जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (Climate Change Performance Index-CCPI) अंतरराष्ट्रीय जलवायु राजनीति (International Climate Politics) में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु परिकल्पित एक युक्ति है। इसका उद्देश्य जलवायु संरक्षण पर महत्वाकांक्षी कार्य करने में असफल देशों पर सामाजिक एवं राजनीतिक दबाव डालना एवं जलवायु नीतियों पर सबसे अच्छा काम करने वाले देशों को चिह्नित करना है। मानकीकृत मानदंडों के आधार पर, यह सूचकांक 58 देशों के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का मूल्यांकन एवं तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है, जो संयुक्त रूप से वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के 90 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है।
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2017 ‘जर्मनवाच’ (Germanwatch) और ‘क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क’ यूरोप (Climate Action Network Europe) द्वारा संयुक्त रूप से 16 नवंबर, 2016 को जारी किया गया।
- यह सूचकांक पहली बार वर्ष 2005 में जारी किया गया था।
- वर्ष 2017 के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में 66.17 अंकों के साथ फ्रांस ने पहली बार शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
- शीर्ष 3 स्थान रिक्त रखे जाने के कारण फ्रांस सूचकांक में चतुर्थ क्रम पर है।
- वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (पेरिस सम्मेलन) की मेजबानी ने फ्रांस को इस सूचकांक में शीर्ष तक पहुंचने में मदद की है।
- रिपोर्ट के अनुसार, प्रथम तीन स्थानों पर कोई भी देश स्थान नहीं बना सका है, क्योंकि पेरिस समझौते के लागू होने के बाद भी किसी देश द्वारा जलवायु परिवर्तन के खतरनाक प्रभावों (तापमान को 2oC या 1.5oC की सीमा तक बनाए रखने) की रोकथाम हेतु पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं।
- इस सूचकांक में स्वीडन को पांचवां (समग्र रूप से द्वितीय) एवं यूनाइटेड किंगडम को छठां (क्रम में तृतीय) स्थान प्राप्त हुआ है।
- विगत वर्ष सूचकांक में शीर्ष (समग्र रूप से 4वां स्थान) पर स्थित देश डेनमार्क का वर्ष 2017 के इस सूचकांक में 13वां स्थान है, जो उसकी रैंक में नौ अंकों की कमी प्रदर्शित करता है।
- अफ्रीकी देश मोरक्को ने सूचकांक में लगातार अपनी वर्धमान प्रवृत्ति बनाए रखी है।
- मोरक्को का सूचकांक में 8वां स्थान (विगत वर्ष 10वां) है।
- इस सूचकांक में अर्जेंटीना का 36वां और ब्राजील का 40वां स्थान है।
- दुनिया के दो सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक देशों चीन एवं संयुक्त राज्य अमेरिका का सूचकांक में क्रमशः 48वां (स्कोर-47.49) एवं 43वां (स्कोर-51.04) स्थान है।
- सूचकांक में सबसे नीचे सऊदी अरब (61वां स्थान), जापान (60वां) एवं कजाख्स्तान (59वां) स्थित हैं, जिन्हें सबसे खराब (Very Poor) रेटिंग प्रदान की गई है।
- सूचकांक में भारत
- वर्ष 2017 के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में भारत को 20वां स्थान (स्कोर-59.08) प्राप्त हुआ है।
- इस वर्ष के सूचकांक में भारत की स्थिति में गतवर्ष की तुलना में तीन स्थानों का सुधार हुआ है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 के सूचकांक में भारत का 23वां स्थान था।
- सूचकांक में भारत के प्रदर्शन में सुधार का कारण अपेक्षाकृत निम्न प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन है, जिसके परिणामस्वरूप इस श्रेणी में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
- इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विस्तार की योजनाएं प्रारंभ की हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक हैं। इस कारण भी सूचकांक में भारत के स्थान में सुधार हुआ है।
- उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया के दस शीर्ष कार्बन उत्सर्जक देशों में से एक है।
- भारत सूचकांक के मध्यम (Moderate) रेटिंग/वर्ग में स्थित है।
