Thursday 25 May 2017

WHO ग्लास (GLAAS) रिपोर्ट, 2017


‘स्वच्छता एवं पेयजल का वैश्विक विश्लेषण तथा आकलन’ (GLAAS) संयुक्त राष्ट्र-जल (UN-Water) की एक पहल है। इस पहल का क्रियान्वयन ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (WHO) द्वारा किया जाता है। ग्लास (GLAAS) का उद्देश्य सभी स्तरों पर नीति निर्माताओं को निवेश का एक विश्वसनीय, सर्वसुलभ, व्यापक एवं वैश्विक विश्लेषण प्रदान करना है। साथ ही स्वच्छता, पेयजल एवं स्वास्थ्य रक्षा के लिए वातावरण (Environment) को सक्षम बनाना है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘ग्लास (GLAAS), 2017’ रिपोर्ट जारी की गई।
  • 13 अप्रैल, 2017 को जेनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संयुक्त राष्ट्र-जल (UN-Water) की ओर से ‘स्वच्छता एवं पेयजल का वैश्विक विश्लेषण तथा आकलन’ (GLAAS : Global Analysis and Assessment of Sanitation and Drinking Water), 2017 प्रकाशित की गई।
  • ‘संयुक्त राष्ट्र-जल’ स्वच्छता समेत ताजे जल (Fresh Water) से संबंधित मुद्दों के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतर-एजेंसी समन्वय-तंत्र है।
  • ग्लास, 2017 रिपोर्ट में 75 देशों और 25 बाह्य सहायता एजेंसियों (ESA : External Support Agency) का ‘सतत विकास लक्ष्यों’ (SDG) के तहत स्वच्छता एवं पेयजल के सार्वभौमिक उपयोग के वित्तपोषण से संबंधित विश्वसनीय एवं अद्यतन आंकड़ा प्रस्तुत किया गया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 2 बिलियन लोग दूषित पेयजल का उपयोग करते हैं जिसके कारण उन्हें हैजा, पेचिश, टायफाइड एवं पोलियो होने का खतरा है।
  • अनुमान है कि प्रति वर्ष हैजे से होने वाली 5 लाख मौतों का कारण दूषित पेयजल है।
  • यदि वित्तीय संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग करने और वित्तीयन के नए स्रोतों की पहचान करने के प्रयासों को बढ़ाने के कदम नहीं उठाए जाते, तो सुरक्षित पेयजल एवं स्वच्छता तक सार्वभौमिक पहुंच की वैश्विक आकांक्षाओं को पूरा नहीं किया जा सकेगा।
  • रिपोर्ट के अनुसार, विगत तीन वर्षों में देशों ने 4.9 प्रतिशत की वार्षिक औसत दर से जल, स्वच्छता और स्वच्छता के लिए अपने बजट में वृद्धि की है।
  • 80 प्रतिशत देशों ने रिपोर्ट किया है कि ‘जल, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य रक्षा’ (WASH : Water, Sanitation and Hygiene) वित्तपोषण अभी भी ‘वॉश’ (WASH) सेवाओं हेतु राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है।
  • जल एवं स्वच्छता पर ‘आधिकारिक विकास सहायता’ (ODA : Official Development Assistance) खर्च वर्ष 2012 के 6.3 बिलियन डॉलर से बढ़कर वर्ष 2015 में 7.4 बिलियन डॉलर हो गया है।