हाल ही में EGREE फाउंडेशन के फील्ड जीव वैज्ञानिकों ने कुम्भाभिषेकम के लैंडिंग प्वाइंट में 'पुद्दुचेरी शार्क' की उपस्थिति दर्ज की है। उल्लेखनीय है कि 2007 और 2016 के बाद यह तीसरी बार है जब इसे देखा गया है।
- पुद्दुचेरी शार्क वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत संरक्षित हैं।
- IUCN की रेडलिस्ट में इसे गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजाति (Critically Endangered) की श्रेणी में रखा गया है।
- ये लुप्तप्राय प्रजातियाँ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत संरक्षित हैं।
- पुद्दुचेरी शार्क आकार में छोटी होती है यानी कि इसकी लंबाई 1 मीटर (3.3 फीट) से अधिक नहीं होती, जबकि इसका रंग भूरा होता है।
- इस प्रजाति की पहचान इसके ऊपरी दाँतों से की जा सकती है, जो कि आधार की ओर मजबूत तथा ऊपर की ओर मुलायम होते हैं।
- इसके अतिरिक्त इसकी पहचान पृष्ठीय पंखों से भी की जा सकती है, जो कि बड़े होते हैं।
- इस शार्क को उन 25 ‘मोस्ट वांटेड लॉस्ट’ (most wanted lost) प्रजातियों की सूची में शामिल किया गया है जो वैश्विक वन्यजीव संरक्षण की ‘खोई हुई प्रजातियों की खोज’ (Search for Lost Species) पहल का हिस्सा है।