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (Climate Change Performance Index-CCPI) अंतरराष्ट्रीय जलवायु राजनीति (International Climate Politics) में पारदर्शिता बढ़ाने हेतु परिकल्पित एक युक्ति है। इसका उद्देश्य जलवायु संरक्षण पर महत्वाकांक्षी कार्य करने में असफल देशों पर सामाजिक एवं राजनीतिक दबाव डालना एवं जलवायु नीतियों पर सबसे अच्छा काम करने वाले देशों को चिह्नित करना है। मानकीकृत मानदंडों के आधार पर, यह सूचकांक 58 देशों के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन का मूल्यांकन एवं तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है, जो संयुक्त रूप से वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के 90 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है।
- जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2017 ‘जर्मनवाच’ (Germanwatch) और ‘क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क’ यूरोप (Climate Action Network Europe) द्वारा संयुक्त रूप से 16 नवंबर, 2016 को जारी किया गया।
- यह सूचकांक पहली बार वर्ष 2005 में जारी किया गया था।
- वर्ष 2017 के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में 66.17 अंकों के साथ फ्रांस ने पहली बार शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
- शीर्ष 3 स्थान रिक्त रखे जाने के कारण फ्रांस सूचकांक में चतुर्थ क्रम पर है।
- वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन (पेरिस सम्मेलन) की मेजबानी ने फ्रांस को इस सूचकांक में शीर्ष तक पहुंचने में मदद की है।
- रिपोर्ट के अनुसार, प्रथम तीन स्थानों पर कोई भी देश स्थान नहीं बना सका है, क्योंकि पेरिस समझौते के लागू होने के बाद भी किसी देश द्वारा जलवायु परिवर्तन के खतरनाक प्रभावों (तापमान को 2oC या 1.5oC की सीमा तक बनाए रखने) की रोकथाम हेतु पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं।
- इस सूचकांक में स्वीडन को पांचवां (समग्र रूप से द्वितीय) एवं यूनाइटेड किंगडम को छठां (क्रम में तृतीय) स्थान प्राप्त हुआ है।
- विगत वर्ष सूचकांक में शीर्ष (समग्र रूप से 4वां स्थान) पर स्थित देश डेनमार्क का वर्ष 2017 के इस सूचकांक में 13वां स्थान है, जो उसकी रैंक में नौ अंकों की कमी प्रदर्शित करता है।
- अफ्रीकी देश मोरक्को ने सूचकांक में लगातार अपनी वर्धमान प्रवृत्ति बनाए रखी है।
- मोरक्को का सूचकांक में 8वां स्थान (विगत वर्ष 10वां) है।
- इस सूचकांक में अर्जेंटीना का 36वां और ब्राजील का 40वां स्थान है।
- दुनिया के दो सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक देशों चीन एवं संयुक्त राज्य अमेरिका का सूचकांक में क्रमशः 48वां (स्कोर-47.49) एवं 43वां (स्कोर-51.04) स्थान है।
- सूचकांक में सबसे नीचे सऊदी अरब (61वां स्थान), जापान (60वां) एवं कजाख्स्तान (59वां) स्थित हैं, जिन्हें सबसे खराब (Very Poor) रेटिंग प्रदान की गई है।
- सूचकांक में भारत
- वर्ष 2017 के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में भारत को 20वां स्थान (स्कोर-59.08) प्राप्त हुआ है।
- इस वर्ष के सूचकांक में भारत की स्थिति में गतवर्ष की तुलना में तीन स्थानों का सुधार हुआ है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 के सूचकांक में भारत का 23वां स्थान था।
- सूचकांक में भारत के प्रदर्शन में सुधार का कारण अपेक्षाकृत निम्न प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन है, जिसके परिणामस्वरूप इस श्रेणी में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
- इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विस्तार की योजनाएं प्रारंभ की हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक हैं। इस कारण भी सूचकांक में भारत के स्थान में सुधार हुआ है।
- उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया के दस शीर्ष कार्बन उत्सर्जक देशों में से एक है।
- भारत सूचकांक के मध्यम (Moderate) रेटिंग/वर्ग में स्थित है।
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2017
रैंक | देश | स्कोर |
4 | फ्रांस | 66.17 |
5 | स्वीडन | 66.15 |
6 | यूनाइटेड किंगडम | 66.1 |
7 | साइप्रस | 64.28 |
8 | मोरक्को | 63.28 |
9 | लक्जमबर्ग | 62.86 |
10 | माल्टा | 62.51 |