Tuesday, 25 September 2018

सिक्किम को मिला पहला एयरपोर्ट


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 सितम्बर 2018 को सिक्किम के पाक्योंग में बने राज्य के पहले हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। विकास भारत के पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है

यह एयरपोर्ट राजधानी गंगटोक से करीब 33 किलोमीटर की दूरी पर है इस एयरपोर्ट के बन जाने से इस राज्य के पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है चीन की सीमा से लगते इस एयरपोर्ट को काफी अहम माना जा रहा है

उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य लोगों को सस्ते में हवाई सफर उपलब्ध कराना और दूर-दराज के इलाकों को भी हवाई संचालन से जोड़ना है

स्थान: हवाई अड्डा 201 एकड़ में फैला हुआ है और पाक्योंग ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा 4500 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है

सामरिक स्थान: यह भारत-चीन सीमा से करीब 60 किमी और सिक्किम की राजधानी गंगटोक से लगभग 30 किमी दूर है

सामरिक प्रासंगिकता: यह एयरपोर्ट सिक्किम के लोगों का जीवन आसान कर देगा सरकार की कोशिश है कि इस एयरपोर्ट से आना-जाना सामान्य लोगों की पहुँच में रहे, इसलिए इसे उड़ान योजना से जोड़ा गया आने वाले दिनों में मुख्य रनवे के बगल में 75 मीटर लंबी एक अन्य पट्टी के निर्माण के बाद भारतीय वायुसेना इस हवाई अड्डे पर विभिन्न प्रकार के विमान उतार सकेगी

रनवे चौड़ाई: एयरपोर्ट का रनवे 1.75 मीटर का है, जिसकी चौड़ाई 30 मीटर है

व्यय: पाक्योंग हवाई अड्डे का निर्माण लगभग 605 करोड़ रुपये में हुआ है

यात्रा का समय: इस हवाई अड्डे से उड़ानों के परिचालन की शुरुआत से पर्यटकों को निकटतम बागडोगरा हवाई अड्डे से उतरने के बाद चार-पांच घंटे का मुश्किल भरा सफर नहीं करना पड़ेगा इस एयरपोर्ट के बन जाने के कारण पर्यटकों और स्थानीय यात्रियों के लिए भी यह सफर से कम से कम 4-5 घंटे बचाएगा

यात्री क्षमता: इसके 1.75 मीटर लंबे रनवे के साथ 116 मीटर का टैक्सीवे है, जिससे इस हवाई पट्टी पर एक ही समय में दो विमान उतारे जा सकते हैं. एयरपोर्ट की क्षमता सौ यात्रियों की है

कनेक्टिविटी: इस एयरपोर्ट के बनने से सिक्किम के टूरिज्म, आर्थिक विकास को बल मिलेगा सिक्किम अकेला ऐसा राज्य था, जिसके पास अपना कोई एयरपोर्ट भी नहीं था अब इस राज्य के पास भी अपना एयरपोर्ट हो गया. इसके साथ ही सिक्किम की कनेक्टिविटी देश के सभी शहरों के साथ मजबूत हो गई है

इंजीनियरिंग का चमत्कार: हवाई अड्डे के निर्माण में अत्याधुनिक जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया गया है यहाँ की मिट्टी में एयरपोर्ट की आवश्यकताओं के हिसाब से बदलाव किए गए हैं 4,500 फीट से ज्यादा की ऊँचाई पर बना यह हवाई अड्डा इंजीनियरिंग का चमत्कार कहा जा रहा है

पर्यटन: प्राकृतिक हरे-भरे पौधों, जंगलों, दर्शनीय घाटियों, पर्वतमालाओं और भव्य सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध सिक्किम पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा जगह है यहाँ पर हवाई सेवा न होने के कारण पर्यटकों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था अब पर्यटकों और आम नागरिकों को काफी फायदा पहुँचेगा राज्य में पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा, जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा इस हवाई अड्डे से पहाड़ों की वादियाँ नजर आएंगी जो एक रोमांचकारी एहसास होगा

अन्य जानकारी:

➤ पाक्योंग हवाई अड्डा देश का 100वां हवाई अड्डा है अगले महीने से लोग सीधे सिक्किम के लिए उड़ान भर सकेंगे स्पाइसजेट एयरलाइन सबसे पहली उड़ान को अंजाम देगी। विमान चार अक्टूबर को कोलकाता से उड़ान भरेगा

 पाक्योंग हवाई अड्डा केंद्र सरकार की ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) योजना में शामिल है. इसका निर्माण भारतीय एयरपोर्ट अथॉरिटी(एएआई) ने किया है. ये एयरपोर्ट चीन सीमा के सबसे करीब है, लिहाजा भारत के लिए रणनीतिक तौर पर भी काफी काम आएगा.

 स्पाइसजेट ने इसी साल 10 मार्च को कोलकाता से पाक्योंग के बीच बॉम्बार्डियर Q400 जहाज की सफल टेस्ट फ्लाइट की थी इसके बाद कंपनी को सिक्यॉरिटी क्लियरेंस मिल गया था हाल ही में भारतीय वायुसेना का एक डोर्नियर 228 इस हवाई अड्डे पर ट्रायल के तौर पर उतारा गया था

पृष्ठभूमि:

इस हवाई अड्डे की आधारशिला वर्ष 2009 में रखी गई थी यहाँ से परिचालन शुरू होने के साथ ही सिक्किम पूरे देश से सीधे तौर पर जुड़ जाएगा यह एयरपोर्ट सिक्किम के लोगों का जीवन आसान कर देगा इस योजना के तहत एक घंटे तक के सफर के लिए सिर्फ 2500-2600 रुपये ही देने होते हैं सरकार के इस विजन के तहत हवाई यात्रा का किराया, रेलवे के सफर के किराए के बराबर हो गया है

यह एयरपोर्ट 206 एकड़ में फैला है सिक्किम के इस एयरपोर्ट में यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर महत्वपूर्ण इंतजाम किए गए हैं वादियों के बीच होने के कारण यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है