Monday, 3 September 2018

आजाद भारत में पहली बार होगी ओबीसी की जनगणना


केंद्र सरकार ने जनगणना 2021 में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आंकड़े जुटाने का फैसला किया है। आजाद भारत में यह पहला मौका होगा जब देश में ओबीसी वर्ग के अलग से आंकड़े जुटाए जाएंगे। इससे पहले 1931 में ओबीसी की जनगणना की गई थी। इसी के आधार पर वीपी सिंह सरकार ने ओबीसी को 27% आरक्षण दिया था।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को जनगणना 2021 की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान राजनाथ ने जनगणना की प्रक्रिया में तेजी लाने और आंकड़ों को तीन साल में पेश करने के लिए कहा। अभी इस प्रक्रिया में सात से आठ साल लगते हैं। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि राजनाथ सिंह के साथ हुई बैठक में जनगणना 2021 के रोडमैप पर चर्चा हुई। जनगणना के लिए 25 लाख कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

★ 2006 तक देश में 41% थे ओबीसी 

1931 के बाद से देश में अलग से ओबीसी के आंकड़े नहीं जुटाए गए। सरकारी संस्था नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन ने 2006 में देश में जाति के आधार पर एक रिपोर्ट पेश की थी। इसके मुताबिक, देश में तब तक 41% ओबीसी थे। ओबीसी के 79 हजार 306 परिवार ग्रामीण और 45 हजार 374 परिवार शहरी क्षेत्रों में थे।