Tuesday 2 May 2017

मृत्युदंड पर एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट


  • मृत्युदंड के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन
    13 मई, 2002 को रोम में स्थापित ‘मृत्युदंड के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन’ (World Coalition Against the Death Penalty) विश्व भर के 150 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों, बार एसोसिएशनों, स्थानीय प्राधिकरणों आदि का एक गठबंधन है। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वभौमिक रूप से मृत्युदंड को समाप्त करना है।
  • विश्व मृत्युदंड विरोधी दिवस
    मृत्युदंड के विरोध में प्रदर्शन करने में विश्व भर के कार्यकर्ताओं की सहायता करने तथा इसे सार्वभौमिक रूप से समाप्त करने के लिए संघर्ष हेतु एकजुट होने के उद्देश्य से ‘मृत्युदंड के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन’ ने वर्ष 2003 में ‘विश्व मृत्युदंड विरोधी दिवस’ (World Day Against the Death Penalty) का आयोजन आरंभ किया था। तब से प्रति वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मृत्युदंड विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • एमनेस्टी इंटरनेशनल
    एमनेस्टी इंटरनेशनल मानवाधिकारों के संरक्षण पर केंद्रित एक गैर-सरकारी संगठन है जिसके विश्व भर में 7 मिलियन से अधिक सदस्य एवं समर्थक हैं। वर्ष 1961 में लंदन के बैरिस्टर पीटर बेनेंसन ने इस संगठन की नींव रखी थी। मृत्युदंड को क्रूर, अमानवीय और अपमानजनक करार देते हुए यह संगठन सभी मामलों में बिना किसी अपवाद के मौत की सजा का विरोध करता है। वर्ष 1977 में जब इस संगठन ने मृत्युदंड को समाप्त करने की दिशा में प्रयास प्रारंभ किए थे, तब मात्र 16 देशों ने ही मौत की सजा को पूर्णतः समाप्त किया था, आज यह संख्या बढ़कर 104 तक पहुंच चुकी है।
  • एमनेस्टी की रिपोर्ट
    एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा प्रति वर्ष विश्व में मृत्युदंड से संबंधित आंकड़ों का प्रकाशन किया जाता है। जनवरी-दिसंबर, 2016 की अवधि के दौरान मृत्युदंड के न्यायिक प्रयोग के आंकड़ों पर आधारित एमनेस्टी इंटरनेशनल की नवीनतम रिपोर्ट 11 अप्रैल, 2017 को जारी की गई। इस रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा मृत्युदंड के प्रयोग से संबंधित जो आंकड़े दिए गए हैं, वह न्यूनतम आंकड़े हैं, जबकि वास्तविक संख्या उससे कहीं अधिक हो सकती है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में 23 देशों द्वारा मृत्युदंड की सजा क्रियान्वित की गई, जबकि वर्ष 2015 में मृत्युदंड क्रियान्वित करने वाले देशों की संख्या 25 थी।
  • बेलारूस तथा फिलीस्तीन के अंतर्गत आने वाले प्राधिकरणों द्वारा एक वर्ष के अंतराल के पश्चात वर्ष 2016 में मृत्युदंड का क्रियान्वयन पुनः आरंभ किया गया।
  • बोत्सवाना तथा नाइजीरिया ने वर्ष 2013 के बाद वर्ष 2016 में मृत्युदंड क्रियान्वित किए।
  • वर्ष 2016 में 6 देशों यथा- चाड, भारत, जॉर्डन, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात तथा यमन में मृत्युदंड का क्रियान्वयन नहीं किया गया, हालांकि इन देशों ने वर्ष 2015 में मृत्युदंड क्रियान्वित किए थे।
  • वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में विश्व भर में निष्पादित मृत्युदंडों (Executions) की संख्या में 37 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
  • जहां वर्ष 2016 में 1032 से अधिक लोगों पर मृत्युदंड का क्रियान्वयन किया गया, वहीं 2015 में यह संख्या 1634 थी।
  • इन आंकड़ों में चीन के आंकड़े शामिल नहीं हैं, जहां प्रति वर्ष हजारों व्यक्तियों को मृत्युदंड दिया जाता है, परंतु आधिकारिक रूप से इनकी संख्या गुप्त रखी जाती है।
  • हालांकि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने वर्ष 2009 से चीन में मृत्युदंड के प्रयोग से संबंधित अनुमानित आंकड़ों को प्रकाशित करना बंद कर दिया है, फिर भी वर्ष 2016 में सर्वाधिक निष्पादित मृत्युदंडों की संख्या चीन में मानी गई है।
  • वर्ष 2016 में कुल अभिलिखित मृत्युदंडों (1032+) में से सर्वाधिक (567+) ईरान में क्रियान्वित किए गए।
  • ईरान के पश्चात क्रमशः सऊदी अरब (154+), इराक (88+) तथा पाकिस्तान (87+) का स्थान है।
  • विश्व में (चीन के अतिरिक्त) कुल मृत्युदंडों का 87 प्रतिशत केवल चार देशों यथा- ईरान, सऊदी अरब, इराक एवं पाकिस्तान द्वारा ही क्रियान्वित किया गया।
  • वर्ष 2006 के बाद से यह प्रथम अवसर है, जब अमेरिका सर्वाधिक निष्पादित मृत्युदंडों की दृष्टि से विश्व के शीर्ष 5 देशों में शामिल नहीं है।
  • कुल निष्पादित मृत्युदंडों की दृष्टि से अमेरिका वर्ष 2016 में विश्व में 7वें स्थान पर है, जहां 20 व्यक्तियों पर मृत्युदंड का क्रियान्वयन किया गया।
  • एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, वर्ष 2016 में 55 देशों के लगभग 3117 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई।
  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 के अंत तक विश्व में कम से कम 18,848 व्यक्ति मृत्युदंड के सजायाफ्ता (अभी क्रियान्वयन शेष) हैं। वर्ष 2016 में दो देशों यथा- बेनिन एवं नौरू ने सभी अपराधों के लिए कानून में मृत्युदंड को समाप्त कर दिया।
  • मृत्युदंड के आंकड़े (2016) : अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठनों के परिप्रेक्ष्य में
  • वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 172 देशों (89%) में मृत्युदंड का क्रियान्वयन नहीं हुआ।
  • जी-8 देशों में से मात्र अमेरिका एवं जापान में मृत्युदंड का क्रियान्वयन हुआ।
  • राष्ट्रमंडल के 53 सदस्य देशों में से 6 देशों (बांग्लादेश, बोत्सवाना, मलेशिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान एवं सिंगापुर) में ही मृत्युदंड का क्रियान्वयन हुआ।
  • आसियान के 10 में से 4 सदस्यों (इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर एवं वियतनाम) ने ही मृत्युदंड का क्रियान्वयन किया।
  • रिपोर्ट में भारत
    राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (National Law University), दिल्ली के अनुसार, वर्ष 2016 में भारत के विभिन्न न्यायालयों द्वारा कुल 136 व्यक्तियों को मौत की सजा सुनाई गई, जिनमें से अधिकांश हत्या के आरोपी थे। इन 136 में से 6 व्यक्तियों को विशेष न्यायालयों द्वारा मौत की सजा सुनाई गई। वर्ष 2016 के अंत तक भारत में 400 से अधिक व्यक्ति मृत्युदंड के सजायाफ्ता (अभी क्रियान्वयन शेष) थे।