केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के. जे. अलफोंस 14 सितंबर 2018 को छत्तीसगढ़ के गंगरेल में ‘जशपुर - कुंकुरी - माइनपत - कमलेशपुर - महेशपुर - कुरदार - सरोदादादर - गंगरेल - कोंडागांव - नाथिया -नवागांव जगदलपुर - चित्रकूट - तीर्थगढ़: आदिवासी परिपथ विकास परियोजना’ (First Tribal Circuit Project under Swadesh Darshan Scheme) का उद्घाटन करेंगे।
यह स्वदेश दर्शन योजना के तहत देश की दूसरी ऐसी परियोजना जिसका कि उद्घाटन हो रहा है। मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा ए. हेपतुल्ला 14 अगस्त, 2018 इंफाल में पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत पहली परियोजना “पूर्वोत्तर सर्किट विकासः इंफाल और खोंगजोंग” परियोजना का उद्घाटन की थी। परियोजना में दो स्थल- कांगला फोर्ट तथा खोंगजोंग को कवर किया गया है।
पर्यटन मंत्रालय ने फरवरी 2016 में 99.21 करोड़ रु. की लागत की इस परियोजना (आदिवासी परिपथ विकास परियोजना) को मंजूरी दी थी। इस योजना के दायरे में छत्तीसगढ़ के जशपुर, कुंकुरी, माइनपत, कमलेशपुर, महेशपुर, कुरदार, सरोदादादर, गंगरेल, कोंडागांव, नाथिया नवागांव, जगदलपुर, चित्रकूट और तीर्थगढ़ शहर आते हैं।
स्वदेश दर्शन पर्यटन मंत्रालय की सबसे अहम परियोजनाओं में से एक है जिसके तहत एक विषय पर आधारित पर्यटन परिपथों का एक योजनाबद्ध ढंग से विकास किया जाना है।
इस योजना को 2014-15 में आरंभ किया गया था और अभी तक मंत्रालय ने 31 राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों में 5997.47 करोड़ रु. की लागत की 74 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। 30 से अधिक परियोजनाओं या इनके महत्वपूर्ण हिस्सों के इस वर्ष पूरा होने की उम्मीद है।
आदिवासियों एवं आदिवासी संस्कृति के विकास पर पर्यटन मंत्रालय का विशेष ध्यान है। मंत्रालय आदिवासी क्षेत्रों में विभिन्न परियोजनाओं पर काम कर रहा है और स्वदेश दर्शन योजना के तहत इन क्षेत्रों में पर्यटन के ढांचे का विकास कर रहा है। आदिवासी परिपथ विषय के तहत मंत्रालय ने नगालैण्ड, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में 381.47 करोड़ रु. की लागत से 4 योजनाओं को मंजूरी दी है।