नए ग्रह की खोज के लिये 16 अप्रैल को नासा एक नया मिशन शुरु करने जा रहा है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा 'ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सेटेलाइट (टीईएसएस)' मिशन का अगला चरण 16 अप्रैल को शुरू किया जाएगा। इस मिशन के तहत सौमंडल के बाहरी ग्रहों यानी एक्सोप्लेनेट की खोज की जाएगी।
➤ Tess मिशन दो सालों तक पृथ्वी के सौरमंडल से बाहर सूर्य के करीबी सबसे चमकीले 200,000 तारों का सर्वेक्षण करेगा। शोधकर्त्ताओं द्वारा इन ग्रहों पर जीवन की संभावना के विषय में अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद इन तारों का चक्कर लगा रहे ग्रहों की खोज का कार्य किया जाएगा।
➤ नासा के अनुसार, इनमें से कम-से-कम 300 ग्रहों के पृथ्वी के बराबर या पृथ्वी से बड़े यानी सुपर अर्थ होने की संभावना है।
➤ जापान के टोक्यो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्त्ताओं द्वारा इस शोध के लिये नासा के केपलर स्पेसक्राफ्ट के दूसरे अभियान से प्राप्त आँकड़ों पर अध्ययन किया गया है।
➤ इन अध्ययनों में खोजे गए सभी 15 ग्रहों में 3 को सुपर अर्थ माना जा रहा है, क्योंकि ये आकार में धरती से बड़े हैं। हालाँकि, ये सभी ग्रह पृथ्वी से तकरीबन 200 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद एक लाल तारे के2-155 की परिक्रमा कर रहे हैं।
➤ इन 3 सुपर अर्थ में सबसे बाहरी ग्रह पर पानी के मौजूद होने की उम्मीद है, परंतु अभी इस विषय में प्रमाणिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। यही कारण है कि नासा द्वारा Tess को लॉन्च किया जा रहा है, ताकि ब्रह्मांड में मौजूद अन्य एक्सोप्लेनेट के विषय में जानकारी प्राप्त की जा सके।