हिंदी दिवस: 14 सितंबर 2018
14 सितम्बर 2018 को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर हिंदी भाषा के उत्थान और विकास हेतु गोष्ठी आदि आयोजित की गयी।
पहला आधिकारिक हिन्दी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया। भारत में करीब 54.5 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं जिनमें से 42.5 करोड़ उसे अपनी पहली भाषा मानते हैं। देश के 77% लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं।
उद्देश्य
राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में लोगों को हिन्दी के प्रति जागरूक करना है। हिन्दी का उपयोग किए बिना हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो सकता है। सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेज़ी के स्थान पर हिन्दी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है. संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर 1949 को एक मत से निर्णय लिया गया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी. इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने हेतु तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के उद्देश्य से 1953 से संपूर्ण भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
कार्यक्रम
हिन्दी दिवस के दौरान कई कार्यक्रम होते हैं। इस दिन कई जगहों पर हिंदी भाषा की प्रगति के लिए और बच्चों में भाषा के प्रति रुचि विकसित करने के लिए तरह-तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
इस दिन छात्र-छात्राओं को हिन्दी के प्रति सम्मान और दैनिक व्यवहार में हिन्दी के उपयोग करने आदि की शिक्षा दी जाती है। जिसमें हिन्दी निबंध लेखन, वाद-विवाद हिन्दी टंकण प्रतियोगिता आदि होता है। हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को प्रेरित करने हेतु भाषा सम्मान की शुरुआत की गई है। यह सम्मान प्रतिवर्ष देश के ऐसे व्यक्तित्व को दिया जाएगा जिसने जन-जन में हिन्दी भाषा के प्रयोग एवं उत्थान के लिए विशेष योगदान दिया है।
विश्व में हिन्दी भाषा
बोलने के अनुसार हिन्दी भाषा अंग्रेज़ी और चीनी भाषा के बाद पूरी दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी भाषा है। हिन्दी अभी तक संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा नहीं बन सकी।
पुरस्कार समारोह
हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को उत्साहित करने हेतु पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है।जिसमें कार्य के दौरान अच्छी हिन्दी का उपयोग करने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है।
चयनित व्यक्तियों को राष्ट्रपति द्वारा राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार प्रदान किया जाता है। राजभाषा गौरव पुरस्कार लोगों को दिया जाता है जबकि राजभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी विभाग, समिति आदि को दिया जाता है।
राजभाषा गौरव पुरस्कार के बारे में
यह पुरस्कार तकनीकी या विज्ञान के विषय पर लिखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को दिया जाता है।इसमें दस हजार से लेकर दो लाख रुपये के 13 पुरस्कार होते हैं। इसमें प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले को 2,00,000 व द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को 1,50,000 और तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को 75,000 रुपये मिलता है। साथ ही 10 लोगों को प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में 10,000 रुपये मिलता है। इसका मूल उद्देश्य तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाना है।
राजभाषा कीर्ति पुरस्कार के बारे में
इस पुरस्कार योजना के तहत कुल 39 पुरस्कार दिये जाते हैं। यह पुरस्कार किसी समिति, विभाग, मण्डल आदि को उसके द्वारा हिन्दी में किए गए श्रेष्ठ कार्यों के लिए दिया जाता है। इसका मूल उद्देश्य सरकारी कार्यों में हिन्दी भाषा का उपयोग करने से है।
हिन्दी भाषा के लिए संवैधानिक प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 351 के तहत हिन्दी को अभिव्यक्ति के सभी माध्यमों के रूप में विकसित और प्रचारित करने का उत्तरदायित्व केंद्र सरकार का है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में अधिकारिक भाषा के अतिरिक्त 22 अन्य भाषाएं शामिल हैं।
विश्व हिंदी दिवस
प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है। इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के नागपुर से वर्ष 1975 में हुई थी। हालांकि इसे वर्ष 2006 में आधिकारिक दर्जा और वैश्विक पहचान मिली।