Monday 1 May 2017

मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016


भारत में प्रति वर्ष 5 लाख सड़क दुर्घटनाओं की सूचना आती है, जिसमें से 1.5 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। सरकार अगले पांच वर्षों में इसमें 50 प्रतिशत तक की कमी करने के लिए प्रतिबद्ध है। सड़क-सुरक्षा के मुद्दे का समाधान करने और नागरिकों (यात्रियों) को बेहतर सुविधा देने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा राजस्थान के परिवहन मंत्री यूनुस खान की अध्यक्षता में राज्यों के परिवहन मंत्रियों के एक 18 सदस्यीय समूह का गठन किया गया। इस समूह द्वारा पेश की गई तीन अंतरिम रिपोर्टों के आधार पर मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016 का मसौदा तैयार किया गया था, जिसे 3 अगस्त, 2016 को कैबिनेट की मंजूरी मिली।
  • 10 अप्रैल, 2017 को लोक सभा द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2016 पारित कर दिया गया।
  • यह विधेयक मोटर वाहन एक्ट, 1988 में संशोधन का प्रस्ताव करने के साथ ही वाहनों हेतु मानकों का निर्धारण और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने एवं इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दंड का विधान भी करता है।
  • यह विधेयक केंद्र सरकार से यह अपेक्षा करता है कि वह राज्यों के साथ विचार-विमर्श से राष्ट्रीय परिवहन नीति का विकास करेगा।
  • इस विधेयक के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं-
  • केंद्र सरकार को ऐसे मोटर वाहन के प्रचलन को बंद करने का अधिकार दिया गया है, जो पर्यावरण या ड्राइवर या सड़क पर चलने वालों को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • केंद्र सरकार को मोटर वाहन दुर्घटना कोष बनाने का अधिकार दिया गया है और यह कोष भारत में सड़क का प्रयोग करने वाले सभी लोगों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा।
  • इस कोष में निम्नलिखित माध्यम से धन जमा किया जाएगा।
    (i) चुंगी या कर, जैसा कि केंद्र सरकार विहित करे,
    (ii) केंद्र सरकार द्वारा दिया गया ऋण या अनुदान,
    (iii) केंद्र सरकार द्वारा विहित कोई अन्य स्रोत।
  • इस कोष का प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट प्राधिकरण करेगा।
  • केंद्र सरकार द्वारा ‘गोल्डेन-ऑवर’ (स्वर्णिम घंटा) के दौरान सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों का मुफ्त में इलाज किया जाएगा।
  • गोल्डेन ऑवर-गंभीर दुर्घटना के बाद की वह समयावधि होती है, जब तत्काल मेडिकल देखभाल से मौत की संभावना काफी कम हो जाती है।
  • ‘हिट एंड रन’ (Hit & Run) मामलों में मृत्यु होने पर मुआवजे की राशि 25000 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है।
  • दुर्घटना के शिकार हुए किसी व्यक्ति को चोट लगने या उसकी मृत्यु होने की स्थिति में ‘गुड समैरिटन’ (Good Samaritans) पर किसी भी प्रकार की दीवानी या आपराधिक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
  • गुड समैरिटन वह व्यक्ति है जो दुर्घटना के समय पीड़ित को आपातकालीन या गैर-आपातकालीन चिकित्सकीय (Medical) मदद प्रदान करता है। यह सहायता सद्भावनापूर्वक, स्वैच्छिक तथा किसी पुरस्कार की अपेक्षा से रहित होनी चाहिए।
  • सड़क सुरक्षा एवं इससे संबंधित कुछ सेवाएं-
    (i) लाइसेंस या परमिट जारी करना या देना,
    (ii) लाइसेंस एवं वाहन पंजीकरण का आवेदन,
    (iii) धन की प्राप्ति (जैसे जुर्माना इत्यादि),
    (iv) पता बदलना
    को कंप्यूटरीकृत करने का प्रावधान किया गया है।
    विभिन्न अपराधों के लिए दंड को बढ़ाया गया है-
    (i) शराब या ड्रग्स के नशे में वाहन चलाने के लिए अधिकतम दंड 2000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये।
    (ii) यदि वाहन-निर्माता मोटर वाहनों के निर्माण या रख-रखाव के मानदंडों का अनुपालन करने में असफल रहता है, तो अधिकतम 100 करोड़ रुपये का जुर्माना या एक वर्ष कारावास का दंड या दोनों।
    किशोरों द्वारा किए जाने वाले अपराधों के लिए किशोरों के अभिभावक या मोटर वाहन के मालिक तब तक उत्तरदायी माने जाएंगे, जब तक कि वे यह न साबित कर दें कि-
    (i)अपराध उनकी जानकारी के बिना किया गया है, या
    (ii) उन्होंने अपराध होने से रोकने हेतु सम्यक् तत्परता (Due Diligence) दिखाई थी।
मोटर वाहन संशोधन विधेयक, 2016 के अंतर्गत विभिन्न जुर्मानों में प्रस्तावित कुछ अन्य संशोधन-
अपराधपुराना प्रावधान/जुर्मानाप्रस्तावित प्रावधान/जुर्माना
सामान्य100 रु.500 रु.
सड़क नियमों का उल्लंघन100 रु.500-1000 रु.
अधिकारियों के आदेशों की अवज्ञा500 रु.2000 रु.
बिना लाइसेंस वाहनों का अनधिकृत प्रयोग1000 रु.5000 रु.
अधिकतम गति से अधिक गति पर गाड़ी चलाना400 रु.1000 रु. एलएमवी के लिए और
2000 रु. मध्यम यात्री वाहन के लिए
शराब पीकर गाड़ी चलाना2000 रु.10000 रु.
स्पीडिंग या रेसिंग500 रु.5000 रु.
बिना इंश्योरेंस के ड्राइविंग1000 रु.2000 रु.
सीट बेल्ट100 रु.1000 रु.