तेजस्विनी : किशोरियों एवं युवा महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु परियोजना
- 23 फरवरी, 2017 को नई दिल्ली में भारत सरकार, झारखंड सरकार तथा विश्व बैंक के मध्य तेजस्विनी परियोजना हेतु 63 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- उल्लेखनीय है कि तेजस्विनी ‘किशोरियों एवं युवा महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण’ (Socioeconomic Empowerment of Adolescent Girls & Young Women) हेतु झारखंड सरकार द्वारा प्रारंभ की गई परियोजना है।
- यह परियोजना 14-24 वर्ष आयु समूह की किशोरियों एवं युवा महिलाओं को उनकी माध्यमिक स्तरीय शिक्षा पूर्ण करने तथा रोजगार हेतु प्रासंगिक कौशल प्राप्त करने में मदद करेगी।
- इस परियोजना की कुल लागत 90 मिलियन डॉलर है।
- यह भारत में विश्व बैंक समर्थित पहली ऐसी परियोजना है जो पूरी तरह झारखंड की किशोरियों एवं युवा महिलाओं के सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण पर केंद्रित है।
- यह परियोजना झारखंड के 17 जिलों में कार्यान्वित की जाएगी।
- जबकि झारखंड के शेष 7 जिलों में पहले से ही ‘सबला योजना’ (SABLA Scheme) लागू है जो किशोरियों के सशक्तिकरण हेतु केंद्र सरकार की एक अन्य योजना है।
- परियोजना से झारखंड के इन 17 जिलों की लगभग 6,80,000 किशोरियों एवं युवा महिलाओं के लाभान्वित होने की संभावना है।
- इन 17 जिलों में 14-24 वर्ष आयु समूह की लगभग 21 लाख किशोरियां एवं युवा महिलाएं हैं, जिसमें से 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा 25 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं।
- तेजस्विनी परियोजना के तीन मुख्य घटक हैंः-(i) सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक अवसरों का विस्तार(ii) तीव्र सेवा आपूर्ति(iii) राज्य क्षमता-निर्माण एवं कार्यान्वयन सहयोग।
तेजस्विनी परियोजना की कार्यान्वयन संरचना | ||
चरण | कुल जिले | जिलों के नाम |
चरण-I (2016-17) | 4 | रामगढ़, दुमका, चतरा और खूंटी |
चरण-II (2017-18) | 9 (अतिरिक्त 5) | देवघर, बोकारो, धनबाद, पलामू एवं गोड्डा |
चरण-III (2018-19) | 17 (अतिरिक्त 8) | लातेहार, कोडरमा, जामताड़ा, लोहरदगा, सरायकेला-खरसवां, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम एवं पाकुड़ |