लोकनृत्य उन नृत्यों को कहते हैं जिनमें प्राय: निम्नलिखित विशेषताएँ पायी जाती हैं-
⇒ इन नृत्यों का ढ़ंग पारम्परिक होता है न कि किसी एक व्यक्ति द्वारा नवाचार द्वारा सृजित।
⇒ इसके नृत्यकार आम आदमी होते हैं, न कि समाज के कुलीन वर्ग।
⇒ इसको नियन्त्रित करने वाली कोई एक संस्था नहीं होती।
राज्य और उनके प्रमुख लोक नृत्य
- असम (Assam) - खेल गोपाल बिहू, किलगोथा, अंकियानाट, बिछुआ, राखल, लीला, बगुरूम्बा, नटपूजा, होटजानई बोर्ड लाजू तबला, चौंगवी नागानृत्य
- नागालैंड (Nagaland) - रेंगमा, चोंग नोगकेम चिंता कजरम्, युद्ध नृृत्य, रवैया लिंग, नूरालिप, कुर्सी नागा, चुमिके, दोहई
- मणिपुर (Manipur) - महारास, नटराज, लाई हरोबा, संखाल, वसंत रास, थाग्टा
- मिजोरम (Mizoram) - चेरोकान, पारखुपिला, चेरोकान आदि
- मेघालय (Meghalaya) - बागला, लाहो
- मध्य प्रदेश्ा (Madhya Pradesh) - रीना, चौत, दीवारी, नवरानी, गोन्यो, गोडा, हूल्को, मंदिरी
- महाराष्ट्र (Maharashtra) - माेेनी, बोहदी, लेेजम, लावनी, कोली, गण्ाश चतुर्थी, तमाशा
- बिहार (Bihar) - वैैगा, जदूर, जाया, झीका, सोहराई, पॅवरिया, सामा-चकेबा, डाॅगा
- पश्चिम बंगाल (West Bengal) - राम भेसे- गम्भीर, जाया, कीर्तन, काठी, महाल, ढाली, मरसिया
- उडीसा (Orissa) - छऊ, पैैका, सवारी संचार, घूमरा जदूर मुदारी, गरूड वाहन
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) - रासलीला, नौटंकी, थाली, पैता, झोरा
- केरल (Kerala) - कथकली, ओडम, मोहिनीअट्टम, कालीअट्टम, पादयानी
- कर्नाटक (Karnataka) - यक्षगान, कुनीता, कर्गा, लाम्बी
- पंजाब (Punjab) - भॉगडा, गिद्दा, डफ, धमान
- राजस्थान (Rajasthan) - धूमल, घापाल, फूंदी, पनिहारी, जिन्दाद नेजा
- तमिलनाडु (Tamil Nadu) - भरतनाट्यम, कुमी, कोलट्टम, कावडी
- गुजरात (Gujarat) - गरबा, डाण्डिया, भवई, रासलीला, लास्या पणिहारी
- जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) - राउफ, हिकात, मंदजास, कूद, दण्डीनाच
- गोवा (Goa) - माण्डी, झागोर, खोल, टकनी
- हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) - धमाान, छपेली, महाथू, नटी, डांगी, चम्बा, थाली
- अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) - मुखौटा, नृत्य
- उत्तराखंड (Uttarakhand) - गढवाली, कुमायूॅ, कजरी, झाेरा, रासलीला
- झारखंड (Jharkhand) - छऊ, सरहुल, जट-जटिन, करमा, डांगा, सोहराई
- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) - गौडी, करमा, झूमर, डागला, पाली, टपाली