Friday, 14 September 2018

विश्व में भुखमरी के स्तर में लगातार तीसरे वर्ष वृद्धि

  संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वभर में भुखमरी की समस्या में लगातार तीसरे वर्ष भी वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अफ्रीका भूख की समस्या से सबसे अधिक ग्रस्त है, इसके बाद एशिया और अमेरिका का नंबर आता है।    संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट द्वारा चेतावनी दी कि वर्ष 2030 तक भूख की समस्या को खत्म करने के वैश्विक लक्ष्य को बाधित करते हुए संघर्षों एवं जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप भूख की समस्या में वृद्धि हुई है।    संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु   संयुक्त राष्ट्र खाद्य सुरक्षा और पोषण स्थिति की वैश्विक 2018 रिपोर्ट के अनुसार, लगभग पूरे अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भूख की समस्या बढ़ रही है तथा 2017 में नौ में से एक व्यक्ति या 821 मिलियन लोग भूख से ग्रसित रहे। रिपोर्ट में कहा गया कि यह लगातार तीसरा वर्ष है जब एक दशक तक गिरावट के बाद वैश्विक भूख के स्तर में वृद्धि हुई है। तापमान में बढ़ती विविधता; तीव्र, अनियमित वर्षा और बदलते मौसम आदि ने खाद्य  की उपलब्धता और गुणवत्ता को प्रभावित किया है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि खाद्य पदार्थों की कमी के कारण अनुमानतः 2.3 मिलियन लोगों ने जून माह में वेनेजुएला छोड दिया था।    प्रमुख तथ्य    ➤ वर्ष 2017 में भुखमरी से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या: 821 मिलियन अथवा विश्व का प्रत्येक नौंवां व्यक्ति  ➤ एशिया में भुखमरी से पीड़ित लोगों की संख्या: 515 मिलियन  ➤ अफ्रीका में भुखमरी से पीड़ित लोगों की संख्या: 256.5 मिलियन  ➤ लैटिन अमेरिका तथा कैरीबियन भुखमरी से पीड़ित में लोगों की संख्या: 39 मिलियन  ➤ आयु की तुलना में कम लंबाई वाले पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की संख्या: 150.8 मिलियन (22.2%)  ➤ आयु की तुलना में कम वजन वाले पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की संख्या: 50.5 मिलियन (7.5%)  ➤ मोटापे से पीड़ित वयस्कों की संख्या: 672 मिलियन (13% अथवा प्रत्येक आठवां व्यक्ति)       रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजन की अनिश्चित या अपर्याप्त उपलब्धता मोटापे में भी योगदान देती है क्योंकि सीमित वित्तीय संसाधन वाले लोग सस्ते, ऊर्जा-सघन प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का चयन कर सकते हैं जिसमें वसा, नमक और चीनी की उच्च मात्रा शामिल होती है।    संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि पिछले वर्ष 51 देशों में लगभग 124 मिलियन लोगों ने संघर्ष और जलवायु आपदाओं से प्रेरित भूख के संकट के स्तर का सामना किया।    रिपोर्ट में कहा गया है कि यमन, सोमालिया, दक्षिण सूडान और अफगानिस्तान जैसे कई राष्ट्र जो लंबे समय से संघर्षों से जूझ रहे हैं, सूखे और बाढ़ जैसे एक या अधिक जलवायु खतरों से भी पीड़ित हैं, उनमें भुखमरी की समस्या अधिक देखी गई है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वभर में भुखमरी की समस्या में लगातार तीसरे वर्ष भी वृद्धि हुई है संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अफ्रीका भूख की समस्या से सबसे अधिक ग्रस्त है, इसके बाद एशिया और अमेरिका का नंबर आता है

संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट द्वारा चेतावनी दी कि वर्ष 2030 तक भूख की समस्या को खत्म करने के वैश्विक लक्ष्य को बाधित करते हुए संघर्षों एवं जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप भूख की समस्या में वृद्धि हुई है

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु 
  • संयुक्त राष्ट्र खाद्य सुरक्षा और पोषण स्थिति की वैश्विक 2018 रिपोर्ट के अनुसार, लगभग पूरे अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भूख की समस्या बढ़ रही है तथा 2017 में नौ में से एक व्यक्ति या 821 मिलियन लोग भूख से ग्रसित रहे।
  • रिपोर्ट में कहा गया कि यह लगातार तीसरा वर्ष है जब एक दशक तक गिरावट के बाद वैश्विक भूख के स्तर में वृद्धि हुई है।
  • तापमान में बढ़ती विविधता; तीव्र, अनियमित वर्षा और बदलते मौसम आदि ने खाद्य  की उपलब्धता और गुणवत्ता को प्रभावित किया है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि खाद्य पदार्थों की कमी के कारण अनुमानतः 2.3 मिलियन लोगों ने जून माह में वेनेजुएला छोड दिया था।

प्रमुख तथ्य

➤ वर्ष 2017 में भुखमरी से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या: 821 मिलियन अथवा विश्व का प्रत्येक नौंवां व्यक्ति
 एशिया में भुखमरी से पीड़ित लोगों की संख्या: 515 मिलियन
 अफ्रीका में भुखमरी से पीड़ित लोगों की संख्या: 256.5 मिलियन
 लैटिन अमेरिका तथा कैरीबियन भुखमरी से पीड़ित में लोगों की संख्या: 39 मिलियन
 आयु की तुलना में कम लंबाई वाले पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की संख्या: 150.8 मिलियन (22.2%)
 आयु की तुलना में कम वजन वाले पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों की संख्या: 50.5 मिलियन (7.5%)
 मोटापे से पीड़ित वयस्कों की संख्या: 672 मिलियन (13% अथवा प्रत्येक आठवां व्यक्ति)


रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजन की अनिश्चित या अपर्याप्त उपलब्धता मोटापे में भी योगदान देती है क्योंकि सीमित वित्तीय संसाधन वाले लोग सस्ते, ऊर्जा-सघन प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का चयन कर सकते हैं जिसमें वसा, नमक और चीनी की उच्च मात्रा शामिल होती है

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि पिछले वर्ष 51 देशों में लगभग 124 मिलियन लोगों ने संघर्ष और जलवायु आपदाओं से प्रेरित भूख के संकट के स्तर का सामना किया

रिपोर्ट में कहा गया है कि यमन, सोमालिया, दक्षिण सूडान और अफगानिस्तान जैसे कई राष्ट्र जो लंबे समय से संघर्षों से जूझ रहे हैं, सूखे और बाढ़ जैसे एक या अधिक जलवायु खतरों से भी पीड़ित हैं, उनमें भुखमरी की समस्या अधिक देखी गई है