Friday, 21 September 2018

अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर को मनाया गया


विश्वभर में 21 सितंबर 2018 को अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस मनाया गया यह दिवस हर जगह स्वतंत्रता, शांति और खुशी फैलाने के लिए मानाया जाता है। 

➤ इस दिवस पर किसी विशेष क्षेत्र में अस्थायी संघर्ष विराम की अवधि तय की जाती है 

➤ शांति सभी को प्यारी होती है। शांति का संदेश दुनिया के कोने-कोने में पहुँचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कला, साहित्य, सिनेमा, संगीत और खेल जगत की विश्वविख्यात हस्तियों को शांतिदूत भी नियुक्त कर रखा है। 

उद्देश्य

यह दिवस विश्व शांति, सौहार्द फैलाने एवं युद्ध तथा हिंसा से दूर रहने के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है इसका मुख्य उद्देश्य पूरी पृथ्वी पर शांति और अहिंसा स्थापित करना है। 

अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस

➤ अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस की स्थापना वर्ष 1981 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गयी। दो दशक बाद वर्ष 2001 में महासभा ने बहुमत से इस दिवस को हिंसा रोकने एवं संघर्ष-विराम की अवधि के रूप में नामित किया वर्ष 2002 से इसके लिए 21 सितम्बर का दिन घोषित कर दिया गया 

➤ संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तीन दशक पहले यह दिन सभी देशों और उनके निवासियों में शांतिपूर्ण विचारों को सुदृढ़ बनाने के लिए समर्पित किया था इस दिन की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (न्यूयॉर्क) में संयुक्त राष्ट्र शांति घंटी बजाकर की जाती है। 

➤ इससे पहले सितंबर 2015 में सभी 193 सदस्य राष्ट्रों ने 17 सतत विकास लक्ष्यों को अपनाया इसके तहत 2030 तक अगले 12 वर्षों में इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रयास किये जायेंगे इनका उद्देश्य गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण एवं सभी के लिए खुशहाली प्रदान करना है

➤ सतत विकास लक्ष्य वर्तमान समय की विशेष मांग है जिसके द्वारा विश्व में शांति तथा विकास की स्थापना की जा सकती है तथा इनकी प्राप्ति के लिए सभी देशों को पारस्परिक सहयोगी भूमिका निभानी होगी

सफेद कबूतर उड़ाना

विश्व शांति दिवस के उपलक्ष्य में हर देश में जगह-जगह सफेद रंग के कबूतरों को उड़ाया जाता है, जो कहीं ना कहीं 'पंचशील' के ही सिद्धांतों को विश्व तक फैलाते हैं विश्व शांति दिवस के अवसर सफ़ेद कबूतर उड़ाने की परंपरा बहुत पुरानी है कबूतर एक शांत स्वभाव वाला पक्षी है

भारत में विश्व शांति

भारत में विश्व शांति के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा पांच मूल सिद्धांत दिए गए थे, जिन्हें पंचशील के सिद्धांत कहा गया यह पांच सिद्धांत हैं:-
(i) एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना
(ii) एक दूसरे के विरूद्ध आक्रमक कार्यवाही न करना
(iii) एक दूसरे के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप न करना
(iv) समानता और परस्पर लाभ की नीति का पालन करना
(v) शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की नीति में विश्वास रखना

                                                                                                     Written by Rajeev Ranjan