सूचना प्रौद्योगिकी, जिसे अंग्रेजी में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी कहा जाता है, वास्तव में मनुष्य को सोचने-समझने, सूचना संग्रहण और ज्ञान के संप्रेषण की तकनीकी सहायता उपलब्ध कराती है। सूचना प्रौद्योगिकी कंप्यूटर के साथ-साथ माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य संचार प्रौद्योगिकियों पर आधारित सूचना प्रणाली है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विगत कुछ दशकों से तीव्र गति से विकास हुआ है। आज सूचना प्रौद्योगिकी के कारण मनुष्य जनसंचार, शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग, कृषि, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, व्यापार, प्रशासन आदि कई क्षेत्रों में लाभान्वित हो रहा है। यही कारण है कि आज सूचना प्रौद्योगिकी सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक मुद्दों पर अपनी अहम भूमिका निभा रही है। सूचना प्रौद्योगिकी ने सम्पूर्ण विश्व को जोड़कर एक गाँव के रूप में तब्दील कर दिया है। किसी भी देश की विकास की कल्पना सूचना प्रौद्योगिकी के बिना असंभव है। इसलिए लगभग सभी विकासशील देशों में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और इंटरनेट आधारित सेवाओं के विस्तार के लिए नियोजित प्रयास आरंभ किये गए हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी विकास होने के बावजूद वर्तमान में भी कई तकनीक आम आदमी की पहुंच से बाहर है। इंटरनेट की अधिकांश सामग्री अंग्रेज़ी में उपलब्ध है। व्यापक रूप से सभी उपयोगी ऑपरेटिंग सिस्टम अंग्रेजी या अन्य यूरोपीय भाषाओं में हैं। इसलिए भारतीय अवाम को हिंदी भाषा की अनिवार्य आवश्यकता है। ऐसा नहीं है कि हिंदी को तकनीकी दृष्टि से विकसित करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है, परंतु फिर भी कई महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयरों का हिंदी संस्करण और इंटरनेट पर हिंदी सामग्री की उपलब्धता बहुत कम है। आज हिंदी में कंप्यूटरीकरण को बढ़ावा देने तथा नई तकनीकी को हिंदी में विकसित करने की अत्यंत आवश्यकता है। आइए, हिंदी में कंप्यूटरीकरण (विशेषकर हिंदी टाइपिंग, अनुवाद तथा ई-शब्दकोश) को बढ़ावा देने वाले सरकारी, गैर-सरकारी एवं विदेशी प्रयत्नों पर चर्चा करते हैं।
हिंदी टाइपिंग
सोशल मिडिया में हिंदी अत्यधिक प्रचलन में है, परंतु देवनागरी हिंदी का उपयोग बहुत कम हो रहा है और रोमन में हिंदी (हिंग्रेजी) का अत्यधिक चलन है। दरअसल, हिंदी टाइपिंग से अनभिज्ञ लोगों की यह भ्रामक धारणा होती है कि कंप्यूटर पर हिंदी टाइप करना बहुत कठिन काम है तथा हिंदी टाइपिंग के लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, परंतु यह आवश्यक नहीं है। वास्तविकता में कंप्यूटर पर देवनागरी टाइपिंग की कई उन्नत सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी लोग अपठनीय और उबाऊ रोमन हिंदी का ही उपयोग कर रहें हैं जोकि बहुत अजीब बात है।
वर्तमान में कंप्यूटर पर यूनिकोड के अत्यधिक प्रचलन के कारण हिंदी टाइपिंग हेतु कई फोनेटिक टूल्स उपलब्ध हैं। इन फोनेटिक टूल्स की सहायता से केवल अंग्रेज़ी या रोमन लिपि में टाइपिंग का ज्ञान होने पर भी देवनागरी लिपि में टाइपिंग किया जा सकता है। इन फोनेटिक टूल्स की विशेषता यह है कि यदि आप अंग्रेजी या रोमन लिपि में लिखेंगे तो वह अपने आप हिंदी/देवनागरी लिपि में परिवर्तित हो जाएगा। इसके बहुत से विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट तथा गूगल के टूल बहुत अधिक प्रचलन में हैं। इन दोनों टूलों के मुफ्त संस्करण को आप इंटरनेट से डाउनलोड कर सकते हैं। ये दोनों आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंट युक्त टूल हैं। आप इन दोनों टूलों को ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरीके से प्रयोग कर सकते हैं। माइक्रोसॉफ्ट तथा गूगल के टूलों की मुख्य विशेषता यह है कि इससे रोमन में टाइप करने पर शब्द स्वत: देवनागरी लिपि में परिवर्तित हो जाते हैं। ये टूल उपयोग करने में इतने आसान हैं कि प्रयोक्ता को ‘वह’ टाइप करने के लिए ‘wh’ ही टाइप करना पड़ता है। ये टूल्स आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंट युक्त हैं, जो उपयुक्त शब्द स्वयं चुन लेते हैं। मेरे ख्याल से नियमित प्रयोग के लिए ये दोनों ही टूल उपयुक्त हैं।
