विश्विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 24 मई 2018 को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज को मंजूरी प्रदान की। यूजीसी की आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार ऑनलाइन पाठ्यक्रम इसी शैक्षणिक सत्र से लागू होगा।
मुख्य तथ्य
- यूजीसी की बैठक में ऑनलाइन नियमन 2018 को मंजूरी दी गयी जिसके तहत उन उच्च शैक्षणिक संस्थानों को नियमित कोर्स के साथ-साथ ऑनलाइन कोर्स को शुरु करने का अधिकार मिल जाएगा।
- यह अधिकार उन संस्थानों को मिलेगा जिन्हें 3.6 अंक का नैक प्राप्त है और जो कम से कम पिछले पांच साल से चल रहे हैं।
- इसके अलावा नेशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की सूची में 100 स्थान तक पाने वाले वे शैक्षणिक संस्थान भी यह कोर्स शुरु कर सकते हैं जो पिछले दो साल से चल रहे हैं।
- ऑनलाइन कोर्स प्राप्त करने वाले छात्रों को आधार तथा विदेशी छात्रों को पासपोर्ट के आधार पर नामांकन होगा। यह दूरवर्ती शिक्षा या मुक्त विश्वविद्यालयों से अलग ऑनलाइन डिग्री होगी।
यूजीसी के बारे में जानकारी
28 दिसंबर 1953 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने औपचारिक तौर पर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन की नींव रखी थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विश्वविद्यालय शिक्षा के मापदंडों के समन्वय, निर्धारण और अनुरक्षण हेतु 1956 में संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित एक स्वायत्त संगठन है। पात्र विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को अनुदान प्रदान करने के अतिरिक्त आयोग केन्द्र और राज्य सरकारों को उच्चतर शिक्षा के विकास हेतु आवश्यक उपायों पर सुझाव भी देता है। यह बंगलौर, भोपाल, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता और पुणे में स्थित अपने छह क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ-साथ नई दिल्ली से कार्य करता है।