- अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 4 मई, 2018 को कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग एयरफोर्स स्टेशन मंगल ग्रह के लिए ‘इनसाइट मिशन’ का प्रमोचन किया।
- इसे एटलस रॉकेट से प्रमोचित किया गया।
- मिशन का नाम ‘इनसाइट’ है ( the Interior Exploration using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport mission-Insight)
- इस यान के नवंबर 2018 में मंगल की सतह पर उतरने की संभावना है।
- अपोलो चन्द्रमा के पश्चात लैंडर – इनसाइट, पहला नासा मिशन है , जो लैंडिंग पर एक सीस्मोमीटर रखेगा।
- यह एक ऐसा उपकरण है जो दूसरे ग्रह की मिट्टी पर, भूकंप का अध्ययन करेगा।
- इनसाइट भूकंपी जांच, जियोडेसी और हीट ट्रांसपोर्ट मिशन का उपयोग करते हुए डेटा एकत्र करने के लिए संवेदनशील उपकरणों का एक सूट है।
- मंगल ग्रह पर उतरने के पश्चात यह मंगल की सतह पर सीस्मोमीटर रखेगा जो ‘मार्सक्वेक्स’ (Marsquakes) को महसूस करेगा।
- महसूस किये गये भूकंपीय कंपन के द्वारा मंगल की धरातल के नीचे के चट्टानों की परतों को समझने में मदद मिलेगी तथा इसे पृथ्वी से तुलना कर 4.5 अरब वर्ष पहले मंगल के निर्माण को समझा जा सकेगाा।
- ज्ञातव्य है कि नासा ने इससे पहले 1970 के दशक में मंगल ग्रह के भूकंप को महसूस करने के लिए वाइकिंग लैंडर भेजा था परंतु वह भूकंपीय तरंगों को महसूस करने में असफल रहा था क्योंकि तत्समय सीस्मोमीटर को लैंडर में ही लगाया गया था। परंतु इस बार सीस्मोमीटर को मंगल ग्रह की धरातल पर लगाया जाएगा।
मंगल की धरातल पर उतरने वाला मिशन
मार्स-3 (सोवियत) 1971 (आंशिक सफल)
वाइकिंग-1 (यूएसए) 1976 (सफल)
वाइकिंग-2 (यूएसए) 1976 (सफल)
मार्स पाथ फाइंडर (यूएसए) 1997 (सफल)
मार्स पोलर लैंडर (यूएसए) 1999 (असफल)
बीगल-2 (ईयू)- 2003 (असफल)
अपॉर्चुनिटी (यूएसए) 2004 (सफल)
स्पिरिट (यूएसए) 2004 (सफल)
फिनिक्स (यूएसए) 2008 (सफल)
क्युरियोसिटी (यूएसए) 2012 (सफल)
शियापरेली (ईयू) 2016 (असफल)