Tuesday, 5 June 2018

2 अक्तूबर, 2018 तक उत्तर प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सभी ज़िलाधिकारियों के साथ स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण [Swachh Bharat Mission Gramin (SBM-G)] की प्रगति की समीक्षा की। इसमें केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता सचिव, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्तर पर 2 अक्तूबर, 2019 की अवधि से पहले 2 अक्तूबर, 2018 तक राज्य को खुले में शौच से मुक्त (Open Defecation Free - ODF)  होने का लक्ष्य प्राप्त करने की प्रतिबद्धता दोहराई।    मुख्यमंत्री ने इसे केवल एक सरकारी कार्यक्रम के रूप में क्रियान्वित करने के स्थान पर जन आंदोलन बनाने पर जोरर दिया। साथ ही सभी ज़िलाधिकारियों से इसकी ज़िम्मेदारी लेने का आह्वान करते हुए उनसे समाज के सभी वर्गो को इसमें सम्मिलित करने और कार्यक्रम की प्रगति की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करने के लिये कम-से-कम एक घंटा प्रतिदिन देने के लिये कहा।    मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से सोशल मीडिया का लाभ उठाकर ज़मीनी स्तर पर इसकेनक्रियान्वयन की बेहतर निगरानी करने पर बल दिया। इसके साथ ही कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने और स्वच्छाग्रही तथा राजमिस्त्री के मानदेय का समय पर भुगतान करने के लिये कहा।    वर्तमान स्थिति  उत्तर प्रदेश ने गत छह माह में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है और राज्य के 28 हजार से अधिक गाँवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता कार्य वर्ष 2014 के 39 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 85 प्रतिशत हो गया है और 3.75 लाख गाँव, 389 जिले, 13 राज्य तथा 4 संघ शासित प्रदेशों को पहले ही खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है।    केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम  सरकार ने 1986 में केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम शुरू किया। इसका प्राथमिक उददेश्य ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर को सुधारना और महिलाओं की समस्या से निजात दिलाकर उन्हें प्रतिष्ठा प्रदान करना था। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों द्वारा निजी पारिवारिक शौचालय बनावाए जाने और उसका इस्तेमाल किये जाने की उनकी उपलबिधयों को मान्यता देने के लिये उन्हें वित्तीय प्रोत्साहन दिये गए। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत क्रियाकलाप शुरू करने के अलावा विद्यालय शौचालय इकाइयों, आंगनवाड़ी शौचालय और सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण के लिये भी सहायता का विस्तार किया गया।    स्वच्छ भारत मिशन  स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता अभियान भी कहा जाता है। यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है और भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा है जो कि शहरों और गाँवों की सफाई के लिये आरंभ किया गया है| इस अभियान में शौचालयों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, गलियों व सड़कों की सफाई, देश के बुनियादी ढाँचे को बदलना आदि शामिल है।इस अभियान को आधिकारिक तौर पर राजघाट, नई दिल्ली में 2 अक्तूबर, 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।    स्वच्छ भारत मिशन के 6 प्रमुख घटक हैं-  व्यक्तिगत घरेलू शौचालय। सामुदायिक शौचालय। सार्वजनिक शौचालय।  नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन। सूचना और शिक्षित संचार (आईईसी) और सार्वजनिक जागरूकता। क्षमता निर्माण।    मुख्य उददेश्य  सरकारी, शिक्षा जगत, व्यापार और पर्यावरण सूचना प्रणाली  सहित गैर सरकारी संगठनों के सूचना प्रयोगकर्त्ताओं, वाहकों और प्रदात्ताओं के साथ संपर्क स्थापित करना। ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में सुधार करना। देश में सभी ग्राम पंचायतों द्वारा निर्मल स्थिति प्राप्त करने के साथ 2019 तक स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिये स्वच्छता कवरेज में तेज़ी लाना। जागरूकता सृजन और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्थायी स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा देने वाले समुदायों और पंचायती राज संस्थाओं को प्रोत्साहित करना। पारिस्थितिकीय रूप से सुरक्षित और स्थायी स्वच्छता के लिये किफायती तथा उपयुक्त प्रौधोगिकियों को बढ़ावा देना। ग्रामीण क्षेत्रों में संपूर्ण स्वच्छता के लिये ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए समुदाय प्रबंधित पर्यावरणीय स्वच्छता पद्धति विकसित करना।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सभी ज़िलाधिकारियों के साथ स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण [Swachh Bharat Mission Gramin (SBM-G)] की प्रगति की समीक्षा की। इसमें केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता सचिव, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्तर पर 2 अक्तूबर, 2019 की अवधि से पहले 2 अक्तूबर, 2018 तक राज्य को खुले में शौच से मुक्त (Open Defecation Free - ODF)  होने का लक्ष्य प्राप्त करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

