12 मार्च, 2018 को नई दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में ‘कनहर बैराज परियोजना’ को स्वीकृति प्रदान की गई।
महत्वपूर्ण विशेषताएं
- कनहर बैराज परियोजना के तहत झारखंड राज्य के गढ़वा जिले के खुरी गांव के समीप कनहर नदी पर एक बैराज का निर्माण किया जाएगा जो कि बाराडीह में प्रस्तावित बांध स्थल लगभग 12 किमी. नीचे की ओर (Downstream) होगा।
- बैराज के ऊपर की ओर (Upstream) दाहिने किनारे से लगभग 19.36 किमी. लंबी और लगभग 70 क्यूमेक्स क्षमता की मुख्य नहर निकाली जाएगी, जो लावाडोनी गांव के निकट लावाडोनी जलाशय में समाप्त होगी।
- लावाडोनी जलाशय से 87.33 किमी. लंबी बाईं मुख्य नहर और 48.50 किमी. लंबी दाईं मुख्य नहर निकलेंगी।
- बाईं मुख्य नहर से 27.40 किमी. प्रतापपुर ब्रांच नहर एवं अन्य जल वितरक नहरें निकलेंगी।
- कनहर बैराज परियोजना के तहत सकल सिंचित क्षेत्र 53283 हेक्टेयर है।
- परियोजना की वर्तमान लागत 1908 करोड़ रुपये है।
- इस परियोजना से झारखंड राज्य के गढ़वा जिले के 27.40 लाख लोगों को लाभ प्राप्त होगा।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
20 फरवरी, 1982 को कनहर नदी के जल बंटवारे के लिए बिहार, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्रियों के मध्य समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था।
समझौते के तहत बिहार राज्य को कनहर नदी का 0.43 मिलियन एकड़ फीट (MAF) जल प्राप्त होना था।
बिहार राज्य के विभाजन के पश्चात जल की उक्त मात्रा झारखंड राज्य को मिलनी है।