(किसान समाचार - बिहार में कृषि विकास के बिहार सरकार की 21 कृषि योजनाएँ व 2644.74 करोड़ का बजट।)
बिहार, उपजाऊ मिट्टी के भरपूर प्राकृतिक संसाधनों, प्रचुर मात्रा में पानी, विविध जलवायु, समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के साथ भारत के सबसे दिलचस्प राज्यों में से एक है। बिहार की आबादी 10 करोड़ से ज्यादा है इस 10 करोड़ आबादी में से 76 परसेंट लोग अभी भी अपना व्यवसाय कृषि बताते हैं। यह प्रतिशत बिहार सरकार के द्वारा जारी किया गया है जो उनके वेबसाइट पर भी लिखा है इसका मतलब यह हुआ कि बिहार में 7 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोग इस व्यवसाय से अभी भी जुड़े हुए हैं। बिहार में कुल भौगोलिक क्षेत्र 93.60 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से केवल 56.03 लाख हेक्टेयर शुद्ध खेती वाले क्षेत्र हैं।
बिहार एग्रीकल्चर की मुख्य चुनौतियों में
शुद्ध खेती वाले क्षेत्र में कमी
आबादी और शुद्ध खेती वाले क्षेत्र का अनुपात को देखें तो पता चलता है कि शुद्ध खेती वाले क्षेत्र कम है जनसंख्या के अनुपात के अनुसार। तो इसका मतलब यह हुआ कि हमें खेती के लिए उन्नत तरीका अपनाने की जरूरत है ताकि बिहार की बड़ी आबादी को रोजगार मिल सके। बिहार के आधे से ज्यादा जिलों पर बाढ़ हर साल कहर बरपाती है जिनमें फसलों को भारी नुकसान होता है। बिहार की नदियां हर साल अपनी मार्ग बदल देती है जिससे हजारों एक हेक्टेयर भूमि खेती के लायक नहीं रहा जाता है। भूमि कटाव और जल जमाव से हर साल किसानों को तबाही झेलना पड़ता है। खेती के लिए लगातार की भूमि कम हो रहा है। समय रहते सरकार को जल प्रबंधन करने की आवश्यकता है।
सरकारी योजनाओं को सही से लागू करना
किसान ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते यह बात सब जानते हैं जिसके कारण उसे सरकार द्वारा शुरू किए योजनाओं का पता नहीं चल पाता है या किसान लाभ लेने के लिए संबंधित अधिकारी से संपर्क नहीं कर पाते हैं। सरकार की योजनाएं अगर सही तरीके से किसानों तक पहुंच जाएगा तो मैं मानता हूँ कि बिहार का विकास दर 5-10 बढ़ सकता है।
सिंचाई व्यवस्था को और बेहतर करने की जरूरत है
बिहार के सभी प्रांतों में सिंचाई की व्यवस्था सुलभ नहीं है जिससे किसानों को पंपिंग सेट के द्वारा सिंचाई करना होता है जो अन्य राज्यों की तुलना काफी मंहगा साबित होता है जिससे किसानों का मुनाफ़ा कम हो जाता है।
किसानों में जागरुकता बढ़ाने की जरूरत
सरकार को किसानों को जागरुक करने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है ताकि वह अपना खेती करने की पुरानी रीति रिवाज को बदलकर नए तरीके अपना सके।
फसल बीमा को आसान बनाने की जरूरत
➤ भारत एवं राज्य सरकार ने फसल बीमा की योजना शुरू की है पर किसानों पर यह योजना का लाभ नहीं पहुँच पा रहा है। इनका मुख्य वजह है फसल बीमा करने वाले कर्मचारी किसानों के साथ असक्षम नजर आते हैं।
➤ बिहार कृषि में विकास के बिहार सरकार की 21 कृषि योजनाएँ हैं और जिस का बजट 2644.74 करोड़ है (2017-2018)।
➤ बिहार में कृषि विकास के लिए बिहार सरकार हर साल कृषि बजट को बढ़ा रहा है उनके साथ योजनाओं में भी समय-समय पर परिवर्तन करके दिखा है।
कृषि विभाग बिहार द्वारा प्रायोजित कुल 21 कृषि योजनाएं हैं
बिहार सरकार द्वारा प्रायोजित कृषि योजनाओं की सूची
1.अनुदानित दर पर बीज वितरण
2.राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्रों में बीज उत्पादन
3.मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार कार्यक्रम
4.बीज ग्राम योजना
5.एकीकृत बीज ग्राम योजना
6.धान की मिनीकीट योजना
7.बिहार राज्य बीज निगम का सुदृढ़ीकरण
8.बिहार राज्य बीज प्रमाणन एजेंसी को सहायक अनुदान
9.मिट्टी बीज एवं उर्वरक प्रयोगशाला के उन्नयन कार्यक्रम
10कृषि यांत्रिकरण
11.ई-किसान भवन का निर्माण
12.टाल विकास योजना
13.दियारा विकास योजना
14.किसान सलाहकार योजना
15.धान की कम्यूनिटी नर्सरी विकास
16.धातु कोठिला का अनुदानित दर वितरण कार्यक्रम
17.जैविक खेती प्रोत्साहन योजना
18.बीजोपचार
19.डीजल अनुदान वितरण
20.बाजार समिति का जीर्णोद्धार
21.जीरो टिलेज तकनीक से गेहूँ का प्रत्यक्षण
भारत सरकार का कृषि कार्यक्रम
भारत सरकार अन्य वर्षों की तुलना में वर्ष 2017-18 में सबसे ज्यादा कृषि बजट रखा है! केंद्र सरकार का कृषि बजट - 18, 7223 करोड़ रुपये है। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों की आय प्रतिवर्ष बढ़े, इसके लिए मोदी सरकार हर साल किसानों के लिए बजट को बढ़ावा दे रहा है। बिहार के किसानों के लिए भारत सरकार की कई कृषि योजनाएं हैं जिनमें मुख्यतः इन योजनाओं के नाम सामने आए हैं।
भारत सरकार द्वारा प्रायोजित कृषि योजनाओं की सूची
1.राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
2.राष्ट्रीय तेलहन एवं ऑयलपाम मिशन
3.राष्ट्रीय कृषि संधारणीय मिशन
4.प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
5.राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
6.सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन
7.नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान इन एग्रीकल्चर