Saturday, 8 September 2018

अंतरिक्ष में कचरे की समस्या से क्या आशय है। वर्तमान में इस समस्या से निपटने के लिए किस प्रकार के प्रयास किये जा रहे हैं।


What does the problem of waste in space mean? What kind of efforts are currently being made to deal with this problem? (Author: Rajeev Ranjan)

पृथ्वी की कक्षा में भेजे जाने वाले कई उपग्रह, रॉकेट अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण वहीं नष्ट हो जाते हैं और ये सूक्ष्म टुकड़ों के रूप में पृथ्वी की कक्षा में घूमते रहते हैं। नासा के अनुसार ‘भारी मात्र में अंतरिक्ष में मृत स्पेस क्राफ्ट, रॉकेट, उपग्रह, प्रक्षेपण यानों के अवशेष व अन्य निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि का मलबा एकत्र हो चुका है, जो भविष्य में घातक सिद्ध हो सकता है।    अतंरिक्ष में बिखरा यह कचरा सिर्फ उपग्रहों की कक्षा में नहीं, बल्कि हमारे वायुमंडल के लिए भी खतरनाक हो सकता है। यदि कोई बड़ा टुकड़ा पूरी तरह से नष्ट हुए बिना हमारे वायुमंडल में प्रवेश कर जाए तो यह विनाशक सिद्ध हो सकता है।    यह कचरा आण्विक अभिक्रिया के माध्यम से संचार व्यवस्था को भी बाधित करने में सक्षम है।  इसके अतिरिक्त यह मलबा उपग्रहों द्वारा प्रदत्त सेवाओं एवं उनके प्रक्षेपण को प्रभावित कर सकता है।    वर्तमान में अंतरिक्ष में मृत व कृत्रिम रूप से निर्मित वस्तुओं की 7,500 टन अनुमानित मात्रा मौजूद है। जिसकी गति 28,000 किमी. प्रति घंटा है जो किसी अंतरिक्ष यान को नष्ट करने के लिए काफी है।    #समाधानः    अंतरिक्ष यान को किसी मिशन के पूरा होने के बाद उसे निष्क्रिय कर देना चाहिये।    इसका निर्माण Design of Demise के तहत करना चाहिए। इस तरह के यान वायुमंडल में पुनः प्रवेश करने पर  स्वतः नष्ट हो जाते हैं।    डिओर्बिटिग सिस्टमः अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के तहत किसी मिशन को 25 वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उसे वापस ज़मीन पर लाना।    एक अन्वेषण के तहत हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए SPACEX लांच किया गया यह एक छोटे से उपग्रह की सहायता से अंतरिक्ष मलबे को रिकैप्चर कर लेगा।

पृथ्वी की कक्षा में भेजे जाने वाले कई उपग्रह, रॉकेट अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण वहीं नष्ट हो जाते हैं और ये सूक्ष्म टुकड़ों के रूप में पृथ्वी की कक्षा में घूमते रहते हैं। नासा के अनुसार ‘भारी मात्र में अंतरिक्ष में मृत स्पेस क्राफ्ट, रॉकेट, उपग्रह, प्रक्षेपण यानों के अवशेष व अन्य निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि का मलबा एकत्र हो चुका है, जो भविष्य में घातक सिद्ध हो सकता है।

अतंरिक्ष में बिखरा यह कचरा सिर्फ उपग्रहों की कक्षा में नहीं, बल्कि हमारे वायुमंडल के लिए भी खतरनाक हो सकता है। यदि कोई बड़ा टुकड़ा पूरी तरह से नष्ट हुए बिना हमारे वायुमंडल में प्रवेश कर जाए तो यह विनाशक सिद्ध हो सकता है।

यह कचरा आण्विक अभिक्रिया के माध्यम से संचार व्यवस्था को भी बाधित करने में सक्षम है। इसके अतिरिक्त यह मलबा उपग्रहों द्वारा प्रदत्त सेवाओं एवं उनके प्रक्षेपण को प्रभावित कर सकता है।

वर्तमान में अंतरिक्ष में मृत व कृत्रिम रूप से निर्मित वस्तुओं की 7,500 टन अनुमानित मात्रा मौजूद है। जिसकी गति 28,000 किमी. प्रति घंटा है जो किसी अंतरिक्ष यान को नष्ट करने के लिए काफी है।

समाधान

➤ अंतरिक्ष यान को किसी मिशन के पूरा होने के बाद उसे निष्क्रिय कर देना चाहिये।

➤ इसका निर्माण Design of Demise के तहत करना चाहिए। इस तरह के यान वायुमंडल में पुनः प्रवेश करने पर  स्वतः नष्ट हो जाते हैं।

डिओर्बिटिग सिस्टमः अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के तहत किसी मिशन को 25 वर्ष की अवधि पूर्ण कर लेने पर उसे वापस जमीन पर लाना।

एक अन्वेषण के तहत हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए SPACEX लांच किया गया यह एक छोटे से उपग्रह की सहायता से अंतरिक्ष मलबे को रिकैप्चर कर लेगा।