Tuesday, 8 May 2018

नौसैन्य अभ्यास वरुण, 2018


भारत एवं फ्रांस की नौसेनाओं के मध्य वर्ष 1993 से संयुक्त नौसैन्य अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2001 में इस संयुक्त समुद्री अभ्यास का नामकरण ‘वरुण’ (Varun) किया गया।

उद्देश्य
  • नौसैन्य अभ्यास ‘वरुण’ का उद्देश्य भारत एवं फ्रांस की नौसेनाओं के मध्य अनुभव एवं रणनीति को साझा करके अंतरसंक्रियता को बढ़ावा देना है।
  • वरुण, 2018
  • वरुण, 2018 नौसैन्य अभ्यास का आयोजन तीन समुद्री क्षेत्रों-अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर में किया जाना है।
  • अभ्यास के पहले चरण का आयोजन 15-24 मार्च, 2018 के मध्य किया गया।
  • पहले चरण के अंतर्गत बंदरगाह चरण 15-19 मार्च, 2018 के मध्य आयोजित हुआ।
  • 20-24 मार्च, 2018 के मध्य गोवा तट, अरब सागर में इस अभ्यास के समुद्री चरण का आयोजन किया गया।
  • अभ्यास के पहले चरण में फ्रांस का युद्धपोत जॉन डी विएन (Jean De Vienne) शामिल हुआ।
  • भारतीय नौसेना का विध्वंसक पोत मुंबई, युद्धपोत त्रिखंड, पनडुब्बी कलवरी, पी 8-I एवं डॉर्नियर विमान और मिग 29 के लड़ाकू विमान शामिल हुए।
  • अभ्यास का दूसरा चरण अप्रैल, 2018 में चेन्नई तट, बंगाल की खाड़ी में और तीसरा चरण मई, 2018 में ला रीयूनियन द्वीप, दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर में आयोजित किया जाना है।
  • ‘वरुण, 2018’ भारत एवं फ्रांस की नौसेनाओं के मध्य आयोजित किए जाने वाले वार्षिक द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास ‘वरुण’ की शृंखला का 15वां संस्करण है।
  • नौसैन्य अभ्यास वरुण  का विगत संस्करण अप्रैल, 2017 में फ्रांस में आयोजित हुआ था।


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
  • भारत एवं फ्रांस की थल सेनाओं का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति, 2018’ का आयोजन 20 जनवरी-4 Òरवरी, 2018 के मध्य ‘मेली-ले-कैंप, औेबे (Mailly-Le-Camp, Aube), पूर्वी फ्रांस में आयोजित हुआ।
  • इस अभ्यास में भारतीय सेना के 8वीं गोरखा राइफल के 45 सैनिक शामिल हुए थे।
  • भारत एवं फ्रांस की वायु सेनाओं का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘गरुड़’ के नाम से आयोजित किया जाता है।
  • भारत-फ्रांस रक्षा संबंध
  • सितंबर, 2016 में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • अक्टूबर, 2006 में भारत ने फ्रांस के साथ 6 स्कॉर्पिन पनडुब्बी के निर्माण हेतु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

निष्कर्ष

  • भारत एवं फ्रांस के मध्य घनिष्ठ एवं मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। वर्ष 1998 में सामरिक साझेदारी स्थापित होने के बाद से सभी क्षेत्रों-रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष आदि-में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिला है। दोनों देशों की सेनाओं के मध्य आयोजित होने वाले संयुक्त अभ्यास से दोनों सेनाओं को एक-दूसरे की रणनीति एवं संचालन प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिलेगी।