Tuesday, 28 March 2017

बजट (BUDGET), पार्ट 1


बजट एक निश्चित वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित आयव्यय का विवरण है बजट उपलब्ध संसाधनों के आकलन करने की प्रक्रिया है, तथा पूर्व निर्धारित प्राथमिकताओं के आधार पर संगठन के विभिन्न गतिविधियों के लिए आवंटित करने की प्रक्रिया भी है यह सार्वजनिक जरूरतों तथा दुर्लभ संसाधनों को संतुलित करने का प्रयास भी है परंतु बजट केवल आर्थिक गतिविधियां नहीं है, यह धन से इतर है, बजट दर्शन, नीति तथा चयन का प्रतिनिधित्व करता है यह संसाधनों के आवंटन में प्रतिस्पर्धा की प्राथमिकताओं, निष्पक्षता तथा सामाजिक न्याय के मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है यह उस दिशा का भी संकेत करता है जिसमे उस देश का नेतृत्व करता है तथा उस मार्ग को भी बताता है जिससे उद्देश्यों की प्राप्ति की जाती है अपनी वित्तीय भूमिकाओं को छोड़कर बजट द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं —
निष्कर्षतः यह सरकारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक योजनाबद्ध दृष्टिकोण है, जो वृहद् संसाधनों को संगठित करने की मांग करता है। विगत वर्षों में सरकार के बारे में जनता की राय बदलने के लिए बजटीय प्रक्रिया में बदलाव को अच्छी तरह समझ जा सकता है
वाणिज्यिक बजट तथा सरकारी बजट में कई अंतर है, दोनों में अंतर इस प्रकार हैं –

संघीय बजट
संघीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में जाना जाता है, इसके दो उद्देश्य हैं  —
(a) संघ सरकार की गतिविधियों का वित्त पोषण
(b) यह रोजगार, निरंतर आर्थिक विकास, मूल्य स्थिरता जैसे वयापक आर्थिक उद्देश्यों को हासिल करने के लिए राजकोषीय नीति का एक हिस्सा है

संस्थान एवं कानून
केंद्र सरकार के पास दो बजट थे – आम बजट और रेल बजट वर्ष 1921 में एकवर्थ समीति के सिफारिशों के आधार पर आम बजट को रेल बजट से अलग कर दिया गया था पुनः 2017 में दोनों को सम्मिलित कर दिया गया
आम बजट में सभी मंत्रालयों के कुल प्राप्तियों तथा व्यय का अनुमान होता हैं, इसमें निम्नलिखित तीन आंकड़े सम्मिलित होते हैं —
(1)विगत वर्ष कि कुल वास्तविक आय तथा व्यय
(2) चालू वर्ष के संसोधित आंकड़े
(3)आगामी वर्ष के लिए बजट अनुमान
सरकार कि प्राप्तियों को संविधान के तीन खातों में रखा जाता है —
(1) संचित निधि
(2) लोक लेखा निधि
(3)आकस्मिकता निधि
अनुमानित आय और व्यय इन निधियों से अलग रखे जाते हैं —
यह एक ऐसी निधि हैं जिसमे सभी प्राप्तियां जमा की जाती हैं तथा सभी व्यय निकाले जाते हैं,अर्थात सरकार द्वारा प्राप्त सभी राजस्व सरकार द्वारा लिए गए सभी ऋण, ट्रेजरी बिल तथा अन्य माध्यम ऋण के रूप में प्राप्त आय तथा अन्य सभी प्रकार के पुनर्भुगतान सरकार द्वारा सभी प्रकार का भुगतान विधिक रूप से इसी फण्ड से किया जाता हैं इस निधि से संसद की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार से धन विनियोजित नहीं किया जा सकता विधि द्वारा अधिकृत विनियोजन से ही धन निकल जा सकता हैं
निम्नलिखित प्रकार के व्यय संचित निधि में सम्मिलित हैं —
लोक लेखा निधि
भारत सरकार की ओर से अन्य सार्वजनिक धन (संचित निधि से सम्बंधित धन को छोड़कर ) लोक लेधा निधि में जमा किए जाएंगे जो इस प्रकार हैं —
आकस्मिकता निधि
सरकारी बजट के घटक
भारत में प्रत्येक वित्तीय वर्ष, सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्ययों का विवरण संसद के समक्ष प्रस्तुत करना एक संवैधानिक अनिवार्यता है। इस वार्षिक वित्तीय विवरण से मुख्य बजट दस्तावेज बनता है। इसके अतिरिक्त बजट में राजस्व लेखा पर व्यय और अन्य प्रकार के व्यय में अवश्य ही अंतर होना चाहिए। अतः बजट दो प्रकार के होते है : (i) राजस्व बजट (ii) पूंजीगत बजट,  जैसा की निचे दिए गए चित्र में दिया गया है
राजस्व बजट में सरकार की चालू प्राप्तियां और उन प्राप्तियों से किए जाने वाले व्यय के विवरण को दर्शाया जाता है
राजस्व प्राप्तियां राजस्व प्राप्तियां सरकार की वह प्राप्तियां है जो गैर – प्रतिदेय हैं अर्थात इसे पाने के लिए सरकार से पुनः दावा नहीं किया जा सकता है। इसे कर और गैर कर राजस्व में विभक्त किया जाता है। कर राजस्व में कर की प्राप्तियां और सरकार द्वारा लगाए गए अन्य शुल्क शामिल होते है। कर राजस्व जो की राजस्व प्राप्तियों का एक महत्वपूर्ण घटक है, में मुख्य रूप से प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर होते है

प्रत्यक्ष कर- ऐसा कर जिसका बोझ प्रत्यक्ष रूप से व्यक्ति (व्यक्तिगत आयकर ) और फर्म (निगम कर ) पर पड़ता है। अन्य प्रत्यक्ष करों जैसे संपत्ति कर, उपहार कर और सम्पदा शुल्क आदि