मुख्यमंत्री ने इसे केवल एक सरकारी कार्यक्रम के रूप में क्रियान्वित करने के स्थान पर जन आंदोलन बनाने पर जोरर दिया। साथ ही सभी ज़िलाधिकारियों से इसकी ज़िम्मेदारी लेने का आह्वान करते हुए उनसे समाज के सभी वर्गो को इसमें सम्मिलित करने और कार्यक्रम की प्रगति की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करने के लिये कम-से-कम एक घंटा प्रतिदिन देने के लिये कहा।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से सोशल मीडिया का लाभ उठाकर ज़मीनी स्तर पर इसकेनक्रियान्वयन की बेहतर निगरानी करने पर बल दिया। इसके साथ ही कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने और स्वच्छाग्रही तथा राजमिस्त्री के मानदेय का समय पर भुगतान करने के लिये कहा।

वर्तमान स्थिति
  • उत्तर प्रदेश ने गत छह माह में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है और राज्य के 28 हजार से अधिक गाँवों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया है।
  • राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता कार्य वर्ष 2014 के 39 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 85 प्रतिशत हो गया है और 3.75 लाख गाँव, 389 जिले, 13 राज्य तथा 4 संघ शासित प्रदेशों को पहले ही खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है।

केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम
  • सरकार ने 1986 में केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम शुरू किया। इसका प्राथमिक उददेश्य ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर को सुधारना और महिलाओं की समस्या से निजात दिलाकर उन्हें प्रतिष्ठा प्रदान करना था।
  • गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों द्वारा निजी पारिवारिक शौचालय बनावाए जाने और उसका इस्तेमाल किये जाने की उनकी उपलबिधयों को मान्यता देने के लिये उन्हें वित्तीय प्रोत्साहन दिये गए।
  • ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत क्रियाकलाप शुरू करने के अलावा विद्यालय शौचालय इकाइयों, आंगनवाड़ी शौचालय और सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण के लिये भी सहायता का विस्तार किया गया।

स्वच्छ भारत मिशन
  • स्वच्छ भारत अभियान को स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता अभियान भी कहा जाता है। यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है और भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा है जो कि शहरों और गाँवों की सफाई के लिये आरंभ किया गया है|
  • इस अभियान में शौचालयों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना, गलियों व सड़कों की सफाई, देश के बुनियादी ढाँचे को बदलना आदि शामिल है।इस अभियान को आधिकारिक तौर पर राजघाट, नई दिल्ली में 2 अक्तूबर, 2014 को महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था।

स्वच्छ भारत मिशन के 6 प्रमुख घटक हैं-
  • व्यक्तिगत घरेलू शौचालय।
  • सामुदायिक शौचालय
  • सार्वजनिक शौचालय 
  • नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन।
  • सूचना और शिक्षित संचार (आईईसी) और सार्वजनिक जागरूकता।
  • क्षमता निर्माण

मुख्य उददेश्य
  • सरकारी, शिक्षा जगत, व्यापार और पर्यावरण सूचना प्रणाली  सहित गैर सरकारी संगठनों के सूचना प्रयोगकर्त्ताओं, वाहकों और प्रदात्ताओं के साथ संपर्क स्थापित करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में सुधार करना।
  • देश में सभी ग्राम पंचायतों द्वारा निर्मल स्थिति प्राप्त करने के साथ 2019 तक स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिये स्वच्छता कवरेज में तेज़ी लाना।
  • जागरूकता सृजन और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्थायी स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा देने वाले समुदायों और पंचायती राज संस्थाओं को प्रोत्साहित करना।
  • पारिस्थितिकीय रूप से सुरक्षित और स्थायी स्वच्छता के लिये किफायती तथा उपयुक्त प्रौधोगिकियों को बढ़ावा देना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में संपूर्ण स्वच्छता के लिये ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए समुदाय प्रबंधित पर्यावरणीय स्वच्छता पद्धति विकसित करना।