Thursday 27 April 2017

वर्ष 2016-17 में पवन ऊर्जा में वृद्धि


भारत में पवन ऊर्जा का विकास 1990 के दशक में प्रारंभ हुआ। इस ऊर्जा के विकास हेतु नोडल मंत्रालय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय है। बहती वायु से उत्पन्न की गई ऊर्जा को ‘पवन ऊर्जा’ कहते हैं। वायु एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है। पवन ऊर्जा हेतु हवादार स्थलों पर पवन चक्कियों को स्थापित किया जाता है जिनके द्वारा वायु की गतिज ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। इस यांत्रिक ऊर्जा को जनित्र की मदद से विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। पवन ऊर्जा को एक अतिविकसित, कम लागत वाला और प्रमाणित अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी के रूप में मान्यता प्राप्त है। तटवर्ती पवन ऊर्जा प्रौद्योगिकी व्यापक स्तर पर भारत में निरंतर वृद्धि के साथ क्रियान्वित हो रही है और इसके दोहन की अपार संभावनाएं हैं।
  • नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2016-17 में पवन ऊर्जा में 5400 मेगावॉट की वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2016-17 के दौरान मंत्रालय ने 4000 मेगावॉट वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया था।
  • पिछले वर्ष 3423 मेगावॉट की वृद्धि हुई थी।
  • वर्ष 2016-17 के दौरान आंध्र प्रदेश 2190 मेगावॉट पवन ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि के साथ पहले स्थान पर है।
  • गुजरात (1275 मेगावॉट) और कर्नाटक (882 मेगावॉट) वृद्धि के संदर्भ में क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं।
  • चौथे स्थान पर मध्य प्रदेश (357 मेगावॉट) और पांचवें स्थान पर राजस्थान (288 मेगावॉट) है।
  • अन्य राज्यों में वृद्धि-तमिलनाडु (262 मेगावॉट), महाराष्ट्र (118 मेगावॉट), तेलंगाना (23 मेगावॉट) और केरल (8 मेगावॉट)।
  • वर्ष 2016-17 के दौरान नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पवन ऊर्जा के क्षेत्र में निविदा प्रक्रिया शुरू की गई।
  • इसके अलावा मंत्रालय द्वारा रिपॉवरिंग नीति, पवन-सौर संकर नीति का मसौदा बनाने और नई पवन ऊर्जा परियोजनाएं लगाने हेतु दिशा-निर्देश की नीतिगत पहल की गई।
  • वर्तमान में भारत में पवन ऊर्जा से विद्युत उत्पादन 9500 मेगावॉट है।
वैश्विक पवन रिपोर्ट, 2015
  • 21 दिसंबर, 2016 को वैश्विक पवन ऊर्जा परिषद द्वारा वैश्विक पवन रिपोर्ट, 2015 प्रकाशित की गई।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत पवन ऊर्जा उत्पादन में चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी के बाद चौथे स्थान पर है।
  • भारत की पवन ऊर्जा के उत्पादन में कुल वैश्विक भागीदारी 5.8 प्रतिशत है।
  • भारत की संस्थापित पवन ऊर्जा क्षमता (25,088 मेगावॉट) देश की कुल वैद्युत संस्थापित क्षमता का 8.7 प्रतिशत है।
  • यह कुल नवीकरणीय ऊर्जा की संस्थापित क्षमता का लगभग दो-तिहाई है।
  • फरवरी, 2015 में भारत ने वर्ष 2022 तक पवन ऊर्जा की संस्थापित क्षमता 60 गीगावॉट करने का लक्ष्य निर्धारित किया था।