गूगल आधारित एक नि:शुल्क सुविधा यह भी है कि आप एक आसान तरीके से अपने दस्तावेज़ को बोलकर टाइप कर सकते हैं। गूगल की यह सुविधा जिसे ‘गूगल वाइस टाइपिंग’ कहते हैं, माइक्रोफोन युक्त कंप्यूटर तथा मोबाइल फोन दोनों में ही प्रयोग में लाई जा सकती है। कंप्यूटर में इस टूल के उपयोग के लिए आपके कंप्यूटर में क्रोम ब्राउज़र इनस्टॉल होना चाहिए। एंड्राइड आधारित मोबाइल फोन में इस टूल के उपयोग के लिए आपको प्ले स्टोर में जाकर ‘गूगल इंडिक कीबोर्ड’ डाउनलोड करके इनस्टॉल करना होगा। सामान्य गति और स्पष्ट रूप से बोलकर आप इस टूल की मदद से फेसबुक, ट्वीटर, ई-मेल, ब्लॉग, गूगल डॉक्स आदि पर शुद्ध देवनागरी में वाइस टाइपिंग कर सकते हैं।
राजभाषा विभाग, भारत सरकार ने भी एक श्रुतलेखन (स्पीच टू टैक्स्ट टूल) निर्मित किया है। यह टूल राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। श्रुतलेखन टूल/सॉफ्टवेयर की विशेषता यह है कि जब प्रयोक्ता माइक्रोफोन में बोलता है, तब कंप्यूटर में उपस्थित ‘स्पीच टू टैक्स्ट प्रोग्राम’ उसे प्रोसैस कर पाठ्य/टैक्स्ट में बदलकर टाइप कर देता है। इसका भी उपयोग बेहद आसान है।
हिंदी टाइपिंग की इतनी सरल युक्तियाँ मौजूद होने के कारण अब हमे यह बात मन से निकाल देनी चाहिए कि हिंदी टाइपिंग कठिन है, तथा देवनागरी/हिंदी में टाइपिंग के लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
हिंदी अनुवाद
एक भाषा में लिखी हुई बात को दूसरी भाषा में लिखने का कार्य अनुवाद कहलाता है। सूचना प्रौद्योगिकी के तीव्र विकास के कारण अनुवाद की प्रक्रिया अत्यंत सरल हो गई है। हालांकि अनुवाद हेतु मानवीय मस्तिष्क की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है, परंतु कंप्यूटर पर उपलब्ध सॉफ्टवेयर कुछ हद तक हमारी सहायता करते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी में हिंदी का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है। अब कंप्यूटर पर ऑनलाइन-ऑफलाइन हिंदी अनुवाद के कई टूल/सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं।
विदेशी कम्पनी गूगल ने हिंदी सहित 73 भाषाओं में पारस्परिक अनुवाद हेतु ऑनलाइन टूल ‘गूगल ट्रांसलेट’ विकसित किया है। यद्यपि इसके अनुवाद की गुणवत्ता को संतोषजनक नहीं कह सकते हैं, परंतु कुछ हद तक इसके अनुवाद उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। इसमें इनपुट और आउटपुट के लिए दो बॉक्स हैं। आप इंटरनेट के सहारे www. translate.google.co.in पर जाकर जिस पाठ्य सामग्री का अनुवाद करना है उसे इनपुट बॉक्स में टाइप करें, उसके पश्चात जिस भाषा में अनुवाद करना है उसे आउटपुट बॉक्स के ऊपर भाषा सूची से चयन करें और आखिर में ‘ट्रांसलेट’ पर क्लिक करें, अनुवाद प्रारंभ हो जायेगा।
कंप्यूटर में हिंदी अनुवाद की बढ़ती सम्भावनाओं को ध्यान में रखकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने मशीन साधित अनुवाद टूल ‘मंत्र’ विकसित किया है, जो दस्तावेजों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करता है। इसमें संपूर्ण अनुवाद प्रक्रिया सर्वर पर ही होती है। इसलिए कोई भी व्यक्ति या संस्था अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करने के लिए इस सुविधा का प्रयोग कर सकता है। यह टूल राजभाषा विभाग की वेबसाइट http://www.rajbhasha.nic.in/ पर उपलब्ध है।
हिंदी शब्दकोश
