- बौद्ध धम्म के संस्थापक - तथागत बुद्ध
- तथागत बुद्ध का जन्म - 563 ईसा पूर्व, बुद्ध (वैशाख) पूर्णिमा को कपिलवस्तु की लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ।
- बुद्ध किस वंश से थे ~ शाक्य वंश
- बुद्ध के पिता का नाम ~ शुद्धोधन
- बुद्ध की माता का नाम ~ महामाया
- बुद्ध के बचपन का नाम ~ सिद्धार्थ
- सिद्धार्थ का पालन -पोषण किया था ~ प्रजापति गौतमी (सिद्धार्थ की मौसी)
- बुद्ध के पिता राजा शुद्धोधन मुखिया थे ~ शाक्य गणराज्य के
- बुद्ध की माँ महामाया किस वंश से संबंधित थीं ~ कोलिय वंश
- बुद्ध की पत्नी का नाम ~ यशोधरा/गोपा/बिम्बा/भद्कच्छना
- बुद्ध के पुत्र का नाम ~ राहुल
- बुद्ध ने किस अवस्था में गृह त्याग किया था ~ 29 वर्ष
- गृह त्याग की घटना क्या कहलाती है ~ महाभिनिष्क्रमण
- बुद्ध के घोड़े का नाम ~ कन्थक
- बुद्ध के सारथी का नाम ~ चन्ना (छन्दक)
- सिद्धार्थ जब कपिलवस्तु की सैर पर निकले तो उन्होंने चार दृश्य क्या देखा था ~ • बूढ़ा व्यक्ति • बीमार व्यक्ति • शव • संन्यासी
- वे संन्यासी जिनसे गृहत्याग के बाद बुद्ध की मुलाकात हुई ~ आलार कालाम और रूद्रक रामपुत्त
- उरूवेला (बोधगया) में मिलने वाले पाँच साधको के नाम ~ कौंडिन्य, वप्प, भद्दिय, महानाम, अस्सागी
- ज्ञान प्राप्ति से पहले किसने बुद्ध को खीर खिलाया था ~ सुजाता
- वर्ष की आयु में बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति कहाँ पर हुई थी ~ बोधगया [फल्गु (निरंजना) नदी के तट पर उरूवेला (बोधगया) नामक स्थान पर]
- जिस वृक्ष के नीचे बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, कहलाता है ~ बोधिवृक्ष (पीपल)
- बुद्ध ने प्रथम उपदेश कहाँ दिया ~ रिषिपत्तन (सारनाथ)
- बुद्ध के प्रथम उपदेश को क्या कहा गया ~ धर्मचक्र प्रवर्तन
- बुद्ध ने अपने उपदेश किस भाषा में दिए ~ पालि भाषा (धम्म लिपि)
- बुद्ध का अर्थ है ~ ज्ञान, जागा हुआ या ज्ञानी
- एशिया का ज्योतिपुंज (Light of Asia) किसे कहा जाता है ~ तथागत बुद्ध
- तथागत का अर्थ ~ सत्य है ज्ञान जिसका अर्थात बुद्ध
- वह दिन जिस दिन तथागत बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था ~ बुद्ध (वैशाख) पूर्णिमा
- वह स्थान जहाँ बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश दिया ~ श्रावस्ती
- 80 वर्ष की अवस्था में बुद्ध की मृत्यु कहाँ पर हुई थी ~ कुशीनगर में
- बुद्ध की मृत्यु कब हुई थी ~ 483 ईसा पूर्व, बुद्ध (वैशाख) पूर्णिमा
- बुद्ध की मृत्यु की घटना क्या कहलाता है ~ महापरिनिर्वाण
- निर्वाण ~ तृष्णा के क्षीण होने की अवस्था को ही बुद्ध ने निर्वाण कहा है।
- बौद्धों का पवित्र ग्रंथ ~ त्रिपिटक
⇒ पिटक शब्द का अर्थ ~ टोकरी, पेटी या पिटारा
⇒ सुत्त पिटक के निकाय ~ दीघ, मज्झिम, संयुक्त, अंगुत्तर, खुद्दक
⇒ बुद्ध के जीवन के अंतिम क्षणों का वर्णन मिलता है ~ महापरिनिब्बानसूत्त (सबसे प्राचीन ग्रंथ)
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चतुर्थ बौद्ध संगीति में बौद्ध धम्म दो भागों में बँट गया :~
⇒ हीनयान (थेरवाद) ~ जो बुद्ध के दिए हुए सिद्धांत व दर्शन को ज्यों का त्यों मानते हैं
⇒ महायान ~ जो बुद्ध के दिए हुए सिद्धांत व दर्शन में परिवर्तन करके मानते हैं।
