अमेरिका ने पूर्व घोषणा के अनुसार इजराइल में अपना दूतावास तेल अवीव से यरुशलम स्थानांतरित किया। इस अवसर पर येरुशलम में अमेरिकी दूतावास का उद्घाटन समारोह आयोजित गया। डोनल्ड ट्रंप की बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुशनर भी उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।
गौरतलब है कि 7 दिसंबर 2017 को ट्रंप ने येरुशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर मान्यबता दी थी। उनके इस फैसले की कई देशों ने निंदा की थी और इसको तनाव बढ़ाने वाला कदम बताया था। इसके अलावा, ट्रम्प ने दूतावास तेल अवीव से येरुशलम स्थानांतरित करने की घोषणा भी की थी।
यरुशलम में अब तक किसी भी देश का दूतावास नहीं था। अमेरिका पहला देश है जिसने यहाँ दूतावास खोला है। इसके अलावा करीब 86 देशों के दूतावास तेल अवीव में हैं। अमेरिका द्वारा यहाँ दूतावास खोले जाने पर गाजा सीमा पर हिंसक झड़पें हुई हैं।
यह भी पढ़ें:- दुनिया का सबसे विवादित स्थल यरुशलम क्यों है
क्या है विवाद?
यरुशलम यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्म की पवित्र नगरी है। यरुशलम यहूदियों का परमपवित्र सुलेमानी मन्दिर हुआ करता था, जिसे रोमनों ने नष्ट कर दिया था। यह स्थान ईसा मसीह की कर्मभूमि रहा है तथा यरुशलम हज़रत मुहम्मद से भी जुड़ा रहा है। इस शहर में 158 गिरिजाघर तथा 73 मस्जिदें स्थित हैं।
- वर्ष 1948 में इजरायल ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की जिसके एक साल बाद येरुशलम का बंटवारा हुआ।
- वर्ष 1967 में ‘सिक्स डे वॉर’ के नाम से मशहूर इजरायल और अरब देशों के बीच हुई जंग में इजरायल ने पूर्वी यरुशलम पर कब्जा कर लिया था।
- यहाँ पर विवाद की एक बड़ी वजह यह भी है कि यरुशलम को यहूदी, ईसाई और मुसलमान तीनों ही अपनी पवित्र जगह मानते हैं।
- मुस्लिमों की तीसरी सबसे पाक मस्जिद अल-अक्सा यही पर है जबकि ईसाईयों का सपुखर चर्च भी यहाँ पर ही है।
- वर्ष 1980 में इजराइल ने येरुशलम को अपनी राजधानी घोषित किया जिसके लिए अमेरिका ने इजराइल का समर्थन किया जबकि विश्व के विभिन्न देशों ने इसका विरोध किया।
- इजरायल यरुशलम को अपनी राजधानी बताता है, वहीं दूसरी तरफ फलस्तीन भी इजरायल को अपने भविष्य के राष्ट्र की राजधानी बताता है। संयुक्त राष्ट्र और विश्व के अधिकतर देश यरुशलम पर इजरायल के दावे को मान्यता नहीं देते।