Tuesday, 24 April 2018

सुंदरबन को रामसर आर्द्रभूमि स्थल घोषित करने की तैयारी


पश्चिम बंगाल सरकार ने 4260 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सुंदरबन को रामसर स्थल घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब राज्य वन विभाग भारत सरकार के माध्यम से रामसर अभिसमय सचिवालय ग्लैंड (स्विटजरलैंड) के पास इसे रामसर आर्द्र भूमि स्थल घोषित करने के लिए औपचारिक आवेदन करेगा।

आवेदन के अगले तीन से छह महीनों में सुंदरबन को रामसर स्थल का दर्जा मिल सकता है। 


लाभ

➤ सुंदरबन को रामसर स्थल का दर्जा मिलने के उपरांत इसे अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल जाएगी, साथ ही इस क्षेत्र की ओर अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक आकर्षण भी बढ़ेगा।

 ज्ञातव्य है कि सुंदरबन की आर्द्र भूमि 1986 के 30.6 प्रतिशत से घटकर 2011 में 24.7 प्रतिशत रह गयी जिसके कारण पर्यावरणविद् चिंतित हैं। 


सुंदरबन के बारे में

 पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिला के पूर्वी हिस्से में स्थित सुंदरबन रिजर्व वन 4260 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।

 इस वन का नामकरण ‘सुंदरी’ (हेरिटियेरा मिरर) नामक मैंग्रोव पौधा के नाम पर हुआ है।

 यह गंगा, ब्रह्पुत्र एवं मेघना नदियों द्वारा निर्मित विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा का हिस्सा है।

 यहां 2114 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में मैंग्रोव वन (भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2017) का विस्तार है जो कि देश के कुल मैंग्रोव वन का लगभग 43 प्रतिशत है।

 यहां 100 रॉयल बंगाल टाइगर का पर्यावास भी है।

 यह एक राष्ट्रीय उद्यान, टाइगर रिजर्व एवं बायोस्फेयर रिजर्व भी है। यूनेस्को ने इसे 2001 में बायोस्फेयर रिजर्व का दर्जा दिया था।

 1987 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल (प्राकृतिक) का दर्जा प्रदान किया था।

 रामसर स्थल घोषित होने के पश्चात यह देश का सबसे बड़ा संरक्षित होगा। 


रामसर आद्रभूमि के बारे में

 रामसर, ईरान में 1971 में हस्ताक्षरित आद्रभूमि सम्मेलन अंतर-सरकारी संधि है, जो आद्रभूमि और उनके संसाधनों के संरक्षण और बुद्धिमतापूर्ण उपयोग के लिए राष्ट्रीय कार्य और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का ढांचा उपलब्ध कराती है।

 रामसर आद्रभूमि का सचिवालय स्विटजरलैंड के ग्लैंड में स्थित है जो आईयूसीएन के साथ साझा करता है।

 वर्तमान में इस सम्मेलन में 158 करार करने वाले दल हैं और 1758 आद्रभूमि (वेटलैंड्स) स्थल हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 161 मिलियन हेक्टेयर है, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड्स की रामसर सूची में शामिल किया गया है।

 एशियन वेटलैंड्स कोष (1989) के अनुसार वेटलैंड्स का देश के क्षेत्रफल (नदियों को छोड़कर) में 18.4 प्रतिशत हिस्सा है, जिसके 70 प्रतिशत भाग में धान की खेती होती है।

 भारत 1982 से इस समझैते का सदस्‍य है.  भारत के अधिकांश आद्रभूमि गंगा, कावेरी, कृष्णा, गोदावरी और ताप्ती जैसी प्रमुख नदी प्रणालियों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।


भारत में वर्तमान में 25 रामसर आद्रभूमि हैं।

 भारत में आद्रभूमि का अनुमानित क्षेत्रफल 4.1 मिलियन हेक्टेयर (सिंचित कृषि भूमि, नदियों और धाराओं को छोड़कर) है, जिसमें से 1.5 मिलियन हेक्टेयर प्राकृतिक और 2.6 मिलियन हेक्टेयर मानव निर्मित है। कुल भौगोलिक क्षेत्र में आद्र भूमि 4.7 प्रतिशत है।

 पर्यावण वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय आद्र भूमि संरक्षण के लिए नोडल मंत्रालय है। यह 1985 से रामसर स्‍थलों सहित आद्र भूमि के संरक्षण और प्रबंधन के लिए प्रबंधनकारी योजना के डिजाइन और कार्यान्‍वन में राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को समर्थन दे रहा है।