विश्व बैंक द्वारा हाल ही में वैश्विक जलवायु परिवर्तन पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बैंकॉक के बारे में विशेष उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि बैंकॉक तेज़ी से समुद्र में समा रहा है।
इसके अतिरिक्त रिपोर्ट के मुताबिक समुद्र से बढ़ते जलस्तर की वजह से मुंबई और कोलकाता पर भी खतरा मंडरा रहा है। वर्ष 2050 तक इन दोनों शहरों के कई इलाकों के समुद्र में समाने का खतरा है जिससे चार करोड़ लोगों को विस्थापित करना पड़ेगा।
विश्व बैंक जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट
- वैज्ञानिकों के मुताबिक बैंकॉक शहर पुराने दलदली जमीन पर बसा है, समुद्री तल से ऊंचाई महज 1.5 मीटर है।
- प्रत्येक वर्ष समुद्र के जलस्तर में प्रति वर्ष चार मिलीमीटर की वृद्धि हो रही है। यह बढ़ोतरी दुनिया के अन्य समुद्री तटों के मुकाबले सबसे अधिक है।
- जलप्रलय की आशंका से जूझ रहा बैंकॉक जलवायु परिवर्तन पर बातचीत की मेजबानी के लिए भी तैयार हो रहा है।
- वैज्ञानिकों की मानें तो जलवायु परिवर्तन की यही गति रही और समुद्र का जलस्तर इसी तरह बढ़ा तो अगले 12 वर्ष में शहर का 40 प्रतिशत हिस्सा समुद्रा में समा जाएगा।
- वर्ष 2018 के अंत में पोलैंड में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा के लिए बैंकॉक में बैठक आयोजित की गई है।
बैंकॉक द्वारा उठाये जा रहे कदम
बैंकॉक में लगभग 2600 किलोमीटर लंबी नहरों का जाल बिछाने की योजना पर काम चल रहा है ताकि बाढ़ की स्थिति में अतिरिक्त पानी की निकासी सुनिश्चित की जा सके। वर्ष 2017 में चुलालोंगकोर्म यूनिवर्सिटी ने 11 एकड़ में एक पार्क विकसित किया गया, जिसे खासतौर पर लाखों लीटर बारिश का पानी निकाल अन्य स्थलों पर भेजने के लिए डिजाइन किया गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2011 में आई बाढ़ में बैंकॉक में 500 से अधिक लोग मारे गये थे।