चर्चा में क्यों?
अमेरिका ने दुनिया के सबसे बड़े समुद्री सैन्य अभ्यास रिम ऑफ द पैसिफिक एक्सरसाइज (RIMPAC) से चीन को बाहर कर दिया है। अमेरिका ने ये कहते हुए चीन से निमंत्रण वापस ले लिया है कि दक्षिण चीन सागर में चीन का व्यवहार अस्थिरता पैदा करने वाला है। अमेरिका के इस कदम से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
क्या है रिमपैक (RIMPAC)?
- रिम ऑफ द पैसिफिक एक्सरसाइज (रिमपैक) विश्व का सबसे बड़ा समुद्री सैन्य अभ्यास है।
- इसका आयोजन प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल पर अमेरिका के हवाई क्षेत्र में किया जाता है।
- इसमें पूरी दुनिया के 20 से ज़्यादा देश भाग लेते हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान तथा इंग्लैंड भी शामिल हैं।
- इसकी मेजबानी तथा नियंत्रण संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के प्रशांत बेड़े (जिसका मुख्यालय पर्ल हार्बर में है) द्वारा मरीन कॉर्प्स (Marine Corps), द कोस्ट गार्ड (The Coast Guard) तथा हवाई के गवर्नर के अधीन हवाई नेशनल गार्ड (Hawaii National Guard) बलों के सहयोग से किया जाता है।
- पहली बार रिमपैक का आयोजन 1971 में किया गया था।
- पहली बार RIMPAC में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम (U.K.) और संयुक्त राज्य अमेरिका (U.S.) के सैन्य बल शामिल हुए थे।
रिमपैक से चीन को बाहर करने का कारण क्या है?
पहले अमेरिका द्वारा इस अभ्यास के लिये चीन को भी बुलावा भेजा गया था। अमेरिकी रक्षामंत्री के अनुसार, चीन को इस अभ्यास से बाहर करने का कदम विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा मिसाइल प्रणाली की तैनाती और इस क्षेत्र के एक द्वीप पर पहली बार बमवर्षक विमान उतारे जाने के कारण उठाया गया है। चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में लगातार सैन्यीकरण के कारण इस क्षेत्र में तनाव तथा अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका का मानना है कि चीन का व्यवहार RIMPAC के सिद्धांतों तथा उद्देश्य के अनुकूल नहीं है।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन का कहना है कि दक्षिण चीन सागर पर उसका संप्रभु अधिकार है। उसके अनुसार, द्वीपों के निर्माण का उद्देश्य समुद्र में नौपरिवहन सहायता, खोज और बचाव, मत्स्यपालन, संरक्षण और अन्य गैर-सैन्य कार्यों में सुरक्षा सुनिश्चित करना है तथा इन हथियार प्रणालियों की नियुक्ति केवल सैन्य उपयोग के लिये की गई है अतः दबाव बनाने के लिये अमेरिका द्वारा उठाया गया, इस तरह का कदम उचित नहीं है।
चीन तथा दक्षिण चीन सागर
चीन हमेशा से ही लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान द्वारा लगातार इस दावे का विरोध किया जाता रहा है। इस विवादित क्षेत्र के कई द्वीपों पर चीन द्वारा सैन्य उपकरणों की तैनाती भी की गई है। इस क्षेत्र में चीन द्वारा कई कृत्रिम द्वीपों का भी निर्माण किया गया है। रणनीतिक दक्षिण चीन सागर ऊर्जा भंडार, मत्स्य संसाधनों में समृद्ध है और एक व्यस्त शिपिंग मार्ग है।