Saturday 22 September 2018

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन महासभा की पहली बैठक दो अक्टूबर को होगी

  अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन महासभा की पहली बैठक 02 अक्टूबर 2018 को दिल्ली में आयोजित की जा रही है।विदेश मंत्रालय के मुताबिक, उस दिन बैठक के बाद ग्रेटर नोएडा में मंत्रिस्तरीय बैठक भी होगी।     संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शुभारंभ करेंगे. इसमें शामिल होने के लिए गठबंधन के दायरे में आने वाले सभी 121 देशों को आमंत्रित किया गया है.    मुख्य तथ्य  अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) महासभा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी पहल है जो सौर ऊर्जा के व्यापक उपयोग के जरिये पेरिस जलवायु समझौता को लागू करने में योगदान देगा।  आईएसए के स्थापना सम्मेलन का आयोजन 11 मार्च 2018 को संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने नई दिल्ली में किया था।  इसका मकसद सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है।  आईएसए की स्थापना बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 1.4 अरब डालर ऋण सुविधा की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी जो अफ्रीका समेत 15 देशों में 27 परियोजनाओं को आवरण करेगी।  महासभा की बैठक के बारे में 20 सितंबर 2018 को पूर्वी क्षेत्र के सचिव टी एस त्रिमूर्ति ने विदेश मंत्रालय की एक बैठक में 50 से अधिक विदेशी रेसिडेंट मिशन को इसकी जानकारी दी थी। साथ ही इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन के सदस्य देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक भी हो रही है।   अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए)  अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा से संपन्न देशों का एक संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन है।  भारत ने भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहल की थी।  अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा पर आधारित 121 देशों का एक सहयोग संगठन है।  इसका शुभारंभ भारत और फ्राँस द्वारा 30 नवंबर 2015 को पेरिस में किया गया था।  इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे।  इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।  आईएसए पहली ऐसी संस्था है जिसका मुख्यालय भारत में गुरूग्राम में है।  फ्रांस, इस अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के सफल होने के लिए 2022 तक 5600 करोड़ रुपये का फंड देगा जिससे सदस्य देशों में अन्य सोलर प्रोजेक्ट शुरू किये जायेंगे।  अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का लक्ष्य 2030 तक 1 ट्रिलियन वाट (1000 गीगावाट) सौर ऊर्जा उत्पादन का है, जिस पर अनुमानतः 1 ट्रिलियन डॉलर का खर्च आयेगा।  आईएसए के कार्यकारी मसौदे में यह स्पष्ट किया गया है कि आईएसए का मूल उद्देश्य सभी के लिये किफायती, विश्वसनीय, सतत और आधुनिक ऊर्जा की पहुँच सुनिश्चित करना है।  इससे दूर-दराज के क्षेत्रों में भी उर्जा की बढती मांग को पूरा किया जा सकता है तथा जीवनस्तर में सुधार लाया जा सकता है।

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन महासभा की पहली बैठक 02 अक्टूबर 2018 को दिल्ली में आयोजित की जा रही हैविदेश मंत्रालय के मुताबिक, उस दिन बैठक के बाद ग्रेटर नोएडा में मंत्रिस्तरीय बैठक भी होगी। 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शुभारंभ करेंगे इसमें शामिल होने के लिए गठबंधन के दायरे में आने वाले सभी 121 देशों को आमंत्रित किया गया है। 

मुख्य तथ्य
  • अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) महासभा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी पहल है जो सौर ऊर्जा के व्यापक उपयोग के जरिये पेरिस जलवायु समझौता को लागू करने में योगदान देगा। 
  • आईएसए के स्थापना सम्मेलन का आयोजन 11 मार्च 2018 को संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने नई दिल्ली में किया था।  इसका मकसद सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है। 
  • आईएसए की स्थापना बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 1.4 अरब डालर ऋण सुविधा की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी जो अफ्रीका समेत 15 देशों में 27 परियोजनाओं को आवरण करेगी। 
  • महासभा की बैठक के बारे में 20 सितंबर 2018 को पूर्वी क्षेत्र के सचिव टी एस त्रिमूर्ति ने विदेश मंत्रालय की एक बैठक में 50 से अधिक विदेशी रेसिडेंट मिशन को इसकी जानकारी दी थी। साथ ही इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन के सदस्य देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक भी हो रही है। 

अंतर्राष्‍ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए)
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा से संपन्न देशों का एक संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन है। 
  • भारत ने भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहल की थी। 
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सौर ऊर्जा पर आधारित 121 देशों का एक सहयोग संगठन है। 
  • इसका शुभारंभ भारत और फ्राँस द्वारा 30 नवंबर 2015 को पेरिस में किया गया था। 
  • इस संगठन में ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। 
  • इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। 
  • आईएसए पहली ऐसी संस्था है जिसका मुख्यालय भारत में गुरूग्राम में है। 
  • फ्रांस, इस अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के सफल होने के लिए 2022 तक 5600 करोड़ रुपये का फंड देगा जिससे सदस्य देशों में अन्य सोलर प्रोजेक्ट शुरू किये जायेंगे। 
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का लक्ष्य 2030 तक 1 ट्रिलियन वाट (1000 गीगावाट) सौर ऊर्जा उत्पादन का है, जिस पर अनुमानतः 1 ट्रिलियन डॉलर का खर्च आयेगा। 
  • आईएसए के कार्यकारी मसौदे में यह स्पष्ट किया गया है कि आईएसए का मूल उद्देश्य सभी के लिये किफायती, विश्वसनीय, सतत और आधुनिक ऊर्जा की पहुँच सुनिश्चित करना है। 
  • इससे दूर-दराज के क्षेत्रों में भी उर्जा की बढती मांग को पूरा किया जा सकता है तथा जीवनस्तर में सुधार लाया जा सकता है।