हाल ही में किये गये एक शोध के अनुसार पृथ्वी से विशालकाय जानवरों और विलुप्ति की कगार पर पहुँचे जंतुओं का लुप्त होना इसी प्रकार जारी रहा तो 200 साल बाद गाय सबसे बड़ी स्तनधारी जीव होगी।
अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू मेक्सिको के शोधकर्ताओं के द्वारा किये गये अध्ययन की मानें तो आने वाले वर्षों में हाथी, जिराफ और दरियाई घोड़े जैसे जीव विलुप्ति के कगार पर पहुँच जायेंगे तथा गाय एकमात्र ऐसा जीव होगा जो विलुप्ति से बचा रहेगा। शोधकर्ताओं के अनुसार इसका सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन नहीं बल्कि मनुष्य हैं।
शोध के प्रमुख तथ्य
- शोधकर्ताओं का कहना है कि जानवरों का लुप्त होना कोई आकस्मिक घटना नहीं है। यह प्रक्रिया करीब एक लाख 25 हजार वर्षो से चली आ रही है।
- जब अफ्रीका के मूल निवासी प्राचीन मनुष्यों जैसे निएंडरथल ने अन्य महाद्वीपों में फैलना शुरू किया था तब से ही बड़े आकार वाले स्तनधारियों के विलुप्त होने की घटना में तेजी आई।
- मानवीय क्रियाकलापों के कारण बड़े जानवर विलुप्त हुए थे और वर्तमान में भी ऐसा ही हो रहा है।
- अध्ययन में बताया गया है कि एक लाख 25 हजार साल पहले अफ्रीका के स्तनधारी जीवों का औसत आकार अन्य महाद्वीप के जीवों से 50 प्रतिशत कम था। प्लेस्टोसीन काल के अंत से ही प्राचीन मानवों ने स्तनधारियों की विविधता और उनके आकार को प्रभावित करना शुरू कर दिया था।
- प्लेस्टोसीन 26 लाख साल पहले से 11760 वर्ष पहले तक का काल था। समय के साथ जैसे-जैसे मनुष्यों ने पूरे विश्व में फैलना शुरू किया ऊनी गैंडे, मैमथ, जमीन पर रहने वाले विशालकाय स्लॉथ, छोटे मुँह वाले भालू और जंगली बिल्लियों की कई प्रजातियां विलुप्त हो गईं।
शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट में कहा है कि एशिया के बाद अफ्रीका सबसे बड़ा महाद्वीप है और वहाँ बड़ी संख्या में स्तनधारी जीव रहते हैं। मनुष्यों ने अपने स्वार्थ के लिए इन बड़े जानवरों को अपना शिकार बनाया जिससे इनकी संख्या में गिरावट आ गई।