दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत हर गाँव के रौशन करने का लक्ष्य 28 अप्रैल 2018 को हासिल कर लिया गया। भारत अब पूर्णत: बिजली से रोशन देश बन गया है। मणिपुर के लीसांग गाँव के घर बिजली बल्बों से रोशन होने के साथ ही भारत ने शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
केंद्र सरकार के दावे के अनुसार देश का अब ऐसा कोई गाँव नहीं है जहाँ पर बिजली न गई हो। इस योजना के कार्यान्वयन का काम रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉर्पोरेशन को सौंपा गया था। केंद्र सरकार का अगला लक्ष्य 31 मार्च 2019 तक हर घर को 24 घंटे बिजली देने का हैं।
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश के सभी पांच लाख 97 हजार 464 गाँवों में अब बिजली पहुँच चुकी है।एनडीए सरकार की दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना जब शुरू की गई, तब देश के कुल 18,452 गाँव बिजली से वंचित थे। इसके अलावा योजना के दौरान अलग से 1275 गाँव भी ऐसे थे जहाँ बिजली नहीं थी। इन गाँवों में 28 अप्रैल तक नेशनल ग्रिड या ऑफ ग्रिड से बिजली पहुँचा दी गई।
लीसांग आखिरी गाँव
मणिपुर का लीसांग आखिरी गाँव था जहाँ पर अभी तक बिजली नहीं पहुँची थी। 28 अप्रैल 2018 को इस गाँव को नेशनल पावर ग्रिड से जोड़ा गया जिसके बाद अब इस गाँव से अंधेरा मिट गया। यह सरदार हिल्स पर बसा हुआ एक छोटा सा गाँव है। लीसांग में महज 19 घर हैं और यहाँ की आबादी मात्र 65 हैं, जिनमें 34 पुरुष और 31 महिलाएं हैं।
दुनिया में तीसरा सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन करने वाला देश
भारत दुनिया में तीसरा सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन करने वाला देश बन गया है। इस मामले में भारत ने रूस और जापान को भी पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2016 में 1,423 बिलियन यूनिट उत्पादन के साथ भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और सबसे बड़ा कंज्यूमर बन गया है। इस मामले में चीन पहले और अमेरिका अभी दूसरे स्थान पर है।
Saubhagya scheme सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य)
- सौभाग्य योजना के तहत तीन करोड़ ग्रामीण घरों में बिजली पहुँचाने का प्लान है। ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत 1.5 करोड़ घरों तक पहले ही बिजली पहुँचाई जा चुकी है।
- दरअसल, सरकार 24 घंटे सभी गाँवों तक बिजली पहुँचाने के लिए तेजी से काम कर रही है।
- सरकार ने 2018-19 के बजट में 2750 करोड़ रुपए ‘सौभाग्य’ (सहज बिजली हर घर योजना- ग्रामीण) के लिए आबंटित किए हैं।
- सौभाग्य योजना के तहत उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तरी राज्य पर फोकस किया गया है। यह योजना 16,320 करोड़ रुपए की है।
दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
- दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) पूरे ग्रामीण भारत को निरंतर बिजली की आपूर्ति प्रदान करने के लिए बनाया गया है। यह योजना नवंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस घोषणा के साथ शुरू की गयी थी।
- इस योजना के तहत कृषि और गैर–कृषि फीडर सुविधाओं को अलग –अलग किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाएगा जिसमें वितरण ट्रांसफार्मर, फीडर और उपभोक्ताकओं के लिए मीटर लगाना सम्मिलित होगा।
- यह योजना विद्युत मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है और बिजली की 24x7 आपूर्ति की सुविधा को सुगम बनायेगी।
- दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत वितरण की अवधि में सुधार का लक्ष्य है। इसके साथ ही उपभोक्तारओं को मीटर के अनुसार खपत पर आधारित बिजली बिल में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अधिक सुविधा दी जा सकेगी।