शब्दकोश एक बड़ी सूची या ग्रंथ होता है जिसमें शब्दों के अर्थ, वर्ण विन्यास, परिभाषा, व्युत्पत्ति आदि का संकलन होता है। आज ऑनलाइन-ऑफलाइन अनेक ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम उपलब्ध हैं जो शब्दकोश के सारे काम करते हैं। वे कागज पर मुद्रित नहीं हैं बल्कि ऑनलाइन या ऑफलाइन (डिक्शनरी सॉफ्टवेयर) प्रयोक्ता को शब्दों के अर्थ ढूढ़ने में सहायता करते हैं। इंटरनेट पर अनेक हिंदी शब्दकोश भी नि:शुल्क उपलब्ध हैं। इनमें से अधिकांश शब्दकोशों में हिंदी शब्दों के अंग्रेजी अर्थ तथा अंग्रेजी शब्दों के हिंदी अर्थ उपलब्ध हैं। ऑनलाइन-ऑफलाइन उपलब्ध कुछ महत्वपूर्ण शब्दकोश निम्न हैं :
ई-महाशब्दकोश : सी-डैक, मुंबई द्वारा द्विभाषी-द्विआयामी अंग्रेजी-हिंदी उच्चारण ई-महाशब्दकोश का विकास किया गया है। ई-महाशब्दकोश में प्रत्येक शब्द का उच्चारण भी दिया गया है जोकि किसी अन्य शब्दकोश में नहीं प्राप्त होता है। यह ऑनलाइन टूल राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं : देवनागरी लिपि के लिए यूनीकोड फॉण्ट, खोजे गये हिंदी/अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण, पूर्ण शब्द खोज, शब्दों की सूची में से खोजने की सुविधा, सही मौखिक उच्चारण और संबंधित जानकारी, अर्थ एवं संबंधित जानकारी आदि
रफ़्तार शब्दकोश : इंटरनेट पर उपलब्ध रफ़्तार शब्दकोश हिंदी प्रयोक्ताओं के लिए बहुत उपयोगी है। यह "www.shabdkosh.raftaar.in वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसमें आप सरलता से हिंदी और अंग्रेजी शब्दों के अर्थ सहित मिलते-जुलते शब्द, वाक्य रचना, संबंधित मुहावरे, विलोम शब्द आदि भी ढूढ़ सकते हैं।
वर्धा हिंदी शब्दकोश : महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा द्वारा प्रस्तुत वर्धा हिंदी शब्दकोश एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है। विश्वविद्यालय की बहुआयामी परियोजना के अंतर्गत इस सॉफ्टवेयर को एसोसिएट प्रोफेसर जगदीप सिंह दाँगी ने विकसित किया है। यह सॉफ्टवेयर विश्वविद्यालय की वेबसाइट http://www.hindivishwa.org/ पर नि:शुल्क उपलब्ध है। इसके अंदर हिंदी के 48,000 मूल-शब्द संग्रहित हैं। इसमें हिंदी शब्दों के शब्दार्थ, उनकी व्युत्पत्ति, शाब्दिक कोटि, मुहावरे, लोकोक्ति आदि का भी समावेश है। यह यूनिकोड फॉण्ट समर्थित सॉफ्टवेयर है तथा इसका संपूर्ण इंटरफ़ेस देवनागरी लिपि (हिंदी भाषा) में है। अत: यह हिंदीभाषियों के लिए एक उपयोगी शब्दकोश सॉफ्टवेयर है।
वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग का शब्दकोश : वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग ने फरवरी 2000 में राष्ट्रीय सूचना केन्द्र के सर्वर पर वेबसाइट http://www.cstt.nic.in/ प्रारम्भ किया है। इस वेबसाइट पर एक ई-शब्दकोश उपलब्ध है, जो कई महत्वपूर्ण विषयों पर वैज्ञानिक शब्दावलियां उपलब्ध कराती है। इस शब्दकोश में आप हिंदी या अंग्रेजी तकनीकी शब्दों के अंग्रेजी या हिंदी पर्याय जान सकते हैं। यह विज्ञान संचारकों, छात्रों, अनुवादकों आदि के लिए अत्यंत उपयोगी ई-शब्दकोश है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि कंप्यूटर एवं इंटरनेट के सहारे सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हिंदी का धीरे-धीरे प्रचलन बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार हिंदी भाषा का व्याकरण वैज्ञानिक आधार पर बना है तथा देवनागरी लिपि कंप्यूटर प्रक्रिया के अनुकूल है। कंप्यूटर तथा इंटरनेट पर हिंदी के प्रयोग की बढ़ती संभावनाओं का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत सरकार सहित कई विदेशी कम्पनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, याहू आदि ने भी अपने वेबसाइटों सहित अनेकों स्थानों पर हिंदी को विशेष स्थान दिया है। यह संभावना है कि भविष्य में सरकारी, गैर-सरकारी तथा विदेशी प्रयासों के कारण हिंदी सूचना प्रौद्योगिकी से सार्थक रूप से लाभान्वित हो सकेगा।