समाचारों में क्यों?
पानी के प्रति जागरूकता बढ़ाने, नदियों के बहाव पर निगरानी रखने और पानी को प्रदूषण से बचाने के लिये सरकार ने महत्त्वकांक्षी ‘जल क्रांति अभियान’ योजना के तहत अब जल की कमी वाले 726 गाँवों की ‘जल ग्राम’ के तौर पर पहचान की है। विदित हो कि प्रत्येक गाँव को ‘इंडेक्स वैल्यू’ प्रदान की जाएगी, जो जल की मांग और उपलब्धता के बीच अंतर के आधार पर तैयार होगी।क्या है जल क्रांति अभियान?
उल्लेखनीय है कि जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने देशभर में एक समग्र एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से सभी हितकारकों को शामिल कर जन आंदोलन द्वारा जल संरक्षण और प्रबंधन को संघटित करने के लिये 05 जून, 2015 को जल क्रांति अभियान का शुभारंभ किया था। जल क्रांति अभियान का मुख्य उद्देश्य, सहभागी सिंचाई प्रबंधन के लिये पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय इकाइयों सहित जमीनी स्तर पर सभी हितधारकों की भागीदारी को सुदृढ़ करना है।
दरअसल, इस अभियान के अंतर्गत जल क्रांति के चार घटक हैं। इनमें जल ग्राम योजना, मॉडल कमांड क्षेत्र का विकास, प्रदूषण को रोकना और जन जागरूकता पैदा करना शामिल है। जल ग्राम योजना के तहत देश के प्रत्येक ज़िले में जल संकट से प्रभावित दो गाँवों का चयन कर उनके लिये समग्र जल सुरक्षा योजना को सूत्रबद्ध करना है।
क्या है वर्तमान स्थिति?
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के अनुसार प्रत्येक ज़िले में पानी की अत्यधिक कमी वाले 2 गाँवो को ‘जल ग्राम’ का नाम दिया जा रहा है । इस योजना के तहत अब तक पहचान किये गए 726 गाँवों में से 180 गाँवों के लिये समेकित जल सुरक्षा योजना तैयार कर ली गई है।
जल ग्राम योजना के तहत जल ग्राम का चयन और इसका कार्यान्वयन ज़िला स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक गाँव को एक इंडेक्स वैल्यू प्रदान की जाएगी जो जल की मांग और उपलब्धता के बीच अंतर के आधार पर तैयार होगा और सबसे अधिक इंडेक्स वैल्यू वाले गाँव को जल क्रांति अभियान में शामिल किया जाएगा।
जल ग्राम योजना के तहत संबंधित महिला पंचायत सदस्यों को जल मित्र बनने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रत्येक जल ग्राम में ‘सुजलम कार्ड’ के रूप में एक जल स्वास्थ्य कार्ड तैयार किया जा रहा है जो गांव के लिये उपलब्ध पेयजल स्रोतों की गुणवत्ता के बारे में वार्षिक सूचना प्रदान करेगा।
क्यों महत्त्वपूर्ण है जल क्रांति अभियान?
एक तरफ जहाँ भारत में जनसंख्या तेजी से बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी तरफ देश तीव्र विकास के पथ पर अग्रसर है। अतः बढ़ती ज़रूरतों के साथ जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रतिकूल प्रभाव के मद्देनजर जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता प्रति वर्ष कम होती जा रही है। जल की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए अगर समय रहते इसका समाधान नहीं निकाला गया तो जल के विभिन्न प्रयोक्ताओं एवं जल बेसिन वाले राज्यों के बीच और भी जल-विवाद देखने को मिलेगा। इन परिस्थितियों में जल क्रांति अभियान सरकार का एक अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण प्रयास है।