Saturday 18 March 2017

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना नरेंद्र मोदी जी की भारत सरकार द्वारा शुरू  की गयी एक बहुत ही महत्त्वाकांक्षी योजना है। उज्ज्वला योजना के अंतर्गत  भारत सरकार एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराएगी। एलपीजी कनेक्शन केवल गरीबी रेखा  से नीचे के परिवारों से सम्बंधित महिलाओं को दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत भारत सरकार अगले 3 साल में 5 करोड़ BPL परिवारों को मुफ्त में  एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराएगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष (2016-17) में 1.5  करोड़ BPL (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का  लक्ष्य रखा गया है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देशय

उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को  बढ़ावा देना है जो कि मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन वितरित करके पूरा किया जा  सकता है। योजना के लागू करने का एक उद्देशय यह भी है कि इससे महिला  सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं के स्वास्थ्य कि भी सुरक्षा कि जा  सकती है।

वर्तमान में उपयोग में आने वाले अशुद्ध जीवाश्म ईंधन के  उपयोग को कम करना और शुद्ध ईंधन के उपयोग को बढाकर प्रदुषण में कमी लाना भी  योजना के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है।

जो बीमारियाँ खाना बनाने  के लिए उपयोग में आने वाले अशुद्ध जीवाश्म ईंधन के जलने से होती हैं, उज्ज्वला योजना के लागू होने के बाद उनमें भी कमी आने की सम्भावना है। इस  प्रकार यह योजना महिलाओं और बच्चों को स्वस्थ रखने में भी सहायक सिद्ध  होगी।

उज्ज्वला योजना के लिए पात्रता

प्रधान मंत्री उज्ज्वला  योजना के लिए इच्छुक लोगों का योजना के लिए पात्र होना अति आवश्यक है। जो  भी आवेदक पात्र नहीं पाये गए उन्हें गैस कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। पात्रता  के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं।

आवेदक द्वारा दी गयी सभी जानकारी को  SECC – 2011 डेटा के साथ मिलाया जाएगा तथा उसके पश्चात ही यह निर्णय लिया  जाएगा की आवेदक योजना का पात्र है या नहींआवेदक की उम्र 18 साल या इससे  अधिक होनी चाहिएआवेदक BPL परिवार से सम्बन्ध रखने वाली महिला ही होनी  चाहिए। पुरुष इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकते.आवेदक के घर में किसी के  नाम से पहले से ही कोई भी LPG कनेक्शन नहीं होना चाहिए।आवेदक के पास BPL  प्रमाण पत्र अथवा BPL राशन कार्ड का होना आवश्यक हैआवेदक द्वारा आवेदन  फॉर्म में दी गयी सभी जानकारी ठीक होनी चाहिए।

योजना के लिए पात्र  BPL परिवारों की सूची राज्य सरकार और केंद्र शाषित प्रदेशों की मदद से  तैयार की जायेगी। तेल व्यापार कम्पनियां इस योजना के लिए आवेदन करने वाले  सभी ग्रामीण आवेदकों की जानकारी को SECC-2011 के डेटाबेस के साथ मैच  कराएंगी और उसके बाद ही गैस कनेक्शन उपलब्ध कराएंगी।

योजना का बजट और वित्त पोषण

भारत सरकार ने योजना के कार्यान्वयन के लिए कुल 8000 करोड़ रूपए का बजट  बनाया है जो कि 3 साल के लिए है। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए भारत सरकार के  वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली जी पहले ही 2000 करोड़ रूपए चिन्हित कर चुके  हैं।

योजना का वित्त पोषण अथवा योजना पर खर्च होने वाला पैसा LPG  सब्सिडी में बचाए गए पैसे से होगा। भारत सरकार द्वारा जनवरी 2015 में शुरू  किये गए “गिव-इट-उप” अभियान के अंतर्गत अब तक लगभग 1.13 करोड़ लोगों ने LPG  सब्सिडी छोड़ दी है और वो लोग बाजार मूल्य पर LPG सिलिंडर खरीद रहे हैं।  चलाये गए अभियान से अभी तक हज़ारों करोड़ रुपये कि बचत हो चुकी है जिसे  उज्ज्वला योजना के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

वित्तीय सहायता

योजना के अंतर्गत भारत सरकार प्रत्येक पात्र BPL परिवार को 1600 रूपए की  आर्थिक सहायता प्रदान करेगी जो की गैस कनेक्शन खरीदने के लिए होगी।

भारत सरकार BPL परिवारों को स्टोव खरीदने और पहली बार सिलिंडर भरवाने के  लिए आने वाले खर्च को अदा करने के लिए किस्तों की सुविधा भी प्रदान करेगी।

योजना का कार्यान्वयन

योजना का कार्यान्वयन भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय  के अधीन किया जाएगा। इतिहास में पेट्रोलियम मंत्रालय की इस तरह की ये पहली  योजना है जिससे करोड़ों गरीब परिवारों की महिलाओं को लाभ होगा। मूल स्तर पर  योजना का कार्यान्वन तेल व्यापार कम्पनियों द्वारा किया जाएगा।

योजना वित्त वर्ष 2016-17 से लेकर 2018-19 तक 3 वर्ष के लिए चलायी जायेगी।  इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रह रहे परिवार जो की  गरीबी रेखा से नीचे हैं उन्हें मुफ्त में LPG गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया  जाएगा।