मई, 2017 में पांच देशों नामतः फिलीपींस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और नेपाल का एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भारत आया। प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा का उद्देश्य भारत की स्वदेश में विकसित ई-विन परियोजना के संबंध में जानकारी प्राप्त करना था। यह प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव से मुलाकात कर ई-विन परियोजना के भारत में कार्यान्वयन के संबंध में जानकारी प्राप्त की। साथ ही इस संबंध में भी परिचर्चा की कि किस प्रकार वे अपने देश में इस परियोजना का कार्यान्वयन कर सकते हैं।
ई-विन परियोजना- ई-विन (Electronic Vaccine Intelligence Network : E-VIN) भारत की स्वदेश में विकसित तकनीक प्रणाली है जो टीका भंडारों का डिजिटलीकरण करती है और स्मार्टफोन के माध्यम से कोल्ड चेन (Cold Chain) की निगरानी करती है।
- भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अपने ‘सार्वभौम टीकाकरण कार्यक्रम’ (Universal Immunisation Programme : UIP) के तहत 12 राज्यों में ई-विन परियोजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
- अक्टूबर, 2015 में प्रारंभ हुई यह परियोजना असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 371 जिलों में लागू की गई है।
- ई-विन परियोजना का लक्ष्य उपर्युक्त राज्यों में टीका भंडार एवं वितरण और सभी ‘कोल्ड चेन प्वॉइंट्स’ (Cold Chain Points) में भंडारण तापमान पर वास्तविक समय जानकारी प्रदान कर ‘सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम’ की सहायता करना है।
- साथ ही भारत में नए प्रतिजनों (Antigens) के लिए टीका वितरण, खरीद और योजना में संशोधित नीति के साक्ष्य आधार को मजबूत बनाना है।
- तकनीकी नवाचार ‘ई-विन’ का भारत में कार्यान्वयन संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme : UNDP ) द्वारा ‘गावि-द वैक्सीन एलायंस (GAVI-The Vaccine Alliance) की वित्तीय सहायता से किया जा रहा है।
- आगामी वर्षों में देश के 17 राज्यों और 7 संघ क्षेत्रों में ई-विन परियोजना को लागू किया जाएगा।
- भारत में 65 प्रतिशत बच्चों का पूर्णतया टीकाकरण किया जा चुका है जबकि भारत सरकार का लक्ष्य प्रति वर्ष 27 मिलियन बच्चों का टीकाकरण करना है।
- यद्यपि भारत में पोलियो के उन्मूलन और नवजात टिटनेस (Neonatal Tetanus) को समाप्त करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति हुई है फिर भी देश में 10 मिलियन बच्चों का कम टीकाकरण हुआ है।
- देश में बच्चों के कम टीकाकरण के कारणों में शामिल हैं अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण टीकों की कमी, टीका भंडार दृश्यता की कमी, खराब वितरण योजना एवं अनुपयुक्त भंडारण की स्थिति समेत मौजूदा आपूर्ति शृंखला की कमजोरियां।
- शत-प्रतिशत टीकाकरण के अपने दृष्टिकोण को साकार करने हेतु भारत के समक्ष एक महत्वपूर्ण चुनौती है अपर्याप्त टीका आपूर्ति और टीका भंडारण स्थलों की तापमान निगरानी प्रणाली का समाधान करना।
- इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक ‘राष्ट्रीय टीका संचालन प्रबंधन प्रणाली’ (National Vaccine Logistic Management System) की आवश्यकता थी सभी ‘कोल्ड चेन प्वॉइंट्स पर वास्तविक समय टीका भंडार की दृश्यता प्रदान करती हो।
- इसी आवश्यकता के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘ई-विन’ परियोजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
- ई-विन परियोजना के सफल कार्यान्वयन के माध्यम से भारत न केवल अपने शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा कर सकता है बल्कि अन्य देशों को भी ई-विन परियोजना से लाभान्वित कर सकता है। भारत की यात्रा पर आए पांच देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि मंत्रालय उनकी क्षमताओं को मजबूत बनाने और उनके कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने हेतु उन्हें सहयोग एवं समर्थन देने हेतु तैयार है।