राप्‍त किया और पिछले 55 वर्षों के प्राचीन हस्‍तलिपियों का अध्‍ययन किया। उन्‍होंने 1978 में योग विधा धाम की पहली शाखा की स्‍थापना की। आज देश में इसके 160 केन्‍द्र हैं। उन्‍होंने योग शिक्षा के लिए 1983 में योग संस्‍थान – योग विद्या गुरूगुल की स्‍थापना की। उन्‍होंने 1994 में भारत के दूर दराज के हिस्‍सों में योग को लोकप्रिय बनाने के लिए योग चैतन्‍य सेवा प्रतिष्‍ठान, ट्रस्‍ट की स्‍थापना की। उन्‍होंने 42 पुस्‍तके लिखी और विभिन्‍न प्रशिक्षण पाठयक्रमों को कवर करते हुए 300 सीडी बनाये।     योग संस्‍थान, मुम्‍बई    श्री योगेन्‍द्र जी द्वारा 1918 में स्‍थापित योग संस्‍थान, मुम्‍बई के 100 वर्ष पूरे हो गये हैं और संस्‍थान ने अपनी इस यात्रा में 10 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को छुआ है। संस्‍थान ने 5000 से अधिक योग शिक्षक तैयार किये हैं और 500 से अधिक प्रकाशन कार्य किये हैं। योग संस्‍थान ने पिछले 10 दशकों में समग्र योग के प्रोत्‍साहन और विकास में योगदान दिया है और स्‍थानीय तथा विश्‍व स्‍तर पर समाज के प्रत्‍येक वर्ग की सेवा की है।

वर्ष 2018 के लिए योग के प्रोत्‍साहन और विकास में असाधारण योगदान के लिए नासिक के श्री विश्‍वास मांडलिक और योग संस्‍थान, मुम्‍बई को प्रधानमंत्री का पुरस्‍कार (Prime Minister’s Award for outstanding contribution for promotion and development of Yoga for the year 2018.) दिया जाएगा।

21 जून 2016 को चंडीगढ़ में आयोजित दूसरे अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने योग के प्रोत्‍साहन और विकास के लिए पुरस्‍कार गठित करने की घोषणा की थी। आयुष मंत्रालय ने पुरस्‍कारों के लिए दिशा निर्देशों को विकसित किया।

2017 के लिए यह पुरस्‍कार राममणि आयंगर स्‍मारक योग संस्‍थान, पुणे को दिया गया था। पुरस्‍कार विजेताओं को एक ट्रॉफी, प्रमाण पत्र तथा नकद पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जाएगा। नकद पुरस्‍कार राशि 25 लाख रूपये की होगी। 

श्री विश्‍वास मांडलिक

श्री विश्‍वास मांडलिक ने प्रमाणिक पतंजलि और हठ योग का गूढ ज्ञान प्राप्‍त किया है। उन्‍होंने अध्‍ययन के जरिए भागवत गीता और उपनिषद का ज्ञान प्राप्‍त किया और पिछले 55 वर्षों के प्राचीन हस्‍तलिपियों का अध्‍ययन किया। उन्‍होंने 1978 में योग विधा धाम की पहली शाखा की स्‍थापना की। आज देश में इसके 160 केन्‍द्र हैं। उन्‍होंने योग शिक्षा के लिए 1983 में योग संस्‍थान – योग विद्या गुरूगुल की स्‍थापना की। उन्‍होंने 1994 में भारत के दूर दराज के हिस्‍सों में योग को लोकप्रिय बनाने के लिए योग चैतन्‍य सेवा प्रतिष्‍ठान, ट्रस्‍ट की स्‍थापना की। उन्‍होंने 42 पुस्‍तके लिखी और विभिन्‍न प्रशिक्षण पाठयक्रमों को कवर करते हुए 300 सीडी बनाये। 

योग संस्‍थान, मुम्‍बई

श्री योगेन्‍द्र जी द्वारा 1918 में स्‍थापित योग संस्‍थान, मुम्‍बई के 100 वर्ष पूरे हो गये हैं और संस्‍थान ने अपनी इस यात्रा में 10 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को छुआ है। संस्‍थान ने 5000 से अधिक योग शिक्षक तैयार किये हैं और 500 से अधिक प्रकाशन कार्य किये हैं। योग संस्‍थान ने पिछले 10 दशकों में समग्र योग के प्रोत्‍साहन और विकास में योगदान दिया है और स्‍थानीय तथा विश्‍व स्‍तर पर समाज के प्रत्‍येक वर्ग की सेवा की है।