- बौद्ध धम्म के त्रिरत्न ~ बुद्ध, धम्म, संघ
- बुद्ध के अनुयायी शासक जो उनके समकालीन थे ~ बिम्बिसार, प्रसेनजित, उदयन
- त्रिपिटक की भाषा है ~ पालि भाषा
- बौद्ध धम्म ग्रहण करने वाली प्रथम महिला ~ महाप्रजापति गौतमी
- वह स्थान जहाँ बुद्ध वर्षा के मौसम में प्रवास करते थे ~ बेलुवन और जेतवन
- जेतवन को किसने बुद्ध के लिए दान किया था ~ अनाथपिण्डक
- त्रिपिटक का वह भाग जिसका संकलन प्रथम बौद्ध संगीति में हुआ था ~ सुत्तपिटक और विनयपिटक
- बुद्ध का परिनिर्वाण किस गणराज्य में हुआ था ~ मल्ल गणराज्य
- बुद्ध की प्रथम मूर्ति बनाने का श्रेय किस कला को दिया जाता है ~ मथुरा कला
- सर्वाधिक बुद्ध मूर्तियों का निर्माण किस शैली में हुआ ~ गन्धार शैली
- धार्मिक जलूस का प्रारंभ सबसे पहले बौद्ध धम्म के द्वारा प्रारंभ किया गया।
- दु:ख, दु:ख का कारण, दु:ख निरोध, एवं दु:ख निरोध के मार्ग को बुद्ध ने कहा है ~ चार आर्य सत्य
- बौद्ध धम्म को भारत में किस शासक ने अंतिम संरक्षण दिया ~ बंगाल के पाल वंश के शासकों ने
- बुद्ध ने उपदेश दिया ~ मध्यम मार्ग
- बौद्ध धम्म के अनुसार महापरिनिर्वाण संभव है ~ मृत्यु के बाद | जबकि निर्वाण प्राप्त हो सकता है ~ जीवन काल में ही
- कौन सा धर्म आत्मा और ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार नही करता ~ बौद्ध धम्म
- बौद्ध धम्म के लिए 84 हजार स्तूपों का निर्माता कहा जाता है ~ सम्राट अशोक महान को
- कर्मकांड व पशुबलि का विरोध किया था ~ बुद्ध ने
- सम्यक दृष्टि, सम्यक वाणी, सम्यक संकल्प, सम्यक कर्म, सम्यक आजीव, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति, सम्यक समाधि ... को बुद्ध ने कहा है ~ अष्टांगिक मार्ग
- बुद्ध ने संघ मे स्त्रियों को प्रवेश की अनुमति दी थी ~ प्रिय शिष्य आनंद के आग्रह पर
- सम्राट अशोक द्वारा बनवाया हुआ रूम्मिनदेई स्तंभ बुद्ध के संदर्भ में किसका सूचक है ~ बुद्ध के जन्म का
- गौतम बुद्ध द्वारा भिक्षुणी संघ की स्थापना कहाँ की गई ~ कपिलवस्तु में
- बुद्ध के जीवन काल में ही कौन संघ प्रमुख होना चाहता था ~ देवदत्त
- कुख्यात डाकू अंगुलिमाल को बुद्ध ने कैसे परास्त किया ~ बातों के प्रभाव से
- "बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय" किसने कहा था ~ तथागत बुद्ध ने
- भारत में सबसे पहले मानव प्रतिमाओं को पूजा गया वह थी ~ बुद्ध की प्रतिमा
- प्राचीन विश्व प्रसिद्ध बौद्ध शिक्षा केन्द्र ~ नालन्दा, तक्षशिला, विक्रमशिला
- धातु के बने सिक्के सबसे पहले प्रकट हुए थे ~ बुद्ध काल में
- बुद्ध के उपदेशों का सार एवं सम्पूर्ण शिक्षाओं का आधार स्तंभ है ~ प्रतीत्य समुत्पाद
- अर्हत का अर्थ ~ जो व्यक्ति अपनी साधना से निर्वाण प्राप्त करते हैं
- बुद्ध ने कभी भी अपने मत को बलात थोपने का प्रयास नहीं किया। वे कहा करते थे कि यदि उनकी शिक्षाएँ अच्छी और तर्कसंगत लगे तभी उन्हें ग्रहण किया जाए।
⇒ प्रथम ~ 483 ईसा पूर्व -- राजगृह (स्थान) -- बिम्बिसार (शासक) -- महाकस्सप (अध्यक्ष)
⇒ द्वितीय ~ 383 ईसा पूर्व -- वैशाली (स्थान) -- कालाशोक (शासक) -- साबाकामी (अध्यक्ष)
