मलेशिया के आम चुनाव में 92 वर्षीय वरिष्ठ नेता महाथिर मोहम्मद ने 09 मई 2018 को ऐतिहासिक जीत दर्ज की। शपथ ग्रहण के बाद महाथिर विश्व के सबसे उम्रदराज प्रधानमंत्री होंगे।
महाथिर मोहम्मद के चुनाव जीतने पर छह दशकों से अधिक समय से सत्ता पर काबिज नजीब को हराकर देश में रिकॉर्ड भी कायम किया। यह गठबंधन 1957 में देश की स्वतंत्रता के बाद से मलेशिया की सत्ता पर काबिज रहा है।
मलेशिया में हुआ प्रधानमंत्री चुनाव
- महातिर के गठबंधन पकातन हरप्प्न (Pakatan Harapan) ने चुनाव में 121 सीटों पर जीत दर्ज की जो सरकार बनाने के लिए आवश्यक 112 सीटों की तय सीमा से अधिक है।
- बैरिसन नेशनल अपने गठबंधन संयुक्त मलेशिया राष्ट्रीय संगठन (यूएमएनओ) के साथ 1957 में मलेशिया को ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से ही सत्ता में थी।
- सत्तारुढ़ दल बारिसन नेसियोनल (बीएन) की लोकप्रियता में कमी देखने को मिली है और इस चुनाव में उसे सिर्फ 79 सीटें ही मिलीं।
क्या था महाथिर का चुनावी मुद्दा?
महाथिर मोहम्मद ने प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था। उन्होंने अपनी रिटायरमेंट से वापसी भी रज्जाक के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए की थी। साथ ही महाथिर के विपक्षी गठबंधन ने चुनाव में वादा किया कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो रज्जाक की महत्वाकांक्षी योजना जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) को समाप्त कर देंगे। विदित हो कि मलेशिया में जीएसटी प्रणाली 2015 में लागू हुई थी।
महाथिर मोहम्मद के बारे में जानकारी
- महाथिर मोहम्मद का जन्म 10 जुलाई 1925 को हुआ था। वे मलेशिया के वरिष्ठ राजनेता हैं।
- वे मई 2018 में देश के चौथे प्रधानमंत्री के रूप में निर्वाचित हुए हैं। इससे पहले वे वर्ष 1981 से 2003 तक प्रधानमंत्री पद पर आसीन रह चुके हैं।
- द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मलेशिया के कुछ क्षेत्रों पर जब जापान का कब्जा हो गया तो उन्हें पढ़ाई छोड़कर कॉफी बेचने का काम करना पड़ा।
- विश्व युद्ध के बाद उन्होंने 1946 में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की और मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया।
- वे वर्ष 1956 तक बतौर डॉक्टर सरकारी सेवा में कार्यरत रहे। डॉक्टरी पढ़ाई के साथ साथ वे एक राजनितिक पार्टी, यूएनएमओ, के चेयरमैन भी बने।
- वे 25 अप्रैल 1964 से 10 मई 1969 तक देवान रकयात के सदस्य रहे।
- उन्हें 5 सितंबर 1974 को मलेशिया का शिक्षा मंत्री चयनित किया गया। वे 1977 तक इस पद पर रहे।
- मार्च 1976 से 1981 वे देश के उप-प्रधानमंत्री रहे। इसके बाद 1981 से 1986 तक वे रक्षा मंत्री रहे।
- वर्ष 1986 से 1999 तक गृह मंत्री तथा 2001 से 2003 तक वित्त मंत्री रहे।
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