Thursday, 23 March 2017

RTI ( सूचना का अधिकार ) क्या है जानें


                                     सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत वह अधिकार है जो एक तरह से आम जन को सशक्त बनता है क्योकि सूचना के अधिकार के अंतर्गत वह किसी भी सरकारी महकमे से कुछ भी जानकारी मांग सकता है जिसमे उसे लगता है कि पारदर्शिता नहीं है या फिर अपनी जानकारी के लिए भी वह सूचना के अधिकार का प्रयोग कर सकता है
सूचना का अधिकार वह है जिसमे संविधान की धारा 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है। धारा 19 (1), जिसके तहत प्रत्‍येक नागरिक को बोलने और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता दी गई है और उसे यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है, इसकी क्‍या भूमिका है, इसके क्‍या कार्य हैं आदि।
प्रत्‍येक नागरिक कर का भुगतान करता है अत: इसे अधिकार मिलते हैं और साथ ही उसे यह जानने का पूरा अधिकार है कि उसके द्वारा कर के रूप में दी गई राशि का उपयोग कैसे किया जा रहा है।
सूचना का अधिकार अधिनियम प्रत्‍येक नागरिक को सरकार से प्रश्‍न पूछने का अधिकार देता है और इसमें टिप्‍पणियां, सारांश अथवा दस्‍तावेजों या अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों या सामग्री के प्रमाणित नमूनों की मांग की जा सकती है।
आरटीआई अधिनियम पूरे भारत में लागू है (जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के अलावा) जिसमें सरकार की अधिसूचना के तहत आने वाले सभी निकाय शामिल हैं जिसमें ऐसे गैर सरकारी संगठन भी शामिल है जिनका स्‍वामित्‍व, नियंत्रण अथवा आंशिक निधिकरण सरकार द्वारा किया गया है।
आरटीआई अधिनियम एक लोक प्राधिकरण द्वारा धारित सूचना तक पहुंच का अधिकार प्रदान करता है। यदि आपको किसी प्रकार की सूचना देने से मना किया गया तो आप निम्‍नलिखित विकल्‍पों का उपयोग करते हुए केन्‍द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के समक्ष अपील / शिकायत दर्ज करा सकते हैं 
सूचना के अधिकार के अंतगर्त मांगी जा सकने वाली जानकारियां : आप इसके अंतर्गत कुछ भी जानकारी हासिल कर सकते है जैसे कि : किसी सड़क को बनाने में सरकार ने कितना व्यव किया, प्रधानमत्री के रहन सहन पर किया जाने वाला खर्च, राष्ट्रपति भवन में होने वाला खर्च किसी सरकारी योजना पर किया जाने वाला खर्च,पंचायत द्वारा किसी योजना में किया जाने वाला व्यव या किसी भी प्रकार की अन्य जानकारी या उस से जुड़े दस्तावेजो की छायाप्रति की मांग कर सकते है 
सूचना के अधिकार के दायरे में आने वाले विभाग :
– राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री दफ्तर
– संसद और विधानमंडल
– चुनाव आयोग
– सभी अदालतें
– तमाम सरकारी दफ्तर
– सभी सरकारी बैंक
– सारे सरकारी अस्पताल
– पुलिस महकमा
– सेना के तीनों अंग
– पीएसयू
– सरकारी बीमा कंपनियां
– सरकारी फोन कंपनियां
– सरकार से फंडिंग पाने वाले एनजीओ
सूचना के अधिकार के दायरे में नहीं आने वाले विभाग :
– किसी भी खुफिया एजेंसी की वैसी जानकारियां, जिनके सार्वजनिक होने से देश की सुरक्षा और अखंडता को खतरा हो
– दूसरे देशों के साथ भारत से जुड़े मामले
– थर्ड पार्टी यानी निजी संस्थानों संबंधी जानकारी लेकिन सरकार के पास उपलब्ध इन संस्थाओं की जानकारी को संबंधित सरकारी विभाग के जरिए हासिल कर सकते हैं 
पिछले कुछ सालों में कुछ जागरूक नागरिको ने सूचना के अधिकार को इसकी परिभाषा में परिभाषित किया है सामाजिक तौर पर अधिक सक्रिय होकर उन्होंने तंत्र को पारदर्शिता बढाने को मजबूर भी किया है सो आज ही अपने आज पास के विकास कार्यों में होने वाले व्यव या योजना के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगे और अपनी जानकारी का दायरा बढाने के साथ पारदर्शी तंत्र बनाने में सहयोग करे

कानून के तहत सूचना एकत्र करने के लिए प्रार्थना पत्र का नमूना 
सेवा में
सूचना अधिकारी
विभाग ( विभाग का नाम लिखें)
पता…………………………………………….
पिन कोड……………………………………….
विषय: सूचना का अधिकार कानून -2005 के अंतर्गत सूचना प्राप्ति के लिए आवेदन
महोदय / महोदया,
महोदय कृपया सूचना का अधिकार क़ानून -2005 के तहत नीचे लिखे प्रश्नों का लिखित उतर देने की कृपा करें|
1. प्रश्न: ( कृपया अपने प्रश्न या प्रश्नों को क्रमांक दे कर जवाब माँगें) जैसे…
(क) प्रश्न एक……………………………………….
(ख) प्रश्न दो…………………………………………
2. समय अवधि जिसके दौरान सूचना वांछित है ( उदाहरण: 20 मार्च से 19 जून 2013)
3. यदि जाँच के लिए आग्रह है तो जाँच का पूरा विवरण ( यदि नही तो छोड़ दें)
( नोट: कृपया सूचना प्राप्ति का आवेदन देने से पहले अच्छी तरह पता कर लें की सूचना अधिकारी का नाम क्या है ओर उसका पता क्या है?)
4. सूचना प्राप्ति के लिए दस रुपये फीस ली जाती है | आप अपने आवेदन के साथ 10 रुपये का पोस्टल ऑर्डर संलग्न कर सकते है | पोस्टल ऑर्डर का एक पन्ना अपने पास सुरक्षित रख लें और बड़ा हिस्सा इस प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कर लें)| सूचना देने का शुल्क दो रुपये प्रति ए-फॉर कागज लिया जाएगा
5. शुल्क की जानकारी इस तरह से दें पोस्टल ऑर्डर/ बॅंक ड्राफ्ट का नंबर……….. जारी करने की तारीख………………राशि………………….
6. यदि आप गरीबी रेखा से नीचे हैं तो आपको सूचना का अधिकार लेने के लिए कोई शुल्क नही देना है उसका ब्योरा दें और सत्यापित दस्तावेज साथ लगाएँ
कृपया निर्धारित अवधि के तहत सूचना प्रदान करने की कृपा करें
भवदीय
( हस्ताक्षर करें)
फिर अपना पूरा नाम लिखें
कृपया अपने घर का पूरा पता पिन कोड सहित लिखें ताकि माँगी गई सूचना सही पाते पर पहुँचे
फोन संख्या: अपना फोन नंबर लिखें  ईमेल है तो वह भी लिखें
नोट: प्रार्थना पत्र की एक कापी अपने पास जरूर रखें यदि आपको एक माह के भीतर कोई जवाब नही मिलता तो आप सूचना अधिकारी की शिकायत सूचना आयुक्त से कर सकते हैं| हर राज्य में एक सूचना आयुक्त नियुक्त किया जाता है। गलत सूचना देने, देरी से देने और सूचना ना देने के दोषी सूचना अधिकारी के खिलाफ करवाई करने का प्रावधान है