⇒ तृतीय ~ 251 ईसा पूर्व -- पाटलिपुत्र (स्थान) -- सम्राट अशोक (शासक) -- मोग्गलिपुत्त तिस्स (अध्यक्ष)
⇒ चतुर्थ ~ 72 ईसा पूर्व -- कुण्डलवन (सथान) -- कनिष्क (शासक) -- वसुमित्र (अध्यक्ष)
➽ बुद्ध से जुड़े आठ स्थान जिन्हें बौद्ध ग्रंथों में "अष्टमहास्थान" कहा गया है ~ लुम्बिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा, राजगृह तथा वैशाली
बुद्ध के जीवन की चार महत्वपूर्ण घटना और उनसे सम्बद्ध चार स्थान ~
⇒ जन्म ~ लुम्बिनी
⇒ ज्ञान प्राप्ति ~ बोधगया
⇒ प्रथम उपदेश ~ सारनाथ
⇒ परिनिर्वाण (मृत्यु) ~ कुशीनगर
- तथागत बुद्ध की मृत्यु चुन्द द्वारा अर्पित भोजन "सूकरमद्दव" खाने के बाद हुआ। कुछ विद्वानों ने सूकरमद्दव का अर्थ सूअर का मांस निकाला है, किंतु यह तर्कसंगत नहीं है। वस्तुतः यह एक वनस्पति/कवक थी जो सूअर के मांद के पास उगती थी, जैसे कुकुरमुत्ता आदि।
- पालि भाषा में ऐसे कई शब्द हैं जिनका प्रथम अवयव सूअर है, जैसे ~ सूकरकन्द (शकरकन्द), सूकर -पदिक (सूअर का पैर), सूकरेष्ट (सुअरों द्वारा इच्छित)।
- बुद्ध के लिए प्रयुक्त अन्य शब्द और नाम ~ विश्वगुरु, तथागत, शाक्यमुनि, शाक्य-सिंह, शाक्य शिरोमणि, गौतम
⇒ जन्म ~ हाथी, कमल, सांढ
⇒ गृह त्याग ~ घोड़ा
⇒ ज्ञान प्राप्ति ~ बोधिवृक्ष (पीपल)
⇒ निर्वाण ~ पदचिह्न
⇒ महापरिनिर्वाण (मृत्यु) ~ स्तूप
➤ भारत मूलत: बौद्ध राष्ट्र है। बौद्ध धम्म, हिंदू धर्म का अंग नहीं है बल्कि इसका स्वतंत्र व पृथक अस्तित्व है। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार तथागत बुद्ध सहित अब तक के 28 बुद्धों के नाम बौद्ध ग्रंथों त्रिपिटक, बुद्ध वंश, जातक में उल्लिखित हैं। जो निम्नवत हैं ~
⇒ तनहंकर, मेधांकर, शरणंकर, दीपंकर, कौंडिन्य मंगल, सुमन, रेवत, शोभित, अनोमदस्सी, पदुम नारद, पदमुत्तर, सुमेध, सुजात, प्रियदर्शी, अर्थदर्शी, धम्मदर्शी, सिद्धार्थ, तिस्स, फुस्स, विपस्सी, सिखी, वैशब्भू, ककुसन्ध, कोणागमन, कस्यप, तथागत बुद्ध।
- इस प्रकार तथागत बुद्ध 28 वें बुद्ध हैं। भारत में आर्यों (हिंदू) का आगमन ~ 1500 ईसा पूर्व में मध्य एशियाई देशों से हुआ। रिग्वैदिक सभ्यता का काल ~ 1500 -1000 ईसा पूर्व।
- सैंधव सभ्यता के जो अवशेष मिले हैं वे इस बात का संकेत करते हैं कि यह सभ्यता "बौद्ध विचारधारा" पर आधारित सभ्यता थी। जिसका काल 2500 ईसा पूर्व है। जिसे भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता कहा जाता है। जो रिग्वैदिक व वैदिक सभ्यता से भी प्राचीन है। हिंदू धर्म से हजारों साल प्राचीन है। इससे सिद्ध होता है कि बौद्ध धम्म ही भारत का मूल धर्म है अर्थात भारत के मूलनिवासियों का धर्म, बौद्ध धम्म ही रहा है।
बौद्ध धम्म के प्रतीक ~
⇒ 563, नमो बुद्धाय , पंचशील ध्वज
⇒ चार आर्य सत्य का चिह्न, तथागत बुद्ध का हाथ
⇒ कमल, पदचिह्न, स्तूप, बोधिवृक्ष (पीपल का पेड़)
⇒ हाथी, घोड़ा, शेर, हिरण, सांढ़, मोर, बाघ
⇒ 32 तिल्लियों वाला चक्र, 24 तिल्लियों वाला चक्र, 8 तिल्लियों वाला चक्र
सम्राट अशोक स्तंभ (4 शेर वाला), सिंह स्तंभ, अश्व (घोड़ा) स्तंभ, सांढ़ स्तंभ, हाथी स्तंभ
⇛ भारत ने अपने राज्य चिह्न के रूप में बौद्ध प्रतीकों को ही ग्रहण किया है। जिसके कारण वह शांति व सह अस्तित्व का पोषक बना हुआ है।