शाहपुर कंडी बांध परियोजना
- पृष्ठभूमि
1970 के दशक के अंत में पंजाब सरकार द्वारा जल संचयन एवं पनबिजली उत्पादन (Hydro Power Generation) के उद्देश्य से रावी नदी पर ‘रंजीत सागर बांध’ के निर्माण की योजना तैयार की गई थी। इस बांध के जम्मू एवं कश्मीर के थीन गांव (Thein Village) के निकट स्थित होने के कारण इसे थीन बांध परियोजना के नाम से भी जाना जाता है। इस बांध का बायां किनारा (Left Flank) पंजाब में तथा दायां किनारा (Right Flank) जम्मू एवं कश्मीर में स्थित है। इस बांध की स्थिति इस प्रकार है कि पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर दोनों ही राज्य रावी नदी के जल संसाधनों का उपयोग सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन के लिए कर सकते हैं।
- पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर के मध्य समझौता (वर्ष 1979)
रजीत सागर बांध के निर्माण हेतु जनवरी, 1979 में पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर सरकार के मध्य एक समझौता हस्ताक्षरित हुआ। चूंकि रंजीत सागर बांध का 60 प्रतिशत क्षेत्र जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले की बसोहली तहसील के अंतर्गत आता है। अतः समझौते के तहत इस बांध के निर्माण के बदले पंजाब सरकार द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को इस परियोजना द्वारा उत्पादित कुल विद्युत का 20 प्रतिशत हिस्सा उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया। इसके अतिरिक्त परियोजना के निर्माण एवं परिचालन के लिए आवश्यक कुल कर्मचारियों में से 15 प्रतिशत की नियुक्ति जम्मू एवं कश्मीर से तथा जम्मू एवं कश्मीर को 1150 क्यूसेक जल की आपूर्ति जैसी शर्तें भी समझौते में शामिल थीं। उल्लेखनीय है कि जनवरी, 1955 में भारत सरकार के तत्वावधान में ‘रावी एवं व्यास नदियों के जल के उपयोग एवं विकास पर आयोजित अंतर-राज्यीय कान्फ्रेंस’ में लिए गए निर्णय के अनुसार, रावी नदी के जल में जम्मू एवं कश्मीर राज्य का हिस्सा 1150 ‡यूसेक निर्धारित है, जो कि कश्मीर नहर (Kashmir Canal) के माध्यम से पहले से ही प्राप्त जल के अतिरिक्त होगा।
- शाहपुर कंडी परियोजना
शाहपुर कंडी बांध परियोजना थीन बांध परियोजना का ही एक भाग है। वर्ष 1979 में हुए समझौते के तहत पंजाब सरकार द्वारा रंजीत सागर बांध से लगभग 11 किमी. नीचे की ओर (Downstream) शाहपुर कंडी बांध का निर्माण किया जाना है जिससे जम्मू एवं कश्मीर को उसके अधिकृत हिस्से (Mandated Share) के रूप में रावी नदी का 1150 क्यूसेक जल गुरुत्व (Gravity) द्वारा प्राप्त हो सके। वर्ष 1999 में रंजीत सागर बांध का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात शाहपुर कंडी परियोजना का कार्य आरंभ हुआ, परंतु पंजाब तथा जम्मू एवं कश्मीर के मध्य विवाद के चलते वर्ष 2014 में निर्माण कार्य रोक दिया गया।
- पंजाब-जम्मू एवं कश्मीर विवाद
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 में पंजाब द्वारा ‘पंजाब जल समझौता समापन अधिनियम, 2004’ (Punjab Termination of Water Agreements Act, 2004) लागू कर कई राज्यों के साथ रावी एवं ब्यास नदियों के जल साझा करने संबंधी समझौतों को रद्द कर दिया गया जिसके चलते शाहपुर कंडी परियोजना से बिजली, जल एवं अन्य आर्थिक लाभों को साझा करने संबंधी पंजाब की प्रतिबद्धता को लेकर जम्मू एवं कश्मीर सरकार के समक्ष अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई और शाहपुर कंडी बांध परियोजना का निर्माण कार्य रोक दिया गया। हालांकि पंजाब सरकार द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को आश्वस्त किया गया कि जल समझौता समापन अधिनियम के माध्यम से केवल हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं राजस्थान के साथ हुए समझौतों को ही रद्द किया गया है और यह अधिनियम जम्मू एवं कश्मीर राज्य पर लागू नहीं होता, फिर भी जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने केंद्र सरकार की मध्यस्थता में दोनों राज्यों के मध्य एक नए समझौते की मांग रखी।
- नवीन समझौता
शाहपुर कंडी बांध परियोजना से जुड़े विभिन्न लंबित मुद्दों के समाधान के लिए 3 मार्च, 2017 को केंद्र सरकार (जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय) की मध्यस्थता में पंजाब तथा जम्मू एवं कश्मीर सरकार के मध्य एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता नई दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन सचिव डॉ. अमरजीत सिंह की उपस्थिति में पंजाब सरकार के सिंचाई सचिव के.एस. पन्नू और जम्मू एवं कश्मीर के सिंचाई सचिव सौरभ भगत द्वारा हस्ताक्षरित हुआ। इस समझौते के बाद अब शाहपुर कंडी बांध परियोजना का निर्माण कार्य पुनः आरंभ हो सकेगा।
- समझौते के प्रावधान
नवीन समझौते के तहत शाहपुर कंडी बांध परियोजना का कार्यान्वयन पंजाब सरकार ही करेगी लेकिन तीन महीने में एक बार (या जब भी आवश्यक हो) परियोजना की निगरानी हेतु ‘केंद्रीय जल आयोग’ (CWC) के सदस्य की अध्यक्षता में एक त्रि-सदस्यीय दल का गठन किया जाएगा। इस दल में दोनों राज्यों के मुख्य अभियंता भी शामिल होंगे। इसका उद्देश्य समझौते के अनुरूप परियोजना के निर्माण को सुनिश्चित करना है। नवीन समझौते के तहत ही पंजाब सरकार थीन बांध परियोजना द्वारा उत्पादित 20 प्रतिशत विद्युत 3.50 रु. प्रति यूनिट की दर से जम्मू एवं कश्मीर को तत्काल उपलब्ध कराएगी।
- अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
55.5 मीटर ऊंचा शाहपुर कंडी बांध पंजाब के गुरदासपुर जिले में रावी नदी पर बनाया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत (अप्रैल, 2008 के मूल्य स्तर पर) 2285.81 करोड़ रुपये है। उल्लेखनीय है कि फरवरी, 2008 में भारत सरकार द्वारा शाहपुर कंडी बांध परियोजना को ‘राष्ट्रीय परियोजना’ (National Project) घोषित किया गया था और राष्ट्रीय परियोजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप भारत सरकार इस परियोजना के सिंचाई घटक की 90 प्रतिशत लागत केंद्रीय सहायता के रूप में उपलब्ध कराएगी जबकि शेष 10 प्रतिशत का योगदान पंजाब सरकार द्वारा किया जाएगा। परियोजना के ऊर्जा घटक (Power Component) के लिए राशि ‘पंजाब राज्य ऊर्जा निगम लिमिटेड’ द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इस परियोजना की कुल संस्थापित क्षमता 206 मेगावॉट है और ये 37173 हेक्टेयर (पंजाब में 5000 हेक्टेयर और जम्मू एवं कश्मीर में 32173 हेक्टेयर) की सिंचाई क्षमता का सृजन करेगी।