Wednesday, 31 May 2017

"सौनी योजना"


गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र के जल संकट को दूर करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2012 में ‘सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना’ (सौनी योजना) की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य नर्मदा नदी के बाढ़ के एक मिलियन एकड़ फुट अतिरिक्त पानी से सौराष्ट्र क्षेत्र के सभी बांधों को भरना है। वर्ष 2014 में इस परियोजना का शिलान्यास किया गया। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौनी सिंचाई योजना के चरण-1 (लिंक-2) का उद्घाटन किया।
  • 17 अप्रैल, 2017 को बोटाद (Botad) जिले (गुजरात) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना’ (Saurashtra Narmada Avtaran Irrigation Yojana : SAUNI) के चरण-1 (लिंक-2) पाइपलाइन नहर (Pipeline Canal) का उद्घाटन किया।
  • साथ ही प्रधानमंत्री ने सौनी सिंचाई योजना चरण-2 (लिंक-2) का शिलान्यास भी किया।
  • इस सिंचाई योजना के चरण-1 (लिंक-2) के पाइपलाइन की लंबाई 51 किमी. है जो लिंबडी-भोगावो-II (Limbdi Bhogauo-II) बांध को भीमडाड (Bhimdad) बांध से जोड़ती है।
  • चरण-1 (लिंक-2) की कुल लागत 1313 करोड़ रुपये है।
  • इस सिंचाई योजना के लिंक-2 पाइपलाइन नहर के माध्यम से बोटाद, भावनगर एवं अमरेली जिलों के 17 बांधों को नर्मदा नदी के पानी से भरा जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि 30 अगस्त, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सनोसरा (Sanosara), गुजरात में सौनी सिंचाई योजना के चरण-1 (लिंक-1) पाइपलाइन का उद्घाटन किया था।
  • चरण-1 (लिंक-1) से राजकोट, जामनगर एवं मोरबी जिले के 10 बांधों को नर्मदा के पानी से भरा जा सकेगा।
सौनी योजना : महत्वपूर्ण तथ्य
  • सौनी योजना की परिकल्पना नर्मदा नदी के बाढ़ के एक मिलियन एकड़ फुट अतिरिक्त पानी से सौराष्ट्र क्षेत्र को लाभान्वित करने के लिए की गई है।
  • नर्मदा नदी के बाढ़ के अतिरिक्त पानी से सौराष्ट्र क्षेत्र के 11 जिलों के 115 बांधों को 1126 किमी. 4 लिंक पाइपलाइनों के माध्यम से भरा जाएगा।
  • सौनी योजना के द्वारा सौराष्ट्र क्षेत्र की 10,22,589 एकड़ भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
  • यह योजना वर्ष 2019 तक पूरी होगी।
  • सौनी योजना की चार लिंक पाइपलाइन निम्नलिखित है-
  • लिंक-1 : मोरबी जिले के माछू-II बांध से जामनगर जिले के सैनी (Sani) बांध तक।
  • इस लिंक से राजकोट, मोरबी, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों के 30 जलाशयों को भरा जाएगा। जिससे 202100 एकड़ क्षेत्र को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।
  • लिंक-2 : सुरेंद्र नगर जिले के लिंबडी-भोगावो-II बांध से अमरेली जिले के रायदी (Raidi) बांध तक लिंक-2 से भावनगर, बोटाद एवं अमरेली जिलों के 17 जलाशयों को भरा जाएगा जिससे 274700 एकड़ भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
  • लिंक-3 : सुरेंद्र नगर जिले के धोलिधाजा बांध से राजकोट जिले के वेणु-1 बांध तक।
  • लिंक-3 से राजकोट, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, मोरबी और सुरेंद्रनगर जिलों के 28 जलाशयों को भरा जा सकेगा जिससे 198067 एकड़ क्षेत्र की सिंचाई की जा सकेगी।
  • लिंक-4 : सुरेंद्रनगर जिले के लिंबडी-भोगावो-II बांध से जूनागढ़ की हिरण-II सिंचाई योजना तक।
  • इससे राजकोट सुरेंद्रनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, अमरेली और बोटाद जिलों के 40 जलाशयों को भरा जा सकेगा।
  • इससे 347722 एकड़ भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।