Thursday 25 May 2017

दिल्ली सल्तनत के अंतर्गत सैय्यद राजवंश का संक्षिप्त विवरण


सैय्यद राजवंश की स्थापना खिज्र खान ने की थी, जो मुल्तान का राज्यपाल था और भारत में तैमूर का उत्तराधिकारी थाl इस राजवंश के चार शासकों- खिज्र खान, मुबारक, मुहम्मद शाह और आलम शाह ने 1414 से 1451 के बीच 37 वर्षों तक शासन किया थाl इस लेख में हम दिल्ली सल्तनत के अंतर्गत शासन करने वाले सैय्यद राजवंश का संक्षिप्त विवरण दे रहे हैंl सैय्यद राजवंशीय शासकों के अंतर्गत दिल्ली सल्तनत किसी प्रांतीय राज्य की तरह थाl सुल्तान नासिरूद्दीन महमूद के बाद “दौलत खान” ने तुगलक वंश के शासक के रूप में सत्ता संभाली, लेकिन मुल्तान के गवर्नर “खिज्र खान” ने तैमूर की ओर से “दौलत खान” के खिलाफ आक्रमण किया और 1414 ईस्वी में दिल्ली पर कब्जा कर लियाl

खिज्र खान
  • वह भारत में सैय्यद राजवंश का संस्थापक था और उसने तैमूर के पुत्र और उत्तराधिकारी “शाहरुख” के प्रतिनिधि के रूप में शासन किया थाl
  • उसका शासनकाल पूर्ण रूप से अराजकता और अव्यवस्था से परिपूर्ण थाl उसके साम्राज्य का क्षेत्र संकीर्ण होकर दिल्ली और आस-पास के इलाकों तक सिमट गया था और इन हिस्सों को भी अक्सर इटावा, काटेहार, कन्नौज, पटियाला और काम्पिल्य के हिन्दू जमींदारों से चुनौती मिलती थीl
  • 1421 ईस्वी में बीमारी से उसकी मृत्यु हो गईl

दिल्ली सल्तनत के दौरान किए गए सैन्य सुधारों का संक्षिप्त विवरण
मुबारक शाह
  • वह खिज्र खान का पुत्र था, जिन्होंने अपने नाम से खुतबा और सिक्के जारी किया थाl उसने किसी भी विदेशी शक्ति के सत्ता को स्वीकार नहीं कियाl
  • वह सैय्यद वंश का सबसे सुयोग्य शासक थाl उसने भटिंडा और दाओब में विद्रोह को कम किया और खोखार प्रमुख “जसरत” द्वारा किए गए विद्रोह को दबायाl
  • उन्होंने “तारिक-ए-मुबारक शाही” के लेखक “वाहिया बिन अहमद सरहिंद” को संरक्षण प्रदान किया थाl

मुबारक शाह के बाद दो अयोग्य शासक “मुहम्मद शाह” (1434-1445 ईस्वी) और “अलाउद्दीन आलम शाह” (1445-1450 ईस्वी) सत्ता पर काबिज हुएl ने स्थान दिया था। उस समय अधिकांश प्रांतीय राज्यों ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी, इसलिए आलम शाह ने बदायूं में सत्ता त्याग कर आत्मसमर्पण कर दियाl अंततः बहलोल लोदी ने “वजीर खान” के समर्थन से दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा कर लियाl